‘बलोच आंदोलन को दबाने के लिए हमें चीन से 6 महीने का वक्त मिला है’, पाक जनरल ने किया खुद को Expose

हास्यास्पद - दुनिया का इकलौता देश बना पाकिस्तान जो हर बार अपनी बेइज्जती खुद ही कराता है

बलोच

इस्लामिक कट्टरता का गढ़ बन चुका पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान मानवाधिकार के हनन का पर्याय बन चुका है। जो पाकिस्तान भारत में होने वाले आंदोलन के दौरान बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना की तरह बयान देता रहता है, वो अपने यहां आजादी के लिए संघर्ष कर रहे बलोच लोगों के आंदोलन को कुचलने की प्लानिंग कर रहा है। इसका खुलासा खुद पाकिस्तानी जनरल ने ही कर दिया है। उनका कहना है कि उन्हें चीन ने ही नियुक्त किया है कि वो जल्द से जल्द इस बलोच आंदोलन की कमर तोड़ दें। उनके द्वारा इस राज का खुलासा बताता है कि पाकिस्तान में चीन का कब्जा अब पूरी तरह से हो चुका है।

बलूचिस्तान का मुद्दा हमेशा ही पाकिस्तान के लिए मुसबीत का सबब रहा है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बलूचिस्तान को आजाद करवाने की गुहार लगाने के साथ ही संयुक्त राष्ट्र संघ तक में बलोचियों की आवाज गूंज चुकी है। ऐसे में चीन को भी पाकिस्तान में आर्थिक नीतियों के कारण बड़ी परेशानियां को सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में पाकिस्तान और चीन बलूचियों के आंदोलन को जल्द से जल्द खत्म कराना चाहते हैं। ऐसे में अब चीन पाकिस्तान की जगह खुद सारे फैसले कर रहा है।

पाकिस्तान के जनरल अयमान बिलाल ने चीन को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है, उन्होंने कहा कि बीजिंग ने उन्हें बलोचियों के आंदोलन को खत्म करने के लिए केवल 6 महीने का वक्त दिया है। उन्होंने कहा, चीन ने मुझे वेतन और बड़ी राशि का भुगतान किया है और मुझे आधिकारिक तौर पर अपने क्षेत्रीय हितों के लिए और CPEC (चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा) के खिलाफ ईरान की साजिशों को विफल करने के लिए यहां पोस्ट किया है, क्योंकि यह क्षेत्रीय हितों में एक तरह का निवेश है।

गौरतलब है कि ईरान द्वारा समय-समय पर बलूचिस्तानी आंदोलनकारियों को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं, ऐसा माना जाता है कि बलूचिस्तान में विदेशी हस्तक्षेप में ईरान अत्यधिक सक्रिय रहा है। बलूचिस्तान पकिस्तान के सबसे गरीब इलाकों में आता है। पाकिस्तान कहने को तो यहां पर विकास परियोजनाएं लाता है लेकिन उन परियोंजनाओँ के नाम पर असल में वो बलोच लोगों पर अत्याचार करता है। ऐसे में पाकिस्तान के खिलाफ अपनी अलग आर्मी बनाकर बलोचिस्तान अपनी आजादी की लड़ाई लड़ रहा है।  इस आर्मी ने पाकिस्तान और चीन की नाक में दम कर रखा है। चीन की चाइना पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर परियोजना बलूचिस्तान के पास ग्वादर पोर्ट तक जाती है।

बलोचिस्तान के आंदोलनकारी आजादी की मांग पर केवल पाक आर्मी से नरसंहार ही हासिल कर रहे हैं जिसके चलते ये लोग भी अब हिंसा पर उतारू हो चुके हैं। पाकिस्तान में स्टॉक एक्चेंज से लेकर होटलों में हुए हमलों में इन्हीं बलोच आंदोलनकारियों का हाथ सामने आया है। ऐसे में चीन की सीपैक परियोजना खतरे में आ गई है। इसीलिए अब वो इन आंदोलनकारियों के खिलाफ ताबड़तोड़ नरसंहार को शुरु करने के लिए पाकिस्तान के जनरल को नियुक्त कर चुका है।

पाकिस्तान पर चीन का अघोषित उपनिवेश होने का आरोप लगता रहा है और पाक के जनरल की नियुक्ति चीन के जरिए होना इस आरोप को बल भी देता है। चीन ने जिस जनरल को इस बलोचियों के आंदोलन को कुचलने के लिए नियुक्त किया है, अब उस जनरल की मूर्खता ने ही पाकिस्तान और चीन दोनों की प्लानिंग का भंडाफोड़ कर दिया है।

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