क्या भारत सरकार की सख्ती के बाद ट्विटर ने महिमा कौल को बनाया ‘बलि का बकरा’?

मोदी सरकार से पंगा लेने का मतलब इन्हें अब समझ आ रहा है!

हाल ही में महिमा कौल ने ट्विटर इंडिया के पॉलिसी हेड के पद से इस्तीफा दिया है। उन्होंने इसके पीछे कुछ निजी कारण बताए हैं, और आधिकारिक तौर पर ट्विटर इंडिया ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि महिमा ने एक प्रकार से ब्रेक लेने का निर्णय किया है, और नए अध्यक्ष के आने तक वह अपने पद पर बनी रहेगी।

लेकिन जो दिखता है, जरूरी नहीं कि वही हो। जिस प्रकार से ट्विटर को भारत में आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, और जिस प्रकार से केंद्र सरकार ट्विटर पर शिकंजा कस रही है, उससे अब मीडिया में ये अटकलें ज़ोरों पर हैं कि कहीं ट्विटर ने अपने आप को बचाने के लिए महिमा को बलि का बकरा तो नहीं बना दिया।

बता दें कि 2018 के अन्त के आसपास यह स्पष्ट हो चुका था कि महिमा कौल तत्कालीन ट्विटर इंडिया के पॉलिसी हेड राहील खुर्शीद की जगह लेंगी। इन्होंने Twitter  इंडिया को 2015 में जॉइन किया था, और 2019 के प्रारंभ में ये आधिकारिक तौर पर ट्विटर इंडिया की पॉलिसी हेड बनी।

तो ऐसा भी क्या किया उन्होंने जिसके कारण उनके इस्तीफे को भी संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है? राहील की तरह महिमा भी वामपंथी हैं, और जब जैक डॉरसी भारत दौरे पर आए थे, तो वह उन महिलाओं में भी शामिल थी, जिन्होंने जैक डॉरसी के साथ मिलकर ‘Smash Brahminical Patriarchy’ के प्लेकार्ड दिखाए थे।

इसके अलावा महिमा कौल ने जब से ट्विटर इंडिया के पॉलिसी हेड के तौर पर अध्यक्षता संभाली है, तभी से ट्विटर काफी विवादों के घेरे में रहा है। कभी गृह मंत्री अमित शाह के अकाउंट को बिना किसी ठोस कारण के ब्लॉक का दिया जाता है, तो कभी लेह लद्दाख को जानबूझकर चीन के हिस्से के रूप में दिखाया जाता है।

इतना ही नहीं, अभी हाल ही में जब ‘किसान आंदोलन’ के नाम पर कई अराजकतावादियों और वामपंथियों ने यह अफवाह फैलाई कि मोदी किसानों के नरसंहार को अंजाम देने वाला है, तो ट्विटर पर “#ModiPlanningFarmerGenocide” प्रमुखता से ट्रेंड हुआ। इसपर जब केंद्र सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ इन्फॉर्मैशन टेक्नॉलोजी ने एक्शन लेते हुए 250 अकाउंट निलंबित करने का निर्देश दिया, तो ट्विटर ने सरेआम उस आदेश का मखौल उड़ाते हुए निलंबित अकाउंट को महज कुछ ही घंटों में बहाल कर दिया, मानो वह केंद्र सरकार को खुलेआम चुनौती देना चाहता हो।

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लेकिन मोदी सरकार ने भी कोई कच्ची गोलियां नहीं खेली है। जिस प्रकार से उन्होंने Twitter के विरुद्ध सख्ती दिखाई है, और जिस प्रकार से वह ट्विटर पर सख्त रुख अपनाए हुए हैं, उसे देखकर यह अटकलें ज़ोरों पर है कि Twitter पर टिक टॉक की भांति कार्रवाई हो सकती है, और ऐसे में ये भी संभव है कि ट्विटर ने अपने ऊपर होने वाली संभावित कार्रवाई से बचने के लिए महिमा कौल की ‘बलि चढ़ाने’ का निर्णय लिया हो, ताकि ट्विटर को भारत से कोई नुकसान न हो, क्योंकि यदि भारत ने Twitter पर कार्रवाई की, तो फिर ट्विटर को अपना अस्तित्व बचाने के भी लाले पड़ जाएंगे।

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