एक सनसनीखेज खुलासे में ये स्पष्ट हो चुका है कि ग्रेटा थनबर्ग ने अनजाने में भारत को बर्बाद करने की एक बहुत बड़े साजिश का पर्दाफाश किया है। द प्रिन्ट की रिपोर्ट के अनुसार, जिस विवादित गूगल टूलकिट के भरोसे ग्रेटा जैसे लोग देश में अशान्ति फैलाने पे तुले हुए थे, वो एक बहुत गहरी साजिश का हिस्सा है, जिसमें कई अंतर्राष्ट्रीय हस्तियाँ शामिल हैं। द प्रिन्ट से बातचीत के दौरान रक्षा मंत्रालय से संबंधित सूत्रों ने बताया कि किस प्रकार से कनाडा में बसे Poetic Justice Foundation ने भारत के विरुद्ध एक वैश्विक कैम्पैन को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। इसी संगठन ने अमेरिकी गायिका रिहाना से भी ट्वीट करवाए, जिसके लिए उसे कथित तौर पर 2.5 मिलियन डॉलर का भुगतान भी किया गया
रिपोर्ट के एक अंश अनुसार, “भारतीय एजेंसियों के राडार पर जो लोग शामिल हैं, उनमें PJF के संस्थापक मो धालीवाल, स्काईरॉकेट की निदेशक मरीना पैटर्सन, विश्व सिख संगठन की निदेशक अनीता लाल एवं PJF के सह संस्थापक एवं कैनेडियाई सांसद जगमीत सिंह भी शामिल हैं। इन सूत्रों के अनुसार रिहाना को इस ट्वीट के लिए ढाई मिलियन डॉलर का भुगतान भी किया गया था, और इसी ट्वीट की एक सटीक कॉपी टूलकिट में भी पाई गई थी”।
परंतु ये तो मात्र प्रारंभ है, रिहाना की जगमीत सिंह के साथ मित्रता कोई बहुत नई बात नहीं है। एक टीवी प्रोग्राम में रिहाना को उसके निकनेम ‘रीरी’ से संबोधित करते हुए जगमीत सिंह एक किस्से के बारे में बात करने लगे, जहां जनाब को रिहाना से फॉलो बैक भी मिला था, और कैसे वे तब से ट्विटर पर एक दूसरे से बात कर रहे हैं –
Jagmeet Singh who is accused of terror funding praising & showing off his friendship with Rihanna
Now you can understand how Rihanna got the 'motivation' for tweet supporting Farmer Protest pic.twitter.com/hHenXnB6n3
— Amit Kumar ( Modi Ka Parivar ) (@AMIT_GUJJU) February 3, 2021
कहने को Poetic Justice Foundation एक एनजीओ है, लेकिन इसकी वास्तविकता जानने के लिए आपको बस एक बार इसके इंस्टाग्राम पेज के दौरा करने की आवश्यकता है, जहां कूट-कूटकर भारत के विरुद्ध प्रोपगैंडा भरा है। इस संगठन ने ऐसे भी सफेद झूठ को सच ठहराने का प्रयास किया है, जहां कहा गया है कि भारत सरकार ने किसानों के नरसंहार को बढ़ावा दिया। इतना ही नहीं, PJF ने ये भी दावा किया कि 26 जनवरी को सरकार 1984 के दर्ज पर दंगा भी करा सकती है।
अगर द प्रिन्ट के सनसनीखेज खुलासों पर गौर करें, तो इससे स्पष्ट होता है कि भारत को बदनाम करने की साजिश के पीछे बहुत प्रभावशाली लोग शामिल हैं, जिनकी बोली बोलने के लिए रिहाना को 18 करोड़ रुपये भी मिले। लेकिन जिस प्रकार से ग्रेटा ने अपने टूलकिट को अनजाने में लीक कर इन लोगों की पोल खोली है, उससे स्पष्ट पता चलता है कि इन लोगों की सोच किस हद तक गिरी हुई है, और ये भारत विरोध में किस हद तक नीचे गिर सकते हैं।