न पार्टी में युवा बचे है, न खुद में युवाशक्ति, फिर भी राहुल गांधी युवा नेता है

दुखद!

लगता है कि देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके और फिर से बनने की तैयारी कर रहे वायनाड से सांसद राहुल गांधी पार्टी में अकेले कथित युवा नेता बचेंगे, क्योंकि पार्टी में युवाओं को किसी भी तरह की राजनीतिक तवज्जो नहीं दी जा रही है, जिसके चलते पार्टी के असल युवा यानी यूथ विंग के नेता इस्तीफा देकर पार्टी की सरेआम आलोचना कर रहे हैं। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों से पहले NSUI (पार्टी की युवा ब्रिगेड) के 1400 से ज्यादा नेता पार्टी छोड़ चुके हैं, जो कांग्रेस के लिए एक सबसे बड़ा झटका होगा।

राहुल गांधी को कांग्रेस पार्टी और देश की राजनीति में कथित तौर पर युवा नेता होने का विशेषण दिया जाता है, लेकिन असलियत ये है कि वो लगभग 50 साल के होने वाले हैं। अब 50 साल का युवा कौन हो सकता है ये अपने आप में एक सबसे बड़ा प्रश्न है। पार्टी में किसी भी निचले स्तर के नेता को तवज्जो नहीं मिलती है। वही गांधी परिवार के इर्द-गिर्द घूमने वाले 100-200 लोगों को सारी जिम्मेदारियां सौंप दी जाती हैं, जिससे पार्टी का यूथ विंग काफी नाराज है, और अब एक झटके में इस्तीफा दे रहा है। ये खबर ऐसे इलाके से आई है, जहां कांग्रेस की हालत पहले ही पतली है, क्योंकि मामला जम्मू-कश्मीर का है।

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जम्मू-कश्मीर के कांग्रेस यूथ विंग NSUI के कार्यकर्ताओं ने थोक के भाव इस्तीफा दिया है। एनबीटी की रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी के यूथ विंग नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के 1400 कार्यकर्ताओं ने जम्मू में सामूहिक तौर पर इस्तीफा दिया है, जिनमें के NSUI महासचिव और उपाध्यक्ष, जिला मीडिया समन्वयक और अन्य पदाधिकारी शामिल हैं। ये सभी लंबे वक्त से पार्टी से नाराज़ चल रहे थे क्योंकि पार्टी में इनकी सुनवाई न के बराबर हो गई थी जो कि इन्हें मंजूर नहीं थी।

इस दौरान पार्टी से इस्तीफा देकर कार्यकर्ताओं ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं और पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अपनी शिकायत भी दर्ज कराई है। नेताओं द्वारा कहा गया, पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र पूरी तरह से खत्म हो गया है। विंग की सदस्यता के लिए प्रति सदस्य 100 रुपये का भुगतान किया, लेकिन उसके बाद किसी तरह का कोई चुनाव नहीं कराया गया और अब उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। इतना ही नहीं इन सभी ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कहा, उनसे फीस भी ले ली गई और 2.5 साल बीत जाने के बाद भी चुनाव नहीं कराया गया। आला अधिकारियों से इस बारे में शिकायत करने के बाद भी कोई समाधान नहीं हुआ।

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पार्टी की कुछ ऐसी ही स्थिति कर्नाटक में भी है, जिसके चलते कर्नाटक के यूथ विंग के चुनावों को लेकर पार्टी ने एक बार फिर वोटों की गिनती करने की बात कही है, क्योंकि राज्य में पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा ही धोखाधड़ी और धांधली के आरोप लगाए गए हैं। दूसरी ओर पार्टी में आलाकमान को लेकर पहले ही वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी के खिलाफ सवालों के पोटले तैयार रखे हैं और पार्टी लगातार जनाधार से लेकर कार्यकर्ताओं के स्तर पर भी छोटी होती जा रही है।

कांग्रेस में युवा नेतृत्व के नाम पर अब केवल राहुल गांधी ही बचे हैं, जो कि अपने वक्तव्यों से हंसी का पात्र बनते रहते हैं, क्योंकि अन्य क्षमतावान युवा नेता प्रतिभा होने के बावजूद पार्टी द्वारा हाशिए पर रखे जा रहे हैं, जिससे वो पार्टी को अलविदा कहने पर मजबूर हो गए हैं।

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