ब्रिटेन कोर्ट ने नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण को दी मंजूरी, मोदी सरकार अब नीरव को वापस भारत लाएगी

'नीरव मोदी' पर विपक्ष की राजनीति का होगा अंत

विपक्ष की सबसे बड़ी दिक्कत पिछले 6 सालों में यही रही है, कि मोदी सरकार में एक भी घोटाला सामने नहीं आया है, जो घोटाले हुए उन पर कार्रवाई हुई। इन घोटालेबाजों ने मोदी सरकार के आने के बाद विदेश जाना शुरू कर दिया, जिसमें एक बड़ा नाम नीरव मोदी का भी है। उसका नाम लेकर विपक्ष लगातार ये आरोप लगाता रहता है कि मोदी सरकार घोटालेबाजों को विदेश भगाने में मदद कर रही है, लेकिन अब ये स्थिति भी पलटने वाली है, क्योंकि नीरव मोदी भारत आने वाला है।

ब्रिटेन किसी भी घोटालेबाज के लिए स्वर्ग की तरह माना जाता है। ऐसे में भारत से जितने भी घोटालेबाज देश छोड़कर भागे हैं ज्यादातर ब्रिटेन ही गए। इसमें नीरव मोदी मेहुल चोकसी से लेकर विजय माल्या तक का नाम शामिल है। भारत सरकार इस मुद्दे पर लगातार ब्रिटेन की सरकारों और अदालतों से इन घोटालेबाजों के प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही है, जिसकी एक बड़ी कामयाबी सामने आई है क्योंकि ब्रिटेन की अदालत ने नीरव मोदी को भारत के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है।

और पढ़ेंराहुल कहते हैं नीरव मोदी केस में BJP दोषी, अब कांग्रेस नेता खुद भगोड़े की तरफ से गवाही दे रहा है

दरअसल, पंजाब नेशनल बैंक के साथ घोटाला कर भागे व्यापारी नीरव मोदी की याचिका को लंदन की अदालत ने अस्वीकार कर दिया है। इसके बाद कोर्ट ने उसके भारत प्रत्यर्पित किए जाने को अपनी मंजूरी दे दी है। कोर्ट ने कहा कि भारत की न्यायपालिका निष्पक्ष है। इस मुद्दे पर लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट के जज सैमुअल गोजी ने माना कि नीरव मोदी का भारत को प्रत्यर्पण देना बिल्कुल सही है। उन्होंने कहा, लाइन ऑफ क्रेडिट को भुनाने में बैंक के अधिकारियों समेत अन्य आरोपियों की मिलीभगत के पुख्ता सबूत मौजूद हैं। यहां तक खुद नीरव मोदी भी PNB को पत्र लिखकर भारी बकाया होने और उसे जल्दी चुकाने की बात स्वीकार कर चुका है।

जज ने फैसला सुनाते हुए कहा, “यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि नीरव मोदी को भारत में कई सवालों के जवाब देने हैं। भारत में जाने पर उसे दोषी करार दिए जाने की पूरी संभावना है। नीरव मोदी की ओर से दिए कई बयान आपस में मेल नहीं खाते हैं। पहली नजर में सबूत नीरव के खिलाफ जाते हैं। दिलचस्प बात ये है कि जज ने नीरव मोदी के मानसिक रूप से अस्वस्थता के बहाने को अस्वीकार कर दिया है। भारत में न्याय होगा या नहीं इस मुद्दे पर वेस्टमिंस्टर कोर्ट के जज काफी संतुष्ट दिख रहे हैं। उन्होंने कहा, इस बात के कोई सबूत नहीं है कि अगर उन्हें भारत प्रत्यर्पित किया जाता तो उनके साथ न्याय नहीं होगा। भारत की न्यायपालिका निष्पक्ष है।भारतीय न्यायपालिका को लेकर ब्रिटेन की अदालत द्वारा सराहना अपने आप में दिखाती है।

और पढ़ेंमुझे भारत मत भेजो वरना मैं जान दे दूंगाप्रत्यर्पण का रास्ता साफ होते देख नीरव मोदी की नौटंकी चालू

नीरव मोदी करीब 13500 करोड़ रुपए के घोटाले करके भागा है। ऐसे में भारत सरकार उसके प्रत्यर्पण के सभी संभव प्रयास कर रही है। इसमें कोई शक नहीं है कि इस विफलता के बाद भी वो किसी अन्य कोर्ट में भी प्रत्यर्पण के खिलाफ याचिका नहीं लगाएगा, लेकिन इस मुद्दे पर विदेश मंत्रालय की तरफ से साफ कहा गया है कि वो नीरव मोदी को वापस भारत लाने के लिए प्रतिबद्ध है। साफ है कि नीरव मोदी और अन्य घोटालेबाजों का भारत आना विपक्ष के लिए एक मुद्दे का खात्मा हो सकता है। यही नहीं इससे पुरानी सरकार के पापों का भी पर्दाफाश होगा, जो देश के लिए जानना बेहद ही आवश्यक है।

Exit mobile version