फेक न्यूज का कारोबार देश में लगातार बढ़ता ही जा रहा है। एक खास एजेंडे के तहत देश में कुछ इंटरनेट मीडिया संस्थान फेक न्यूज फैलाते रहते हैं लेकिन आश्चर्य तब होता है, जब मेन स्ट्रीम मीडिया और एजेंसियां तक एजेंडा चलाते हुए खबरों को तोड़-मरोड़ कर पेश करते हुए फेक न्यूज फैलाने लगती हैं। एनडीटीवी से लेकर द प्रिंट और वायर को तो इस कुकर्म में महारत हासिल है ही, लेकिन अब इस दौड़ में पीटीआई भी शामिल हो गया है जिसने असम के स्वास्थ्य मंत्री हेमंता बिस्वा सरमा के कथन को गलत तरीके से प्रस्तुत कर मुद्दे को हिन्दू-मुस्लिम रंग देने की कोशिश की, लेकिन अब हेमंता ने पीटीआई को लताड़ लगाते हुए आईना दिखाया है।
पूर्वोत्तर के सबसे महत्वपूर्ण राज्य यानी असम की राजनीति में अगर आज की स्थिति में बात करें, तो सबसे बड़ा नाम बीजेपी नेता और स्वास्थ्य मंत्री हेमंता बिस्वा सरमा का ही है। ये नाम राज्य के हर व्यक्ति की जुबान पर आता है। उनकी इसी लोकप्रियता के चलते राज्य में बीजेपी के विरोधी और पार्टी के खिलाफ एजेंडा चलाने वाले हेमंता के खिलाफ अभियान छेड़े रहते हैं, लेकिन पीटीआई जैसे मुख्य मीडिया समूह से इस तरह के कारनामों की उम्मीद काफी मुश्किल थी। इसके बावजूद पीटीआई अपने निचले स्तर पर चला गया है और खबरों को हिंदू-मुस्लिम का रंग देने लगा है।
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हेमंता बिस्वा सरमा के हवाले से पीटीआई ने अपने ट्वीट में लिखा, “अगर आप भारत और गीता के बीच चल रही जंग में भारत के साथ खड़े हैं तो ही आप एक सच्चे हिंदू माने जाएंगे।” जबकि हेमंता बिस्वा सरमा ने अपने कथन में ऐसा कुछ कहा ही नहीं है। उन्होंने कहा था, “आज के दौर में तथाकथित सेक्युलर लोग भारत और कुरान के बीच प्राथमिकता किसे देंगे? मैं तो भारत को दूंगा क्योंकि जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी।” जाहिर है कि हेमंता के कथन को पीटीआई ने बिल्कुल ही पलट दिया जिसके बाद हेमंता ने पीटीआई को तगड़ी लताड़ लगा दी है।
हेमंता बिस्वा सरमा ने पीटीआई के इस गलत ट्वीट को ही पुन: री-ट्वीट करते हुए अपनी कही हुई बात दोहराई और ये भी कहा, “सभी को मेरा इंटरव्यू देखना चाहिए क्योंकि पीटीआई ने उनकी कही हुई बात को गलत तरीके से ट्वीट किया है।” सटीक शब्दों में कहें तो हेमंता ने सरेआम फेक न्यूज़ फैला रहे पीटीआई को लताड़ लगा दी है और साफ संकेत दिया है कि अपनी हद में रहकर ही पत्रकारिता करे, वरना आगे फेक न्यूज फैलाने पर अंजाम बुरे भी हो सकते हैं।
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ऐसा पहले भी कई बार हो चुका है कि हेमंता बिस्वा सरमा के निशाने पर पत्रकार आए हों। इसकी एक बड़ी वजह ये भी है कि असम समेत पूरे पूर्वोत्तर राज्यों में भाजपा के हिंदुत्व के एजेंडा को आगे बढ़ाने में हेमंता बिस्वा सरमा जी-जान से लगे हुए हैं। 2016 में कांग्रेस से बीजेपी में आकर पार्टी के खास बन चुके हेमंता इन्हीं कारणों के चलते अब वामपंथी मीडिया के निशाने पर रहते हैं, लेकिन पीटीआई को हेमंता का दिया सटीक जवाब संकेत है कि वो मीडिया के फेक न्यूज की भी समय-समय पर पोल खोलते रहेंगे।