देश की राजधानी दिल्ली में जिस तरीके से पिछले साल भर में अराजकता की भरमार हो रही है, उसको देखते हुए अब मोदी सरकार एक नया प्लान बना रही है जिसमें दिल्ली के उप-राज्यपाल को सीएम से ज्यादा अधिकार दिए जाएंगे। इसके लिए केन्द्रीय कैबिनेट ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके पीछे वजह दी गई है कि केन्द्र और राज्य सरकार के बीच किसी भी तरह का टकराव न हो क्योंकि इससे सरकारों की कार्यशैली पर दबाव पड़ता है। वहीं डीटीसी की बसों के जरिए किसान आंदोलन के दौरान अराजकता कर रहे लोगों को बाधित करने के मुद्दे पर भी दिल्ली सरकार खफा थी, तो वहीं उप-राज्यपाल के नए बढ़े अधिकारों से दिल्ली सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
राजधानी दिल्ली में सरकार की कार्यशैली से लेकर अधिकारों के मुद्दे पर राज्य सरकार और उप-राज्यपाल के बीच टकराव होता रहता है और फिर इस मुद्दे पर केन्द्र के खिलाफ भी काफी बयानबाजी होती रहती है। ऐसे में अब केन्द्र सरकार ने तय किया है कि वो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक एलजी को पहले से अधिक पावर प्रदान करने के लिए नियमों में बदलाव करेंगी, जिससे दिल्ली की राज्य सरकार समेत एलजी और केन्द्र के बीच कोई टकराव न हो और किसी भी तरह की गलतफहमी से बचे रहे ।
केन्द्र के नए संशोधन के बाद अब विधायी प्रस्ताव एलजी के पास कम से कम 15 दिन पहले और प्रशासनिक प्रस्ताव सात दिन पहले पहुंचाने होंगे। दिल्ली के उप-राज्यपाल को कई अधिकार मिले हुए हैं। इसी अधिकार को लेकर केजरीवाल सरकार कई बार विरोध जता चुकी है लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर उप-राज्यपाल और दिल्ली के बीच सुलह करवाकर दोनों के अधिकार तय कर चुकी है। इन सबके बावजूद आए दिन टकराव की स्थिति बनती रहती है।
इन टकरावों को देखते हुए ही मोदी सरकार ने कैबिनेट को नए अधिकारों के लिए मंजूरी दे दी है। वहीं दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के मुद्दे पर भी टकराव की स्थिति है। किसानों की अराजकता को देखते हुए दिल्ली पुलिस किसानों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग के तौर पर दिल्ली की डीटीसी बसों का इस्तेमाल कर रही है। ऐसे में दिल्ली के परिवहन विभाग ने आदेश दिया है कि दिल्ली पुलिस इस्तेमाल कर रही डीटीसी की 576 बसें परिवहन विभाग को वापस करें।
डीटीसी की बसों को लेकर दिल्ली की सरकार केवल इसलिए बयानबाजी कर रही है क्योंकि वो किसानों के आंदोलन का समर्थन कर रही है और Delhi के सीएम अरविंद केजरीवाल तो किसानों को मुफ्त वाई-फाई की सुविधा तक दे रहे हैं। ऐसे में वो नहीं दिखाना चाहती है कि दिल्ली सरकार की बसें किसानों के खिलाफ इस्तेमाल की जा रही हैं। इसके चलते Delhi सरकार और गृह मंत्रालय का इस मुद्दे पर एक बार फिर टकराव की स्थितियां बन सकती हैं।
वही दिल्ली के उप-राज्यरपाल के अधिकार में बढ़ोत्तरी करने के बाद दिल्ली की सरकार को उप-राज्यपाल के सारे आदेश मानने होंगे और इससे दिल्ली की सरकार की मनमानियों पर भी ब्रेक लगेगा. जो कि एक बेहद ही सकारात्मक बात होगी।