‘तुम्हारी धमकियों से नहीं डरते ममता’, ममता ने रोड़े अटकाए फिर भी नड्डा ने पश्चिम बंगाल में शानदार रैली की

नड्डा की बंगाल परिवर्तन यात्रा को देखकर मामती दीदी की घबराहट और बढ़ी

नड्डा

PC: INDIA TODAY

जैसे जैसे बंगाल चुनाव पास आ रहे हैं, भाजपा और आक्रामक तरीके से अपने प्रचार को आगे बढ़ा रही है। भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या और प्रशासनिक मशीनरी का राजनीतिक इस्तेमाल भी भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं की हिम्मत भी नहीं तोड़ पा रही है। इसी क्रम में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे० पी० नड्डा ने बंगाल के मालदा में परिवर्तन यात्रा को हरी झंडी दिखाई। इसके पहले उन्होंने एक बड़ा रोड शो किया और मालदा में भाजपा का शक्तिप्रदर्शन किया।

अपने भाषण में उन्होंने बंगाल की ममता सरकार को जमकर खरी खोटी सुनाई। उन्होंने कहा “उन्होंने कहा कि 10 वर्ष पहले मां, माटी, मानुष के नाम पर ममता दीदी ने यहां सरकार बनाई थी। 10 साल में माता को लूटा गया, बंगाल की अस्मिता पर आघात पहुंचाई गई, माटी की इज्जत भी नहीं की गई। यहां भ्रष्टाचार को संस्थागत बना दिया गया, प्रशासन का राजनीतिकरण कर दिया और पुलिस के साथ साथ उसका इस्तेमाल क्रिमिनल एक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए किया गया।”

नड्डा ने बताया कि ममता सरकार लोगों को केंद्र की आयुष्मान भारत योजना के लाभ से वंचित रख रही है। बंगाली संस्कृति की राजनीति करने वाली ममता पर निशाना साधते हुए नड्डा बोले कि ममता ने “बंगाल की संस्कृति का निरादर किया है। बंगाल की संस्कृति का संरक्षण नरेंद्र मोदी जी कर रहे हैं।”

किसानों की बात उठाते हुए नड्डा ने बताया कि ममता सरकार ने किसानों के साथ 9800 करोड़ का धोखा किया है। नड्डा ने कहा “बंगाल में ममता दीदी ने किसानों के साथ बहुत बड़ा अन्याय किया है। PM ने किसान सम्मान निधि के तहत एक साल में 6,000 रुपए किसानों के सम्मान के लिए देने का फैसला किया था, लेकिन ममता दीदी ने अपनी जिद के कारण इसे बंगाल में लागू नहीं होने दिया। दरअसल, यहां जिक़्र प्रधानमंत्री किसान सम्मान का हो रहा है।”

उन्होंने बताया कि अगर केंद्र की योजना को राजनीतिक द्वेष के कारण लागू करने से रोका नहीं गया होता तो हर किसान को अब तक 14000 रुपये प्राप्त हुए होते। इस प्रकार बंगाल के 70 लाख किसानों को कुल 9800 करोड़ रुपये मिल सकते थे किंतु ममता सरकार ने ऐसा नहीं होने दिया।

गौरतलब है कि कृषि कानूनों को लेकर देशभर में राजनीतिक माहौल गर्म है। यही कारण है कि भाजपा किसानों को अपने पक्ष में लाना चाहती है और यह सिद्ध करना चाहती है कि किसानों की असली विरोधी केंद्र सरकार नहीं, बल्कि विपक्षी पार्टियां हैं। इसी क्रम में भाजपा ने बंगाल में ‘एक मुट्ठी चावल’ अभियान शुरू किया है, जिसके तहत भाजपा कार्यकर्ता राज्य के 48000 गाँवो में जाकर किसानों से एक मुट्ठी चावल मांगेंगे। भाजपा की योजना इस अभियान के जरिये सीधे गाँवो में पैठ बनाने की है। किसानों को साधने की योजना का लाभ भी भाजपा को मिल रहा है. नड्डा ने बताया कि “बंगाल के 25 लाख किसानों ने केंद्र सरकार को पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लिए अर्जी भेजी है।”

नड्डा ने तीन कृषि कानूनों को भी किसानों के पक्ष में बताया और बंगाल सरकार द्वारा कृषि पर पर्याप्त ध्यान न देने के कारण उसकी आलोचना की। कानूनों के लाभ गिनाते हुए नड्डा बोले “तीन कृषि कानून किसानों को आजादी देते हैं। इससे किसान खुद कॉन्ट्रैक्ट कर सकता है। 29 राज्यों में 24वें स्थान पर बंगाल का किसान है। ये काम ममता जी की सरकार ने किया है। बंगाल में पानी की कमी नहीं है, लेकिन यहां कि आधी जमीन असिंचित है। ममता की सरकार बदलने के लिए हमें एक साथ जुटना होगा।”

गौरतलब है कि नड्डा की रैलियों में आ रही भीड़ के कारण ममता बनर्जी घबरा गई हैं। नड्डा के समर्थकों की भीड़ बताती है कि भाजपा ने संगठनात्मक रूप से खुद को कितना मजबूत बना लिया है। साथ ही इससे यह भी साफ हो गया है कि बंगाल में ममता के खिलाफ कितना आक्रोश है।

TMC भाजपा कार्यकर्ताओं की कार्यशैली से घबरा गई है, इसी कारण बार-बार कार्यकर्ताओं पर हमला हो रहा है। नड्डा ने बताया कि अब तक 300 भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला हुआ है और 130 कि हत्या की गई है। इसके बाद भी भाजपा कार्यकर्ताओं का जोश कम नहीं हुआ है। इसका सबसे बड़ा कारण पार्टी नेतृत्व का साहसिक रवैया भी है।

स्वयं नड्डा पर जब से हमला हुआ है, तब से वे और आक्रामक तरीके से सामने आए हैं। उनपर हुए हमले ने उन्हें भाजपा के चुनावी अभियान का मुख्य सेनापति बना दिया है। भाजपा नड्डा के जरिये बंगाल की जनता को बार बार यह याद दिला रही है कि TMC सरकार में हिंसा ने संस्थागत रूप ले लिया है और इसे बदला जाना बहुत जरूरी है।

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