दुनिया भर से लात मार कर भगाए गए चीनी कंपनी Huawei ने अब मोबाइल हैंडसेट बनाना छोड़ Pig Farming यानि सूअर पालन की और रुख किया है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार Huawei अब सुअर पालन करने के साथ -साथ इस क्षेत्र के किसानों के लिए टेक्नोलॉजी भी बनाएगा। ऐसा लगता है कि हुवावे जिस तरह से दुनिया भर के देशों से बहिष्कृत हुआ है उससे उसकी कमर टूट गयी है और कंपनी को किसी तरह जीवित रखने के लिए अब हैंडसेट बनाना छोड़ पिग फार्मिंग की और जा रही है।
दरअसल, अमेरिका में ट्रम्प प्रशासन द्वारा चीनी टेलीकॉम दिग्गज Huawei को अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए इसके द्वारा ख़रीदे जाने वाले सेमीकंडक्टर तथा अन्य पार्ट्स पर प्रतिबन्ध लगा दिया था। ट्रम्प प्रशासन द्वारा चीनी कंपनियों को सेमी कंडक्टर बेचने पर प्रतिबंध लगाने के बाद Huawei जैसी बड़ी चीनी तकनीक कंपनियों का काम ठप पड़ चुका है। स्मार्टफोन से लेकर उपग्रहों तक हर तरह के तकनीकी उपकरणों के लिए सेमीकंडक्टर आवश्यक होते हैं और चीन सेमीकंडक्टरों के लिए यूएस चिप तकनीक पर पूरी तरह निर्भर है। यही नहीं ट्रम्प प्रशासन ने Huawei को अमेरिकी तकनीक का उपयोग करने पर बैन लगा दिया था, जिससे इस चीनी कंपनी को भारी नुकसान हुआ और उसे स्मार्टफोन के क्षेत्र से बाहर निकलने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इससे Huawei की स्थिति बेहद ख़राब हो चुकी है, यही कारण है कि अब यह दिग्गज टेलिकॉम कंपनी अपनी टेक्नोलॉजी के लिए राजस्व जुटाने के लिए अन्य स्रोतों को अपना रही है जिसमें पिग फार्मिंग सबसे ऊपर है। सुअर पालन करने वाले किसानों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक बनाने के साथ, Huawei कोयला खनन उद्योग के साथ भी काम कर रही है।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यह दावा करते हुए Huawei को बैन किया था कि यह कंपनी चीनी सरकार के साथ डेटा शेयर करती है। परिणामस्वरूप, दुनिया की सबसे बड़ी टेलिकॉम कम्पोनेंट्स बनाने वाली हुवावे अब 4 जी मॉडल बनाने तक सीमित हो गई है क्योंकि इसमें 5G मॉडल बनाने के लिए आवश्यक कम्पोनेंट्स अमेरिका से आयात करने होंगे जिसकी उन्हें अनुमति नहीं है।
रिपोर्ट के अनुसार हुवावे की स्मार्टफोन बिक्री 2020 की आखिरी तिमाही में 42% तक गिर गई थी।
राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर आशंकाओं के बीच हुवावे को यूके सहित कई देशों में 5 जी प्रोग्राम से बाहर कर दिया गया है। रिपोर्ट्स का दावा है कि हुवावे इस साल स्मार्टफोन के मैन्युफैक्चरिंग को 60% तक कम कर सकती है।
कंपनी के प्रवक्ता ने बीबीसी को बताया, “यहाँ मुद्दा हमारे गुणवत्ता की समस्या का नहीं है। Huawei भू-राजनीतिक तनावों के बीच फंस गई है।”
शायद यही कारण है कि अब ये दिग्गज कंपनी राजस्व के अन्य स्रोतों की तलाश कर रही है जैसे क्लाउड कंप्यूटिंग और स्मार्ट गाड़ियाँ। परन्तु इसके साथ ही हुवावे चीन के कुछ पारंपरिक उद्योगों जैसे सूअर पालन में भी प्रवेश कर रही है। बता दें कि चीन में दुनिया का सबसे बड़ा सूअर पालन उद्योग है और दुनिया के आधे सूअरों का घर है।
तकनीक की मदद से वहां सूअरों की बीमारियों का पता लगाने और उन्हें ट्रैक करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल से पिग फार्मिंग को आधुनिक बनाया जा रहा है।
Huawei founder और chief executive Ren Zhengfei का कहना है कि, “हम अभी भी फोन की बिक्री के बिना भी जीवित रह सकते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि, “इस बात की अब बहुत अधिक संभावना नहीं है कि अमेरिका Huawei को उस ब्लैकलिस्ट से हटा देगा जो अमेरिकी कंपनियों को चीनी तकनीक फर्म के साथ काम करने से रोकती है।
यानि कुल मिला कर देखा जाये तो आज यह दिन आ चुका है कि Huaweiजैसी जिग्गाज कंपनी को मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग छोड़ सूअर पालन के क्षेत्र में आना पड़ रहा है। कोरोना ने चीन और चीनी कंपनियों की सिर्फ पोल ही नहीं खोली बल्कि कमर ही तोड़ दी है।