“लोकतंत्र में आप किसी की आवाज नहीं बंद कर सकते”, राष्ट्रपति मैक्रों खुलकर ट्रम्प के समर्थन में आये

फेसबुक-ट्विटर को लताड़ा

मैक्रों

ऐसे समय में जब पश्चिमी दुनिया लेफ्ट लिबरल के द्वारा लगातार किए जा रहे प्रोपोगेंडा से प्रभावित हो रही है, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने एक अलग ही छवि पेश की है। जब सभी सोशल मीडिया की टेक कंपनियों ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को उनके राष्ट्रपति के अंतिम दिनों में अचानक सेंसर करने का जश्न मना रहे थे, तो कई ने इसे राइट टू फ्रीडम ऑफ स्पीच के लिए एक काला दिन माना था। अब मैक्रो ने इन सोशल मीडिया कंपनियों को जम कर लताड़ लगाई है।

मैक्रों ने कहा, “कैपिटल हिल के हमले को लेकर हम बहुत परेशान थे। लेकिन उसी समय हम इस बात को लेकर भी उतना ही परेशान थे कि सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म से तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कुछ समय बाद ही बैन कर दिया गया। कुछ ही देर में जब उन सोशल मीडिया कंपनियों यह स्पष्ट हो गया कि ट्रंप सत्ता से बाहर हो चुके है, तो अचानक से सोशल मीडिया पर से उनकी आवाज काट दी गई।”

मूल उदारवाद का  उदाहरण देते हुए में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने  गुरुवार को सोशल मीडिया द्वारा डोनाल्ड ट्रंप के हार की पुष्टि होने के बाद बैन करने के लिए खूब खरी खोटी सुनाई है। उनका यह बयान निश्चित रूप से कई लोगों को निराश करेगा जो उदारवाद की आड़ में मार्क्सवाद का प्रचार करते हैं क्योंकि मैक्रॉन ने उन्हें आईना दिखाया है और डोनाल्ड ट्रम्प को पूर्ण समर्थन किया है।

देखा जाए तो एक तरह से मैक्रों ने वाशिंगटन को आईना दिखाते हुए यह बताया है कि वास्तविक पश्चिमी मूल्य क्या हैं।  इमानुएल मैक्रों ने स्पष्ट कहा कि, “मैं एक ऐसे लोकतंत्र में नहीं रहना चाहता जहाँ महत्वपूर्ण निर्णय … एक निजी खिलाड़ी, एक प्राइवेट सोशल मीडिया नेटवर्क द्वारा तय किया जाता है।  मैं चाहता हूं कि सभी निर्णय आपके प्रतिनिधि द्वारा लोकतांत्रिक रूप से चर्चा के बाद बनाए गए कानून द्वारा तय किया जाए। “

 

 

राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के कुशल नेतृत्व में फ्रांस अब समझ चुका है कि अमेरिका के वर्तमान डेमोक्रेट्स नेतृत्व पश्चिमी सभ्यता के लिए कितना खतरनाक है और यही कारण है कि वह अमेरिका से संबंधित मुद्दों पर अपने बेबाक विचार दुनिया के सामने रखा।

उन्होंने यह कहने में थोड़ा भी संकोच नहीं किया कि सोशल मीडिया कंपनियों ने डोनाल्ड ट्रम्प पर उसी समय बैन लगाया जब वे ट्रंप की हार को लेकर सुनिश्चित हो गए। बता दें कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर से स्थायी रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया था।  सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म से किसी राष्ट्राध्यक्ष पर इस तरह से प्रतिबंध एक ऐसी मिसाल है जो पहले कभी नहीं लगाई गई थी।

ट्विटर वही प्लेटफॉर्म है जो फ़्रीडम ऑफ स्पीच का दावा करता है।  हालाँकि, ट्रंप जैसे शक्तिशाली नेता पर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई बताती हैं कि ‘फ्रीडम ऑफ स्पीच’ बस एक दिखावा है, जो लेफ्ट लिबरल ब्रिगेड लोगों को भटकने के लिए इस्तेमाल करता है।

फ्रांसीसी राष्ट्रपति का समर्थन ऐसे समय में आया है जब बड़े पैमाने पर पश्चिमी नेताओं ने classical liberalism और लोकतंत्र के बुनियादी आवश्यकताओं को निभाने के लिए अपनी जिम्मेदारी को भुला चुके हैं। इसके बजाय उन्होंने बड़े पैमाने पर लोगों को नियंत्रित करने के लिए आधुनिकतावाद और लेफ्ट लिबरल गठबंधन की पैकेजिंग वाले नए नए मार्क्सवादी प्रोपोगेंडा का इस्तेमाल किया है।

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