प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी भी मुद्दे पर बहुत आसानी से नहीं बोलते हैं, लेकिन जब बोलते हैं तो फिर देश की छवि बदनाम करने वालों को इतने सख्त लहजे में शाब्दिक तमाचा जड़ते हैं कि बदनीयती वाला व्यक्ति शर्मसार हो जाता है। इस समय तथाकथित किसान आंदोलन को लेकर भी भारत की छवि खराब करने की कोशिशें खूब हो रहीं हैं। ऐसे में अब PM मोदी ने उन सभी लोगों को ये कहकर लताड़ लगा दी है कि पढ़े लिखे लोग भी आतंकवाद फैला रहे हैं। समझने वाले समझ गए कि पीएम ग्रेटा,रिहाना और दिशा जैसे बौद्धिक आतंकवाद फैलाने वाले युवाओं को खरी-खोटी सुना रहे हैं।
किसान आंदोलन को लेकर गूगल टूलकिट और फिर पॉप सिंगर रिहाना समेत पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग का ट्वीट आना सभी एक साजिश का हिस्सा थे, जिसकी अहम कड़ी दिशा रवि नाम की एक वामपंथी विचारधारा वाली लड़की है जो कि खुद को पर्यावरण कार्यकर्ता बताती है। ये सभी भारत की छवि को बर्बाद करने की साजिशें रच रहे थे। ऐसे में काफी दिन से शांत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब इन सभी को लताड़ते हुए साफ कर दिया कि ये लोग कहीं-न-कहीं बौद्धिक आतंकवाद फैला रहे हैं।
कोलकाता में विश्व भारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में अपना संबोधन देते हुए PM ने युवाओं द्वारा पथभ्रमित होकर राष्ट्र के खिलाफ बयानबाजी करने और छवि बर्बाद करने वालों के लिए कहा कि ज्यादा पढ़े लिखे लोग भी आतंकवाद कर सकते हैं। उन्होंने कहा, “जो लोग दुनिया में आतंक फैला रहे हैं, उनमें भी शिक्षित लोग जो हाइली स्किल वाले लोग हैं हमें सोचना होगा कि हम समस्या बनना चाहते हैं या फिर समाधान करना चाहते हैं। अगर आपकी नीयत साफ है, तो आपका हर आचरण कोई ना कोई समाधान जरूर निकालेगा।”
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PM मोदी ने इस दौरान समारोह में उपस्थित छात्रों को लेकर काफी गंभीर बातें भी कहीं है और उनके मार्गदर्शन के लिए कुछ जरूरी बिंदु भी गिनाएं हैं। उन्होंने कहा, ”अगर आपकी नीयत साफ है और निष्ठा मां भारती के प्रति है, तो आपका हर निर्णय किसी ना किसी समाधान की तरफ ही बढ़ेगा। सफलता और असफलता हमारा वर्तमान और भविष्य तय नहीं करती। हो सकता है आपको किसी फैसले के बाद जैसा सोचा था वैसा परिणाम न मिले, लेकिन आपको फैसला लेने में डरना नहीं चाहिए। ये सिर्फ विचारधारा का प्रश्न नहीं है, बल्कि माइंडसेट का भी विषय है। आप क्या करते हैं, ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपका माइंडसेट पॉजिटिव है या नेगेटिव है।”
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साफ तौर पर कहें तो प्रधानमंत्री ने शिक्षा जगत के मंच से भारत की छवि को नुक्सान पहुंचाने की नीयत रखने वालों को जोरदार शाब्दिक तमाचा जड़ा है। रिहाना, ग्रेटा और दिशा रवि जैसे लोग वैसे तो बेहद ही पढ़े लिखे हैं, लेकिन उनकी नकारात्मक सोच हमेशा बर्बादी की ही रही है। ऐसे में लंबे वक्त से तथाकथित किसान आंदोलन को लेकर इन सभी ने खूब बयानबाजी की है, और दिशा रवि ने तो इस पूरे प्रकरण की टूलकिट वाली पटकथा भी लिखी है। इन सभी परिस्थितियों के बीच PM ने ज्यादा पढ़े-लिखे लोगों को साफ संकेत दिया है कि वे जो एक्टिविस्ट और विरोध के नाम पर दुकान खोलकर बैठें हैं वो भी एक तरह का आतंकवाद ही है।