‘Koo होगा अब आम जनता से बातचीत का माध्यम’, Koo App को बढ़ावा दे मोदी सरकार ट्विटर को बड़ा झटका देने की तैयारी में है

KOO

(PC: The Financial Express)

भारत के अंदर ट्विटर ने मोदी सरकार से पंगा लेकर अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है। अब दुश्मनी का असर भी देखने को मिल रहा है और ये अमेरिकी माइक्रोब्लॉगिंग साइट बार-बार भारत की बात ना मानकर अपने लिए मुश्किलें खड़ी कर चुका है। रिपोर्ट के अनुसार वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने ईटी नाउ और न्यूज 18 को बताया है कि ट्विटर के स्थान पर अब भारतीय APP – KOO को प्राथमिकता दी जाएगी।

हालांकि, मोदी सरकार की चेतावनी के बाद  ट्विटर ने अंततः उन अकाउंट्स को बैन कर दिया जिन्हें भारत सरकार ने ब्लैकलिस्ट कर दिया था। परन्तु अब केंद्र सरकार का मानना है कि जब तक अपनी भारतीय संचार के लिए अमेरिकन बिग टेक पर निर्भर हैं तब तक आत्मानिभर भारत का सपना हासिल नहीं किया जा सकता है।

ईटी नाउ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मोदी सरकार जल्द ही अपने सभी महत्वपूर्ण अपडेट और घोषणाओं को ट्विटर से पहले  KOO पर साझा करना शुरू कर देगी, और फिर 1-3 घंटे बाद ट्विटर पर करेगी।

एक अपुष्ट सूत्र के अनुसार, “मंत्रियों, नौकरशाहों, मंत्रालयों और विभागों द्वारा पहले KOO पर अपडेट शेयर करने के विकल्प है और फिर ट्विटर पर लिंक को कॉपी-पेस्ट करें। इसे KOO को बढ़ावा मिलने के लिए योजना बनाई जा रही है।”

यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल पहले से ही ट्विटर पर अपने Koos के लिंक साझा कर रहे हैं, जिसे सरकारी अधिकारी ने दूसरे विकल्प के रूप में वर्णित किया है। प्रमुख समाचारों में, सूत्र ने यह भी बताया कि ऐप के उपयोगकर्ता आधार में पर्याप्त वृद्धि के बाद पीएम मोदी जल्द ही KOO पर आने वाले हैं।  सूत्र ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इसमें शामिल होने के बाद यह सबसे ऊपर होगा लेकिन यह यूजर बेस बढ़ने के बाद होगा।” सूत्रों ने कहा कि आने वाले दिनों में कैबिनेट मंत्री, सांसद और सरकार के वरिष्ठ सदस्य सहित नौकरशाह शामिल होंगे और KOO पर अकाउंट बनना शुरू कर देंगे।

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY), केंद्रीय रेल मंत्रालय और इंडियापोस्ट जैसे कुछ अन्य सरकारी विभाग पहले ही KOO पर अकाउंट बना चुके।

भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने भारतीय ऐप पर अकाउंट बनाना शुरू कर दिया है, और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और पीयूष गोयल के माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर पहले से ही बेहद एक्टिव हैं।

वास्तव में, KOO कोई एक्सपेरिमेंट नहीं है बल्कि एक ऐसा ऐप है जो अमेरिकी बिग टेक कंपनियों के खिलाफ भारतीयों की निराशा को बयान करता है।  Google Play Store पर, Koo एक शीर्ष चार्टर है। अपनी Series A फंडिंग के हिस्से के रूप में, KOO पिछले सप्ताह $ 4.1 मिलियन जुटाने में सफल रहा था।

इंफोसिस के दिग्गज मोहनदास पाई की 3one4 Capital बोर्ड में सबसे नए निवेशक हैं। इस ऐप ने भारत सरकार द्वारा घोषित किए गए Aatmanirbhar App चैलेंज में दूसरा स्थान भी जीता। इसे 2020 के लिए Google Play Store के सर्वश्रेष्ठ Daily Essential App का नाम भी दिया गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने ‘मन की बात’ में एक विशेष उल्लेख मिला था।

अब स्पष्ट है कि भारत सरकार ने अपना मन बना लिया है। KOO जल्द ही भारत के संचार का प्राथमिक साधन बन जाएगा। ट्विटर की मनमानी ने देश को एक साथ आने के लिए एक अवसर दिया है। एक बार जब राष्ट्रीय स्तर पर यह ऐप सफल हो जाता है तो यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी जाएगा और वैश्विक बाजार में अमेरिकी बिग टेक ट्विटर के एकाधिकार को समाप्त कर सकता है। शुरू में सरकारी निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए ट्विटर द्वारा मनमानी उसके लिए अब घातक साबित हुई है। अब न केवल इसे सरकार के निर्देश का पालन करना पड़ रहा बल्कि अब इसे एक भारतीय सोशल मीडिया ऐप से चुनौती के लिए भी तैयार होना है।

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