दिशा रवि को बेल मिली है, लेकिन वो बरी नहीं हुई है, वामपंथियों को अति-उत्साहित होने की कोई आवश्यकता नहीं

दिशा रवि

टूलकिट गिरोह की सदस्य दिशा रवि को हाल ही में पटियाला हाउस कोर्ट से एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत मिली है। इस निर्णय से टुकड़े टुकड़े गैंग और भारत के वामपंथी लोग खुशी से फूले भले न समा रहे, परंतु सच्चाई ये भी है कि दिशा रवि को जमानत मिली है, परंतु न तो वह निर्दोष सिद्ध हुई है और न ही दिल्ली पुलिस द्वारा दायर किया गया मुकदमा वापिस लिया गया है।

पटियाला हाउस कोर्ट में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने जमानत पर सुनवाई के दौरान कहा कि लड़की का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, लिहाज़ा ज़मानत को ठुकराने का कोई तुक नहीं बनता।

इसके बाद सोशल मीडिया पर लेफ्ट लिबरल गैंग ने दिशा रवि को मिली जमानत पर अपनी ख़ुशी जाहिर की। क्या सबा नकवी क्या सुहासिनी हैदर सभी ने ख़ुशी जाहिर की और पुलिस के साथ सरकार को भी अप्रत्यक्ष रूप से निशाना बनाया। कुछ अतिउत्साही वामपंथी तो केंद्र सरकार से माफी मांगने के लिए ट्विटर के माध्यम से दबाव डालने लगे, जिसके कारण #Apologize कुछ समय के लिए ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा। ग्रेटा थनबर्ग के पदचिन्हों पर चलने वाली लाईसीप्रिया कंजूगाम ने तो यहाँ तक धमकी दे डाली कि यदि उनसे माफी नहीं मांगी गई, तो वे कोर्ट तक मामले को ले जाएंगी।

 

बता दें कि 3 फरवरी को कथित पर्यावरणविद ग्रेटा थनबर्ग द्वारा एक बेहद घृणास्पद और भारत विरोधी डॉक्यूमेंट को गूगल पर अपलोड किया गया था। इस टूलकिट में न सिर्फ यह बताया गया कि 26 जनवरी को उपद्रव की रूपरेखा तैयार करने में किन लोगों का हाथ था, बल्कि यह भी पता चला कि किस कुछ भारत विरोधी तत्व किसान आंदोलन के नाम पर भारत की शांतिप्रिय छवि को बर्बाद करना चाहते थे। इसी परिप्रेक्ष्य में दिशा रवि को 13 फरवरी को टूलकिट को प्रकाशित करने और भारत विरोधी तत्वों के साथ सांठगांठ करने के आरोप में दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया था।

बेंगलुरू की कथित पर्यावरणविद दिशा रवि को दिल्ली पुलिस ने भारत विरोधी तत्वों को बढ़ावा देने के आरोप में हिरासत में लिया था जिसके लिए कोर्ट ने लगभग 10 दिन की न्यायिक हिरासत के अंतर्गत उसे दिल्ली पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने कहा था कि दिशा का मामले में अन्य आरोपियों निकिता जैकब और शांतनु मुलुक के साथ आमना-सामना कराना है। निकिता जेकब और शांतनु मुलुक पर दिशा रवि के साथ टूलकिट को तैयार करने और उसमें संशोधन करने का भी आरोप है।

जैकब और मुलुक सोमवार को जांच में शामिल हुए थे। द्वारका में दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ के कार्यालय में उससे पूछताछ की गयी। पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा साझा किए गए ‘‘टूलकिट गूगल डॉक्यूमेंट’’ की जांच के मामले में दिल्ली पुलिस ने बेंगलुरू की कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार किया था जबकि जैकब और मुलुक को अदालत ने अग्रिम जमानत दे दी थी। अब जब दिशा रवि को जमानत मिली है तो वामपंथियों का खुश होना लाजमी है।

शायद वामपंथी ये भूल चुके हैं कि दिशा को केवल जमानत मिली है, परंतु वह निर्दोष नहीं सिद्ध हुई है। दिल्ली पुलिस ने प्रमाण सहित सिद्ध किया है कि दिशा ने पर्यावरण रक्षा के नाम पर मो धालीवाल जैसे खालिस्तानियों के साथ ऑनलाइन मीटिंग भी की थी, जिसका लाल किले के उपद्रव में स्पष्ट हाथ बताया जा रहा है। इसके अलावा दिशा रवि पर जो आरोप लगे हैं, वो गंभीर आरोप हैं। फिलहाल, दिशा रवि को जमानत ही मिली है, लेकिन वह निर्दोष नहीं सिद्ध हुई है।

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