जगमीत सिंह: खालिस्तानी मास्क के पीछे असल चेहरा

जगमीत सिंह

भारत में पिछले कई महीनों से जारी किसान प्रदर्शन के दौरान कनाडा की ओर से बेवजह दखलंदाज़ी देखने को मिली है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो खुद अपनी घरेलू राजनीतिक मजबूरीयों के कारण भारत के अंदरूनी मामले में हस्तक्षेप कर चुके हैं। राजनीतिक मजबूरी इसलिए क्योंकि सरकार में उनके साथी New Democratic Party के नेता जगमीत सिंह एक कट्टर खालिस्तानी समर्थक हैं, जो ना सिर्फ कनाडा में बल्कि दुनियाभर में खालिस्तानी तत्वों का भरपूर समर्थन करता है। अपनी शानदार PR के बल पर जगमीत सिंह को कनाडा में एक साफ छवि वाले कर्मठ और लोकतान्त्रिक नेता के रूप में देखा जाता है, लेकिन असल में ये उसी के कारनामे हैं जो कनाडा और भारत के रिश्तों को बर्बाद करने की क्षमता रखते हैं।

जगमीत सिंह के माता-पिता भारतीय मूल के हैं और ये कनाडा में मौजूद भारतीय सिखों में लोकप्रिय भी है। वर्ष 2017 से वह New Democratic Party का नेतृत्व कर रहा है और कनाडा में खालिस्तानी विचार को बढ़ावा देता आया है। खालिस्तानी गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए वो वर्ष 2012 से ही भारतीय खुफिया एजेंसी RAW के निशाने पर हैं। भारत विरोधी रुख के लिए वर्ष 2013 में उसे भारतीय सरकार ने भारत का वीज़ा प्रदान करने से भी साफ़ मना कर दिया था। तब जगमीत सिंह ऐसा पहले पश्चिमी नेता बना था, जिसे भारत सरकार ने वीज़ा प्रदान करने से मना कर दिया हो।

वर्ष 2015 में जगमीत सिंह ने San-Francisco में एक खालिस्तानी समर्थक रैली में शिरकत की थी, जहां उसने खुलेआम आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरांवाले की तारीफ़ों के पुल बांधे थे। इसके ठीक अगले ही वर्ष खालिस्तानी जगमीत सिंह ने भारत में खालिस्तान की स्थापना के लिए हिंसा के इस्तेमाल को जायज़ ठहराया था। खुफिया एजेंसी RAW ने अपनी एक रिपोर्ट में यह भी बताया था कि जगमीत सिंह खालिस्तान को बढ़ावा देने वाले कई पाकिस्तानी संगठनों को सीधे-सीधे सहायता पहुंचाते हैं। इसके साथ ही जगमीत सिंह के यूरोप से operate करने वाले कई कश्मीरी और खालिस्तानी अलगाववादी संगठनों के साथ भी करीबी संबंध हैं। वे कनाडा में भारत विरोधी कश्मीरी अलगाववादी और खालिस्तानी शक्तियों को एक साथ लाने की दिशा में भी काम कर चुके हैं। वर्ष 2019 में जब भारत ने कश्मीर से Article 370 को हटाया था, तब भी जगमीत सिंह ने भारत के विरोध में और पाकिस्तान के पक्ष में अपनी आवाज़ उठाई थी और भारत पर मानवाधिकारों के उल्लंघन के बेबुनियाद आरोप लगाए थे।

अब जब भारत में किसान प्रदर्शन की आड़ में भारत विरोधी खालिस्तानी प्रोपेगैंडे को बढ़ावा दिया जा रहा है, तो इसमें भी जगमीत सिंह की सक्रिय भूमिका निकलकर सामने आ रही है। हाल ही में जगमीत सिंह पर आरोप लगा था कि उन्होंने कनाडा में कई भारत-विरोधी ताकतों के साथ मिलकर अमेरिकी सिंगर रिहाना को भारत-विरोधी ट्वीट करने के लिए ढाई मिलियन डॉलर की फंडिंग भी प्रदान की थी।

रिहाना की जगमीत सिंह के साथ मित्रता कोई बहुत नई बात नहीं है। एक टीवी प्रोग्राम में रिहाना को उसके निकनेम ‘रीरी’ से संबोधित करते हुए जगमीत सिंह एक किस्से के बारे में बात करने लगे, जहां जनाब को रिहाना से फॉलो बैक भी मिला था, और कैसे वे तब से ट्विटर पर एक दूसरे से बात कर रहे हैं।

जगमीत सिंह कनाडा में सालों से भारत विरोधी प्रोपेगैंडा फैलाते आए हैं, लेकिन कनाडा के आम लोगों को आज भी उनके इस विषैले एजेंडे का पता नहीं है। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि कनाडा के लोगों को वहाँ की मीडिया के माध्यम से इस खालिस्तानी के बारे में सही जानकारी दी जाए ताकि वे भविष्य में इस व्यक्ति की वजह से भारत-कनाडा के रिश्तों को बर्बाद होने से बचा सकें।

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