Jack Ma से दुश्मनी के कारण जिनपिंग ने Ant ग्रुप के IPO को रोका, इस कदम ने जिनपिंग के खिलाफ चल रही हवा को ही पलट दिया

Jack Ma

PC: THE WEEK

अलीबाबा कंपनी के मुखिया Jack Ma की सफलता के पीछे सबसे बड़ा हाथ चीन के पूर्व राष्ट्रपति Jiang Zemin  का था। उनकी नीति यह थी कि उन्होंने चीन के आर्थिक विकास में वहां के प्राइवेट प्लेयर्स को ड्राइविंग सीट पर बैठाया था। उनके द्वारा प्राइवेट फर्म्स को मिलने वाले समर्थन के कारण ही अलीबाबा जैसी कंपनियों का विकास हुआ।

अब समय बदल गया है और चीन में जिनपिंग का शासन चलता है। दरअसल, जिनपिंग को प्राइवेट सेक्टर का विरोधी माना जाता है। साथ ही Jack Ma भी जिनपिंग के आलोचकों में गिने जाते हैं, ऐसे में दोनों का टकराव स्वाभाविक है।

लेकिन बात इतनी सीधी भी नहीं। जैसा कि बताया गया है कि Jack Ma उन उद्योगपतियों में हैं जिन्होंने पूर्व राष्ट्रपति Jiang Zemin के समय में आर्थिक उन्नति की है। इस कारण Jack Ma का उनके साथ पारिवारिक संबंध है। साथ ही Jack Ma के अन्य भी कई महत्वपूर्ण राजनीतिक परिवारों से सम्बंध है। ऐसे में Jack Ma जिनपिंग के लिए बड़ी चुनौती बन सकते थे।

जब पिछले वर्ष जैक मा ने अपने Ant ग्रुप को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट करने का फैसला किया और कंपनी के IPO को उतारने की घोषणा की तो जिनपिंग ने इस प्रक्रिया को तय तारीख से दो दिन पूर्व ही रोक दिया। उस समय कम्युनिस्ट पार्टी ने ऐसा करने का कारण यह बताया था कि उन्हें डर था कि ANT ग्रुप चीन में वित्तीय समस्याओं को जन्म दे सकता है, लेकिन अब आ रही मीडिया रिपोर्ट बताती हैं कि ऐसा जैक मा के राजनीतिक संबंधों के कारण किया गया था।

जिन कंपनियों का निवेश ANT ग्रुप में होने वाला था उनमें कुछ पूर्व राष्ट्रपति Jiang Zemin के पोते से भी जुड़ी थीं। साथ ही इस IPO के जरिये जिनपिंग के विरोधी राजनीतिक गुट को भी कई बिलियन डॉलर का लाभ होने वाला था। जिनपिंग को भय था कि यदि शंघाई स्थित उनके राजनीतिक विरोधियों को इतनी बड़ी मात्रा में धन मिला तो इसका इस्तेमाल CCP में उनके विरुद्ध विद्रोह बढ़ाने के लिए हो सकता है।

WSJ की रिपोर्ट  के अनुसार जिनपिंग को लग रहा था कि Jack Ma के नाम पर उनके सभी राजनीतिक शत्रु एक मंच पर आ सकते हैं। Jack Ma वैसे भी चीनी राष्ट्रपति के प्रमुख आलोचक माने जाते हैं। हमने पूर्व में अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि जिनपिंग Jack Ma के बढ़ते कद से भयभीत हो गए हैं।

दरअसल Jack Ma और उनके सहयोगियों ने बिल्कुल सही समय पर विरोध की तैयारी कर रहे थे। कोरोना के फैलाव और उससे लड़ने में जिनपिंग की असफलता, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन का अलग थलग पड़ना और भारतीय सीमा पर चीन को लगातार मिल रही असफलता से जिनपिंग की छवि पहले ही खराब हो चुकी थी, ऐसे में एक सफल विद्रोह उन्हें सत्ता से बेदखल भी कर सकता था। लेकिन जिनपिंग की समझदारी और दूरदर्शिता से वे अपनी कुर्सी बचाए रखने में कामयाब हो गए हैं।

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