फर्नीचर क्षेत्र की Iphone “IKEA” का Noida में आना दिखाता है कि यहाँ लोगों का जीवनस्तर बेहतर हुआ है

5500 करोड़ रुपये की लागत से नोएडा में तैयार होगा शॉपिंग सेंटर

वुहान वायरस ने बाकी राज्यों में चाहे जैसा उत्पात मचाया हो, परंतु इसने यूपी को मानो अपना कायाकल्प करने का एक सुनहरा अवसर दे दिया है। फर्नीचर जगत में शिरोमणि माने जाने वाले IKEA ने यूपी में निवेश करने को अपनी सहमति दी है, और इस दिशा में 5500 करोड़ रुपये की लागत से नोएडा में एक शॉपिंग सेंटर तैयार किया जाएगा।

लाइवमिन्ट की रिपोर्ट के अनुसार, “शुक्रवार को एक अहम निर्णय में नोएडा के सेक्टर 51 में IKEA को 50000 स्क्वेयर मीटर की भूमि क्षेत्र आवंटित की गई है। स्वीडन की इस प्रसिद्ध फर्नीचर कंपनी का उद्देश्य है कि उत्तर प्रदेश में अपना पहला रीटेल आउट्लेट खोलें। इस प्रोजेक्ट से रोजगार भी उत्पन्न होगा और उत्तर प्रदेश को आवश्यक इन्फ्रस्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए अनेक अवसर भी मिलेंगे”

यह आवंटन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उद्योग मंत्री सतीश महाना की वर्चुअल उपस्थिति में हुआ। IKEA 5000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश नोएडा में अगले 7 वर्ष में करने को तैयार है। नोएडा विकास प्राधिकरण को पहले ही इसके लिए 850 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है।

लेकिन यह IKEA है क्या, और इसका उत्तर प्रदेश में आना क्यों एक बेहद अभूतवपूर्व कदम है? दरअसल यह कंपनी IngkaCentres की subsidiary कंपनी है, जो फर्नीचर में अपने उच्चतम क्वालिटी की फर्नीचर के लिए जानी जाती है। यूं समझ लीजिए कि फर्नीचर जगत का आई फोन है IKEA। यूरोप, रूस और चीन में इसके 45 से भी अधिक स्टोर्स है और ये अमेरिका में 2021 तक अपनी जगह बना लेगा। हैदराबाद और नवी मुंबई में पहले ही इसके दो स्टोर चालू हैं।

अब IKEA उन्ही शहरों में अपनी जगह बनाते हैं, जिनमें उसे संभालने का दम हो। यदि IKEA नोएडा में अपनी जगह बना रहा है, तो इसका स्पष्ट अर्थ है – न केवल नोएडा में रहने की क्षमता [standard of living] काफी हद तक सुधरी है, अपितु वह IKEA जैसे कंपनियों का दिल खोलके स्वागत करने को भी तैयार है।

लगभग 4 वर्ष हो चुके हैं, और उत्तर प्रदेश की अवस्था में आकाश पाताल का अंतर आ चुका है। किसी जमाने में देश के सबसे पिछड़े राज्यों में गिने जाने वाला उत्तर प्रदेश आज देश के सबसे प्रगतिशील राज्यों में अपनी पैठ जमाने के लिए पूरी तैयार है। पिछले दो वर्षों में जिस तरह से इस राज्य में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय निवेश को बढ़ावा दिया है, वो अपने आप में प्रशंसनीय है।

इसके अलावा वुहान वायरस के महामारी को अपने लिए एक सुनहरे अवसर में परिवर्तित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को एक आकर्षक औद्योगिक हब में परिवर्तित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। श्रम सुधार को बढ़ावा देना हो, कानून व्यवस्था को दुरुस्त करना हो, या फिर अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों को हर प्रकार की सहूलियत देनी हो, योगी सरकार कहीं भी पीछे नहीं है।

इसी कारणवश जर्मनी की फुटवियर कंपनी Von Wellx और स्मार्टफोन निर्माता सैमसंग उत्तर प्रदेश में भर भर के निवेश करने को इच्छुक है, और अब जब IKEA ने उत्तर प्रदेश में निवेश करने का निर्णय किया है, तो संदेश स्पष्ट है – यूपी में अवसरों की कोई कमी नहीं, बस निवेश करने की जरूरत है।

Exit mobile version