कपिल मिश्रा ने द वायर को इंटरव्यू के लिए चुना, फिर द वायर को बर्बाद कर दिया

कपिल मिश्रा

(PC: Shortpedia)

भारत के वामपंथी मीडिया संस्थानों ने देश हित से जुड़े मुद्दों पर अपनी काफी भद्द पिटाई ली है, जिसका नतीजा ये हे कि अब ये सभी संस्थान दर्शकों की नजरों से ओझल हो चुके हैं, और टीआरपी की सूचियों से गायब हो चुके हैं। ऐसे में ये सभी इंटरनेट के जरिए अपना प्रोपेगेंडा चला रहे हैं। इस घटती लोकप्रियता के बावजूद इन लोगों ने अपनी जहर बांटने की नीति नहीं छोड़ी है। इनका एक निशाना बीजेपी नेता कपिल मिश्रा भी रहते हैं, लेकिन इस बार कपिल मिश्रा ने वामपंथियों के गढ़ यानी ‘द वायर’ के मंच पर जाकर उसके ही एजेंडे को एक्सपोज कर दिया है।

संसद द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ देश की राजधानी दिल्ली समेत पूरे देश ने एक विशेष समुदाय के दंगाई स्वरूप को आंदोलन के नाम पर 2019 के अंत और 2020 के जनवरी फरवरी के महीनों में देखा था।  इस पर जब बात होती है तो वामपंथी मीडिया केंद्र सरकार की मशीनरी को जिम्मेदार ठहराते हुए दंगाईयों को बचाने की नीति पर काम करता हैं। इसी कड़ी में ये लोग बीजेपी नेता के एक बयान को लेकर उन पर निशाना साधते रहे हैं कि कपिल मिश्रा ने दंगाईयों को भड़काने का काम किया था। ऐसे में अब कपिल मिश्रा ने ‘द वायर’ के कथित पत्रकारों और एजेंडा धारियों को खूब लताड़ दिया है।

‘द वायर’ को कपिल मिश्रा ने इंटरव्यू दिया और फिर उसके एजेंडे को एक्सपोज कर दिया है। कपिल मिश्रा से वायर के एजेंडा धारियों ने पूछा, आपको देश के मुसलमानों से क्या दिक्कत है, क्यों आप चाहतें हैं कि प्रतिदिन दंगा होता रहे। कपिल मिश्रा ने सटीक शब्दों में जवाब दिया और कहा,मुझे इस देश में मुसलमानों से किसी प्रकार की दिक्कत नहीं है, वो भी हमारे ही देश का हिस्सा हैं। मुझे दिक्कत है कि जिस तरह से देश में झूठ फैलाया जा रहा है कि लोगों की नागरिकता चली जाएगी उन्हें डिटेंशन सेंटर में ठूंस दिया जाएगा।

कपिल मिश्रा इतने पर ही नहीं रुके उन्होंने सीधे शब्दों में कहा,मुझे आप ( वायर) जैसे लोगों से दिक्कत है, जो देश में नफरत का जहर घोल रहे हैं, और अनापशनाप लिखते और फैलाते रहते हैं जिससे अस्थिरता है। असल दिक्कत वायर है, क्योंकि आप लोगों का यही धंधा बन गया है। इस एक जवाब के साथ ही कपिला मिश्रा ने अपने इंटरव्यू देने की मंशाएं स्पष्ट कर दी थीं कि वो वायर को सफाई देने नहीं बल्कि उनकी बैंड बजाने गए थे।

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इसमें किसी भी प्रकार का कोई संशय नहीं है कि देश में इस वक्त ‘द वायर’ ‘द प्रिंट’, क्विंट जैसे संस्थान कल्पनाओं के आधार पर पत्रकारिता नहीं बल्कि  एजेंडा चला रहे है़ं। इनके इस एजेंडे से आए दिन देश का एक खास  समुदाय भड़का रहता है, जिसका अंजाम कभी किसी रिंकू शर्मा या अंकित शर्मा की मौत के रूप में सामने आता रहता है। ऐसे में जरूरी था कि कोई इन्हें लताड़े। कपिल मिश्रा ने ये जिम्मा निभाया और ‘द वायर’ को इंटरव्यू देकर संस्थान की ही धुनाई कर डाली, जो कि हमेशा याद रखी जाएगी।

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