पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने मीडिया को लताड़ा, महुआ मोइत्रा को पढ़ाया पाठ

गोगोई

पूर्व चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई ने अपने हालिया इंटरव्यू में TMC की सांसद महुआ मोइत्रा के साथ-साथ लिबरल मीडिया को भी ऐसा पाठ पढ़ाया है, जिसके बाद सोशल मीडिया पर उनकी खूब चर्चा की जा रही है। पिछले दिनों संसद में बोलते हुए महुआ मोइत्रा ने रंजन गोगोई के खिलाफ निजी टिप्पणी की थी जिसके बाद उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव भी लाया गया था। हालांकि, अब महुआ मोइत्रा को खुद रंजन गोगोई ने मुंहतोड़ जवाब दिया है।

बता दें कि 8 फरवरी को लोकसभा में बहस के दौरान मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश गोगोई का नाम लिए बगैर उनपर सवाल उठाए थे, और उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले का उल्लेख भी किया था, जिसके बाद संसद में हँगामा खड़ा हो गया था। ऐसा इसलिए क्योंकि संविधान का अनुच्छेद 121 हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के कामकाज व फैसलों पर सदन में चर्चा पर रोक लगाता है। इसके बाद अब India Today Conclave में बोलते हुए रंजन गोगोई ने खुद मोइत्रा को एक्सपोज़ किया है।

गोगोई ने सांसद महुआ मोइत्रा के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि वह उनका नाम लेने से क्यों कतरा रही हैं। उन्होंने ये भी कहा कि जिस महिला सांसद ने उन पर आरोप लगाया है उनके पास सही जानकारी भी नहीं है। 8 फरवरी को जब महुआ संसद में बोल रही थीं तो राम मंदिर पर आए गोगोई के फैसले के खिलाफ उनकी खीझ साफ देखने को मिल रही थी। इतना ही नहीं, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट पर भी लोगों की अपेक्षाओं और उम्मीदों पर खरा न उतरने का आरोप लगाया था।

गोगोई इतने पर ही नहीं रुके, उन्होंने इसके साथ ही India Today चैनल के साथ-साथ मीडिया के उस धड़े को भी आड़े हाथों लिया, जो सार्वजनिक रूप से कोर्ट के जजों का ट्रायल करने का काम करते हैं। उन्होंने कहा, ‘ये किस तरह के हमले हैं? क्या कोई मौजूदा या पूर्व जज इन धमकियों से डर जाएगा? अगर किसी जज को डर लगेगा तो क्या वो काम कर पाएंगे? जज को डराया जाता है कि देखो, तुम वो करो जो हम चाहते हैं। ऐसा नहीं करने पर रिटायरमेंट के बाद तुम पर मीडिया में हमला किया जाएगा।’

गोगोई ने आगे कहा, ‘इंडिया टुडे, NDTV 24X7, इंडियन एक्सप्रेस जैसे वेब पोर्टल आपसे कह रहे हैं कि जिस तरह से हम चाहते हैं वैसा करो वरना हम आप पर हमला करेंगे। क्या एक जज को इससे बचाया जा सकता है? दुर्भाग्य से कई ऐसे लोग हैं जो घुटने टेक रहे हैं। ये असली खतरा है।’

गोगोई का यह वक्तव्य ना सिर्फ उनपर बेवजह आरोप लगाने वालों के लिए एक सबक है बल्कि मीडिया के लिए भी एक पाठ है जो कोर्ट के उन फैसलों पर जजों के खिलाफ निजी टिप्पणी करने से पीछे नहीं हटते जो फैसले उनकी राय के खिलाफ दिये जाते हैं। उदाहरण के लिए राम मंदिर पर आया सुप्रीम कोर्ट का ही फैसला ले लीजिये, जिसके खिलाफ ना सिर्फ महुआ मोइत्रा जैसे सांसद बल्कि कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों ने भी आवाज़ उठाई थी। रंजन गोगोई इससे पहले भी अपने मुखर बयानों के कारण चर्चा में रह चुके हैं। पिछले वर्ष मई में उन्होंने सेवानिवृत्ति के तुरंत बाद न्यायपालिका पर सवाल उठाने वाले जजों पर कई सवाल उठाए थे। अब जब उन्होंने मीडिया और महुआ जैसे सांसदों को आड़े हाथों लिया है तो दोबारा वे देश की लिबरल गैंग के निशाने पर आ सकते हैं।

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