चिराग तले अंधेरा क्या होता है, ये शरद पवार के उदाहरण से आप बहुत अच्छे से समझ सकते हैं। एनसीपी के प्रमुख ने सचिन तेंदुलकर को भारत के पक्ष में ट्वीट करने के पीछे काफी उपदेश दिए, लेकिन महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी के नेतृत्व में हो रहे जनता पर अत्याचारों के विषय पे उन्हें सांप सूंघ जाता है।
शरद पवार ने सचिन तेंदुलकर को भारत के पक्ष में ट्वीट करने पर कहा कि कई लोगों को ऐसा करने के लिए काफी विरोध का सामना करना पड़ा है, इसलिए सचिन तेंदुलकर को मेरी सलाह है कि वे ऐसे विषयों पर बोलने से बचें।
लेकिन शरद पवार महाराष्ट्र के वर्तमान प्रशासन की गुंडागर्दी पर मानो मौन व्रत धारण किये हुए हैं। उन्हे इस बात से मतलब नहीं कि कैसे सत्ताधारी गठबंधन के एक पार्टी के नेता किस प्रकार से एक बुजुर्ग का मुंह काला कर रहे हैं, या फिर कैसे एक भारतीय नौसेना के सुरज दुबे का अपहरण कर उसे पालघर में जींदा जला दिया जाता है। महाराष्ट्र सरकार को इस बात में रुचि ज्यादा है कि आखिर कैसे कुछ हस्तियों ने किसान आंदोलन के नाम पर अराजकतावादियों को बढ़ावा दे रहे विदेशी सेलेब्स के विरुद्ध ट्वीट किया, जिसके लिए अब वो जांच भी बिठायेंगे।
अभी कुछ ही दिनों पहले चेन्नई एयरपोर्ट से भारतीय नौसेना के जवान सूरज कुमार दूबे का अपहरण किया गया और उसे पालघर लाया गया, जहां फिरौती न देने के चक्कर में उसे जिंदा जला दिया गया। ये वही पालघर है जहां पर कुछ महीने पहले दो हिन्दू साधुओं की नक्सली समर्थित भीड़ ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी।
#WATCH I Maharashtra: Shiv Sena workers allegedly pour black ink on a BJP leader and forced him to wear a saree after the latter criticised Chief Minister Uddhav Thackeray, in Solapur pic.twitter.com/gdtL9gChT1
— ANI (@ANI) February 7, 2021
इसके अलावा अभी हाल ही में एक वृद्ध भाजपा कार्यकर्ता ने उद्धव ठाकरे की आलोचना क्या की, कुछ शिवसेना के नेताओं ने उन्हे बहुत बुरी तरह पीटा, और साथ ही साथ उनका मुंह काला करा उन्हे साड़ी भी पहनाई।
परंतु क्या शरद पवार ने इस वृद्ध नेता या उस मृत नाविक के लिए अपनी आवाज उठाई? क्या उन्होंने पालघर में साधुओं की हत्या के विरोध में एक शब्द भी बोला? ये शायद उनके लिए उतने संवेदनशील मामले नहीं है, जितना कि कुछ हस्तियों का भारत के पक्ष में ट्वीट करना है। इसीलिए शरद पवार शायद इन लोगों के विरुद्ध विष उगलने के तैयार रहते हैं, जबकि अपने ही राज्य में हो रहे अत्याचारों पर उन्हे सांप सूंघ जाता है।