भारत अपनी संप्रभुता को बनाये रखने के लिए किसी भी प्रकार के कदम उठाने या किसी अन्य देश या व्यक्ति विशेष की टिप्पणियों का खंडन कर जवाब देने से पीछे नहीं हटेगा। इसी का नमूना हमें कुछ दिनों पहले देखने को मिला था जब रिहाना और ग्रेटा ने भारतीय किसान आन्दोलन के बारे में टिप्पणी की थी। अब अमेरिका ने भी टिप्पणी की है और भारत ने भी अमेरिकी विदेश मंत्रालय के बयान का शानदार जवाब दिया है।
दरअसल अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से भी इस मुद्दे पर बुधवार को एक बयान दिया गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि शांतिपूर्ण आंदोलन किसी भी फलते-फूलते लोकतंत्र की पहचान हैं।
India & US are both vibrant democracies with shared values. Incidents of violence & vandalism at historic Red Fort on Jan 26 evoked similar sentiments&reactions in India as did the Capitol Hill incident on Jan 6&are addressed as per local laws: Anurag Srivastava, MEA Spokesperson pic.twitter.com/VrnTgo5CQ0
— ANI (@ANI) February 4, 2021
इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि, “भारत और अमेरिका दोनो एक गतिशील लोकतांत्रिक देश है। 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के मौके पर हुई हिंसा की घटनाएँ, तथा लाल किले में तोड़फोड़ पर भारत में उसी तरह की प्रतिक्रियाएँ पैदा की, जैसा कि 6 जनवरी को अमेरिका के कैपिटल हिल घटना के बाद देखने को मिला था। यह हमारे स्थानीय कानूनों के मुताबिक निपटा जा रहा है।”
बता दें कि अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता के हवाले से कहा गया था कि, “हम मानते हैं कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किसी भी लोकतंत्र की पहचान है, और भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी यही कहा है… हम आशा करते हैं कि दोनों पक्षों के बीच किसी भी मतभेद को बातचीत के माध्यम से हल किया जाए।” यही नहीं मंत्रालय की प्रवक्ता ने भारत के समर्थन में कहा, ‘सामान्य तौर पर, हम ऐसे कदमों का स्वागत करते हैं, जिससे भारत के बाजारों की कार्यक्षमता बढ़ेगी और क्षेत्र में प्राइवेट सेक्टर का निवेश बढ़ेगा।’
इस पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव का कहना है कि, ‘अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया को हमने देखा है और किसी भी बयान को उसके पूर्ण परिप्रेक्ष्य में ही देखा जाना चाहिए। आप सभी ने देखा होगा कि अमरिकी विभाग ने भारत में कृषि सुधार के लिए उठाये जा रहे कदमों की सही ठहराया है। जहां तक किसी भी विरोध प्रदर्शन की बात है तो भारत सरकार अभी अपनी लोकतांत्रिक मान्यताओं के आधार पर बातचीत से संबंधित किसान समूहों के साथ मिल कर सुलझाने की कोशिश कर रही है।’
यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि भारत ने अमेरिका को कैपिटल हिल वाली घटना को याद दिलाते हुए यह स्पष्ट सन्देश देने की कोशिश कि अमेरिका को भारतीय लोकतंत्र के खिलाफ किसी भी तरह के नकारात्मक बयान देने से पहले अपने यहाँ भी झांकना आवश्यक है।
#IndiaTogether #IndiaAgainstPropaganda https://t.co/TfdgXfrmNt pic.twitter.com/gRmIaL5Guw
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) February 3, 2021
बता दें कि दुनियाभर के वामपंथी लोग ट्विटर पर भारत में चल रहे तथाकथित किसानों के आंदोलनों पर अंतरराष्ट्रीय सेलिब्रिटीज के ट्वीट्स को लेकर भारत की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे थे।पॉप स्टार रिहाना से लेकर पॉर्न स्टार मिया खलीफा ने अचानक ही भारत के किसानों के मुद्दे पर अनभिज्ञता के बावजूद ट्वीट्स किए थे। तब भी भारतीय विदेश मंत्रालय ने दो टुक जवाब देते हुए किसी भी बाहरी को भारत के आतंरिक मामलों से दूर रहने की सलाह दी थी। हालाँकि अमेरिका के बयान भारत के खिलाफ नहीं थे लेकिन बावजूद उसके भारत ने बेहद ही तेजी से अमेरिका को भी यह सन्देश दे दिया है कि यह नया भारत है और नया भारत किसी बाहरी का अपने देश के आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप बर्दास्त नहीं करेगा।