अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने अपने देश में सभी लैब को यह चेतावनी दी है कि वे BGI ग्रुप की टेस्टिंग किट का इस्तेमाल covid 19 के टेस्ट में न करें। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उसका कारण यह है कि BGI चीनी सेना के साथ कार्यरत चीनी कंपनी है। सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि कंपनी चीनी सेना के इशारे पर काम करती है और टेस्टिंग किट का इस्तेमाल दूसरे देशों के लोगों का जेनेटिक डेटा चुराने के लिए किया जा रहा है। जेनेटिक डेटा को अनुसंधान के लिए चीनी सेना द्वारा इस्तेमाल किये जाने की गुंजाइश है, जिसके जरिये वह भविष्य के सुपर-सोल्जर बना सकेगी, जो अमेरिकी सेना पर भारी पड़ेंगे।
ये जेम्स बॉन्ड की मूवी की स्क्रिप्ट नहीं बल्कि अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों का वास्तविक दावा है। अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों को डर सता रहा है कि चीन यदि इन टेस्ट किट के जरिये उसके देश के नागरिकों का हेल्थ डेटा चुराएगा, तो वह इसका इस्तेमाल अमेरिकी लोगों को डराने, ब्लैकमेल करने आदि में कर सकता है।
सुनने में यह अजीब लग रहा है किंतु एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि BGI भी अमेरिकी बाजार में अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए साम दाम दंड भेद सभी उपाय अपना रही है। यहाँ तक कि कैलिफोर्निया में एक बड़े वकील ने वहाँ कार्य कर रही सभी लैब को धमकी दी है कि वे इसी टेस्टिंग किट का इस्तेमाल करें अन्यथा उनकी शिकायत कैलिफोर्निया गवर्नर से की जाएगी। सुरक्षा एजेंसियों की चेतावनी के बाद भी किसी बड़े वकील द्वारा, कानूनी कार्रवाई की धमकी देना हैरान करने वाला है।
इससे भी हैरानी की बात है कि BGI ने बाजार में पकड़ बनाने के लिए एक पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति से सम्बद्ध कंपनी के साथ समझौता किया है, और उसके संबंध एक ऐसी कंपनी से भी हैं, जो UAE के एक पूर्व खुफिया एजेंट द्वारा संचालित है। इसके पहले FBI द्वारा भी BGI के साथ कार्य करने पर चेतावनी दी जा चुकी है तथा यह भी बताया जा चुका है कि यह कंपनी पूर्व में भी डेटा चोरी के आरोपों में घिर चुकी है।
वैसे हेल्थ डेटा चोरी होने का आरोप गम्भीर है। चीन को लेकर पहले भी यह बात सामने आ चुकी है कि वह अपने सैनिकों को शारीरिक रूप से मजबूत बनाने के लिए उनपर टेस्ट करता है। कोरोना के फैलाव का असल कारण भी आज तक दुनिया के सामने नहीं आया। ऐसे में यदि चीन के पास अमेरिकी लोगों का जेनेटिक डेटा उपलब्ध हो जाता है, उसे जानकारी हो जाती है कि आम अमेरिकी में औसतन कौन सी शारिरिक कमियां हैं, उनका प्रतिरोधी तंत्र कैसे काम करता है, तो यह अमेरिका के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है।
हालांकि, BGI ने स्वाभाविक रूप से अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है लेकिन चीनी कंपनियों पर पहले भी ऐसे आरोप लग चुके हैं। BGI हान चीनियों पर परीक्षण कर चुका है, जिससे उनमें ऊँचाई पर रहने की क्षमता पैदा की जा सके।हान चीनी, मेन लैंड चीन के निवासी हैं। चीनी सरकार की कोशिश है कि उन्हें तिब्बत और ईस्ट तुर्कमेनिस्तान के कब्जाए हुए इलाकों में बसाया जाए, जिससे वहाँ का जनसंख्या विन्यास बदल जाए। BGI तिब्बत और ईस्ट तुर्कमेनिस्तान के अधिग्रहण में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की मदद कर रहा है।
इसके पहले दो चीनी कंपनियों पर आरोप थे कि वे उइगर मुसलमानों की जेनेटिक्स की जानकारी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को देते हैं जिससे उनके लिए उइगर मुसलमानों का नरसंहार और भी सुलभ हो जाए। नाजी जर्मनी से लेकर सोवियत रूस तक, दुनिया ने कई ऐसे पागल देखे हैं जो मनुष्यों पर तरह तरह के परीक्षण करते हैं। चीन, वैसे भी एक ऐसा देश है जो हर क्षेत्र में दूसरे देशों की जासूसी करता रहता है। ऐसे में जेनेटिक डेटा चोरी का आरोप भी सत्य हो सकता है।