किसान आन्दोलन के दौरान हुई हिंसा में मारे गये ‘फेक किसानों’ को नहीं मिलेगा मुआवजा- केंद्र सरकार

बढ़िया!

मुआवजा

PC: Quint

देश की मोदी सरकार ने अराजकतावादियों के खिलाफ हमेशा ही आक्रमक रुख रखा है। कोई भी व्यक्ति जो सड़कों पर अराजकता फैलाकर देश का माहौल खराब करता है पीएम नरेन्द्र मोदी से लेकर देश के गृह मंत्री अमित शाह की नजर में चढ़ जाता है। किसान आंदोलन के मुद्दे पर भी स्थिति अब ऐसी ही हो गई है। 26 जनवरी को हिंसा में जो अराजकतावादी अपने ही कुकर्त्यों के चलते मारे गए थे, उन सभी को लेकर कृषि मंत्री ने साफ कह दिया गया है कि किसी भी मृत हिंसक तत्वों के परिवारवालों को मुआवजा नहीं मिलेगा। सरकार का फैसला दिखाता है कि तथाकथित किसानों के अराजक आंदोलन में हुई जान माल की हानि से भारत सरका को कोई  सरोकार नहीं है।

26 जनवरी के दिल्ली की सीमाओं पर बैठे तथाकथित किसानों ने एक ट्रैक्टर रैली की और उसमें प्रस्तावित मार्गों से इतर जाकर अराजकता मचा दी। इन लोगों ने अराजकता की पराकाष्ठा पार करते हुए देश की शान कहे जाने वाले लाल किले में निशान साहिब का धार्मिक झंडा लहरा दिया जहां स्वतंत्रता दिवस पर पीएम झंडा फहराते हैं। इस दौरान पुलिस पर भी खूब आक्रमण किए गए। इसमें अराजकतावादी तथाकथित किसानों ने हिंसा की और उन्हें नुकसान भी हुआ।

इस मुद्दे पर लोकसभा में पूछा गया कि क्या किसान आंदोलन अब तक हताहत हुए और मृतक लोगों को किसी भी तरह का मुआवजा मिलेगा या नहीं। इस  मुद्दे पर देश की मोदी सरकार ने करारा जवाब देते हुए साफ कर दिया है कि किसी को भी सरकार कोई मुआवजा नहीं देगी। कृषि मंत्री से सवाल था, “क्या सरकार का विचार उन किसानों के परिवारों को मुआवजा देने का है जिनकी उक्त प्रदर्शन के दौरान मृत्यु हो गई तथा यदि हा, तो तत्संबंधी व्यौरा क्या है?”

इस विवादित सवाल पर केन्द्रीय कृषि मंत्री ने साफ कह दिया है कि नहीं किसी को भी इस मामले में मुआवजा नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा है कि हम बातचीत के लिए तैयार हैं लेकिन मुआवजे का कोई सवाल ही नहीं है। साफ है कि मोदी सरकार विरोधी लोगों द्वारा लगातार एक कैंपेन चलाकर किसानों के प्रति सहानुभूति की लहर चलाई जा रही हैं, उससे मोदी सरकार को तनिक भी फर्क नहीं पड़ता है।

ये बेहद ही अजीब बात है कि जिन लोगों ने दिल्ली कानून की सारी मर्यादाओं को तार-तार किया, लाल किले पर हिंसा की, और उनकी ही गलतियों के कारण उनके बीच के कई लोगों की मौत हुई, अब उन्हीं दंगाइयों के लिए मुआवजे का सवाल पूछा जा रहा है। इसके इतर मोदी सरकार ने जवाब में मना करके बता दिया है कि अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मोदी सरकार ने कुछ इसी तरह ही सीएए के मुद्दे पर हुए दंगों में मृतक दंगाइयों को किसी भी तरह का मुआवजा देने से इंकार कर दिया था, ठीक उसी तरह अब लाल किले पर हिंसा फैलाने वालों और देश में माहौल को खराब करने वालों को किसी भी तरह का कोई भी मुआवजा नहीं दिया जाएगा।

Exit mobile version