भारत सरकार के आगे झुका ट्विटर-गूगल, कार्रवाई के डर से फ़ेक न्यूज़ फैलाने वाले अंकाउट्स पर किया Crackdown

ट्विटर कर रहा हैं फ़ेक न्यूज़ फैलाने वालों की चूँ चूँ बंद!

ट्विटर

भारत में चल रहे तथाकथित किसान आंदोलन से मोदी सरकार पर तो कोई खास असर नहीं पड़ा है, लेकिन इस पूरे मामले के बाद माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर की स्थिति बेहद ही खराब हो गई है क्योंकि किसान आंदोलन को लेकर देश में बहुत ज्यादा फेक न्यूज फैलाई जा रही है। ऐसे में ट्विटर पहले कार्रवाई नहीं कर रहा था लेकिन भारत सरकार के सख्त रुख के चलते ट्विटर अब आपत्तिजनक ट्वीट करने वाले अकाउंट्स को ब्लॉक करने लगा है। वहीं ट्विटर के अधिकारी केन्द्रीय आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद से मिलने की बात कर रहे थे लेकिन अब प्रसाद ने मिलने से इंकार करके अपनी सख्ती दिखा दी है।

किसान आंदोलन के संबंध में ट्विटर पर लगातार हिंसात्मक बयानबाजी की जा रही थी। इसके चलते केन्द्र सरकार ने ट्विटर को सख्त हिदायत दी थी कि वो जल्द से जल्द कुछ फेक न्यूज फैलाने वाले अकाउंट्स को ब्लॉक करे। ट्विटर ने कार्रवाई तो की, लेकिन फिर अचानक ही उसने सारे अकाउंट्स फिर बहाल कर दिए जिसके बाद सरकार ने ट्विटर को सीधा निशाने पर लेते हुए कहा है कि वो चिन्हित अकाउंट्स को सस्पेंड कर कार्रवाई करे, वरना उस पर ही कार्रवाई की जा सकती है। ट्विटर के अधिकारी केन्द्रीय कानून और आईटी मंत्री से मिलने की कोशिश में थे, लेकिन रविशंकर प्रसाद ने कार्रवाई के पहले किसी भी तरह की बातचीत से इंकार कर दिया है।

केन्द्र सरकार की सख्ती का असर अब दिखने भी लगा है क्योंकि इस मुद्दे पर अब ट्विटर बड़ी कार्रवाई कर कई अकाउंट्स को ब्लॉक रहा है। ये वही ट्विटर अकाउंट्स है जो कि सरकार द्वारा चिन्हित किया गया है। ट्विटर का अचानक बदला रुख जाहिर कर रहा है कि अब मोदी सरकार की सख्ती का असर उस पर हो चुका है और वो अपने खिलाफ कार्रवाई से डर रहा है।  ट्विटर ने बयान में कहा, “हम इस मुद्दे पर सख्त नजर रखते हुए सारी चीजें मॉनिटर कर रहे हैं और भारत के 69(ए) के कानून के अंतर्गत अकाउंट्स को ब्लॉक कर रहे हैं, जिसका आदेश भारत सरकार ने दिया था।”

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ट्विटर ने इस मुद्दे पर एक बार फिर अभिव्यक्ति की आजादी की नौटंकी वाला बयान तो दिया है लेकिन असल में डर के कारण उसने ये सारी बातें केवल कागजों तक ही सीमित कर दी  हैं और ट्विटर मजबूरी में सख्त कार्रवाई करने लगा है। ट्विटर ने कहा, “हम आगे भी अभिव्यक्ति की आजादी की वकालत करते रहेंगे। हम इस बात को सुनिश्चित करने के लिए भारतीय कानून के अनुसार विकल्प की तलाश कर रहे हैं। हम ट्विटर पर बातचीत के माहौल को बेहतर बनाए रखने को लेकर प्रतिबद्ध हैं, हम इस बात को मानते हैं कि ट्वीट का फ्लो बने रहना चाहिए। ट्विटर ने कहा कि हमे दो ट्विटर अकाउंट को तुरंत ब्लॉक करने के लिए कहा गया था जिसके खिलाफ हमने कार्रवाई की और फिलहाल उसे ब्लॉक कर दिया है।”

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कुछ इसी तरह ग्रेटा थनबर्ग और अंतरराष्ट्रीय टूलकिट वाले मामले में भी गूगल भारत के साथ सहयोग करने की बात कर रहा है। गूगल ने सभी ऐसे यूजर्स को चिन्हित कर लिया है जो गूगल टूलकिट के जरिए भारत की छवि को बर्बाद करने की कोशिश कर रहे थे। गूगल अब इन सारे यूजर्स की डिटेल और आईपी एड्रेस दिल्ली पुलिस को मुहैया कराएगा जो भारत विरोधी एजेंडा चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने में बेहद ही कारगर होंगे।

भारत सरकार जिस तरह से किसानों के मुद्दे पर अफवाह फैलाने पर ट्विटर के खिलाफ सख्त हुआ है उससे  ट्विटर के तो होश ठिकाने आ ही गए हैं बल्कि  गूगल भी भारत सरकार से किसी भी तरह का पंगा नहीं लेना चाहता है। यही कारण है कि कुछ दिनों पहले किसान आंदोलन को लेकर बने आपत्तिजनक पंजाबी गाने को यूट्यूब से हटा दिया है। वहीं, अब टूलकिट के मामले में भी वो भारत सरकार का सहयोग करने की बात कह रहा है।

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भारत सरकार का रुख डिजिटल कंपनियों के खिलाफ सख्त होना और फिर उसके बाद ट्विटर जैसी कंपनी का भारत सरकार के आगे झुकना बेहद ही सकारात्मक स्थिति है क्योंकि आज के दौर में डिजिटल माध्यम से ही सबसे ज्यादा आपत्तिजनक काम होते हैं जिस पर लगाम लगाना बेहद ही आवश्यक है।

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