‘तुम्हारी झूठी खबर ने चीन को फायदा पहुंचाया’, जनरल VK सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार की उड़ाई धज्जियां

इंडियन एक्सप्रेस

केंद्र सरकार में सड़क परिवहन राज्य मंत्री, जनरल वीके सिंह (सेवानिर्वृत्त) एक बार फिर से सुर्खियों में है। दरअसल, इंडियन एक्सप्रेस ने एक बार फिर झूठे आरोपों के अंतर्गत उन्हें घेरने का प्रयास किया, लेकिन वीके सिंह ने दो कदम आगे बढ़ते हुए इंडियन एक्सप्रेस के झूठ को ना सिर्फ उजागर किया, बल्कि इंडियन एक्सप्रेस को उसके झूठ के लिए जमकर धोया भी।

परन्तु समस्या किस बात की थी? दरअसल, इंडियन एक्सप्रेस ने यह बताया कि जनरल वीके सिंह ने दावा किया कि अगर चीन ने एक बार LAC पे घुसपैठ की, तो भारत ने उससे ज़्यादा बार LAC पे घुसपैठ की है। इससे ना सिर्फ भारतीय मीडिया में खलबली मच गई, बल्कि चीन को भी भारत के विरुद्ध जहर उगलने का अवसर मिल गया।

इस बात पर वीके सिंह से स्पष्टीकरण लेने की कोई आवश्यकता नहीं समझी गई, जिससे वह आगबबूला हो गए, और उन्होंने अपने बयान में इंडियन एक्सप्रेस को जमकर धोया। वीके सिंह के बयान के अनुसार, “लगभग एक दशक पहले, जब मैं भारतीय थलसेना का प्रमुख था, तब द इंडियन एक्सप्रेस हाथ धोके मेरे पीछे पड़ गया था। मेरे विरुद्ध तख्तापलट के झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाए गए थे। दुर्भाग्यवश ना तो प्रेस काउंसिल और ना ही किसी अन्य बॉडी ने इसके विरुद्ध कोई कार्रवाई की, जिससे इन लोगों को मानो ऐसे झूठे आरोपों को फैलाने का लाइसेंस मिल गया”।

जनरल ने आगे कहा, “कुछ इसी प्रकार से मदुराई में पूछे गए एक सवाल का तोड़ मरोड़कर जवाब दिया गया। मैंने सिर्फ इतना कहा कि LAC पर बॉर्डर चिन्हित नहीं है और दिक्कतें ऐसी होती रहेंगी। मेरे बयान को गलत तरह से दिखाना चीन को एक अनावश्यक मौका देने जैसा है, जिसका उन्होंने भरपूर फायदा भी उठाया”।

 

लेकिन यह तख्तापलट वाली कहानी क्या है? इसकी जड़ें 2010 तक जाती हैं, जब जनरल वीके सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में अपने जन्म के तिथि में त्रुटि को लेकर एक याचिका फ़ाइल की थी। यह एक बहुत छोटी सी बात थी, लेकिन तत्कलीन कांग्रेस सरकार ने इसे अपनी बेइज्जती समझते हुए जनरल वीके सिंह के विरुद्ध मोर्चा संभालना शुरू कर दिया।

इसमें नमक मिर्च लगाने का काम किया द इंडियन एक्सप्रेस और उसके तत्कलीन पत्रकार शेखर गुप्ता ने, जिन्होंने 2012 में जनरल पर तख्तापलट की तैयारियां करने का बेबुनियाद आरोप लगाया, जिससे जनरल वीके सिंह को काफी बेइज्जती झेलनी पड़ी। उसी दिन के बाद से जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) और शेखर गुप्ता के बीच अनबन बुरी तरह बढ़ गई।

लेकिन ऐसा लगता है कि द इंडियन एक्सप्रेस ने उस पूरे प्रकरण से कोई सीख नहीं ली है। तख्तापलट की झूठी खबर के लिए माफी मांगनी तो दूर की बात, उल्टे उन्होंने अब वीके सिंह के बयान को तोड़ मरोड़कर फिर चीन को अनावश्यक बयानबाज़ी करने का अवसर दे दिया, जिसके लिए वीके सिंह ने ताबड़तोड़ धुलाई भी की है।

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