निबंध लिखना हो गाय पर, लेकिन छात्र ज्ञान के अभाव में लिखने लगे पिता पर, आज की स्थिति में तथाकथित किसान आंदोलन के किसान नेताओं के साथ कुछ ऐसा ही हो रहा है, जिससे इन लोगों के मंसूबे सबके सामने आ गए हैं। इन किसान नेताओं में एक नाम योगेंद्र यादव का भी है जो कि सच कहें तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भाषा में आंदोलनजीवी हैं। वो BBC के एक कार्यक्रम में गए तो किसान आन्दोलन के मुद्दे पर दुष्प्रचार फैलाने थे, लेकिन शो के एंकर ने उनकी ही पोल खोल दी, जिसके बाद अपने योगेंद्र यादव इधर-उधर की बेतुकी बातें करने लगे।
BBC को लेकर हमेशा ही कहा जाता है कि इस अंतरराष्ट्रीय मीडिया चैनल के प्लेटफॉर्म पर हमेशा ही भारत विरोध बातें होती हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है। कुछ एंकर हैं जो निष्पक्षता के साथ बात करते हैं, जिनके सामने भारत के वामपंथियों की सिट्टी-पिट्टी गुल हो जाती है। कुछ ऐसा ही तथाकथित किसान नेता और किसान आंदोलन के जरिए अपनी राजनीतिक संभावनाएं तलाश रहे आंदोलनजीवी योगेन्द्र यादव के साथ भी हुआ, जिनसे बीबीसी के एंकर ने जब दो टूक प्रश्न पूछे तो साहब बगले झांकने लगे और इधर-उधर की बातें करने लगे।
Yogendra Yadav's Lies on Farming Bills & MSP nailed by BBC Anchor. Yoya is left looking like a socialist morоn (which he is) bent on maintaining status quo & defending a system that DOESNT WORK pic.twitter.com/08TBLtVVFg
— Rosy (@rose_k01) February 21, 2021
योगेन्द्र यादव BBC के टीवी चैनल पर ये ही सोच के गए थे कि आराम से जाकर भारत की मोदी सरकार के खिलाफ जहर उगलेंगे, पर क्या पता था कि खुद के लिए ही मुसीबतें खड़ी हो जाएंगी। बीबीसी के एंकर ने सटीक सवाल किया कि आप उस व्यवस्था के बचाव में तीन महीनों से क्यों अड़े हैं जो कि किसानों के हित में नहीं है, और इसके चलते अब तक भारत के दस हजार किसानों ने आत्महत्या की है? योगेन्द्र यादव इसका कोई जवाब ही न दे सके और एंकर को फिजूल की बातों में उलझाने लगे।
योगेन्द्र यादव की बेइज्जती इतने पर ही नहीं थमी, बीबीसी एंकर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि को नुक्सान पहुंचाने के मुद्दे पर भी योगेन्द्र यादव की जमकर क्लास ले ली। एंकर ने बीजेपी नेता राम माधव के हवाले से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार भारत के दकियानूसी कानूनों में बदलाव कर प्रगति के लिए नए आयाम निर्धारित कर रहे हैं। उनके निर्णयों के गर्भ में भारत के संपूर्ण विकास की सोच है, इससे आपको क्या तकलीफ़ है?
एंकर का ये सवाल एक बार फिर योगेन्द्र को चुभ गया, वो अपनी सहज बातों का ढोंग करते हुए फिजूल के तथ्य देने लगे, पर सच तो ये है कि उनके पास एंकर के सटीक सवालों का कोई जवाब ही नहीं था। लिहाजा योगेंद्र यादव गोल पोस्ट को धीरे-धीरे शिफ्ट करके किसी और ही दिशा में ले गए, जो कि प्रत्येक वामपंथी की आदत है। जब किसी वामपंथी के पास किसी मुद्दे पर जवाब नहीं होता है, तो वो सवाल ‘A’ का जवाब ‘B’ में न देकर ‘C’ की तरफ बढ़ जाता है, और अपने जवाब से ये साबित करने की कोशिश करता है कि उसने जवाब सही ही दिया है।
योगेन्द्र यादव के बारे में TFI आपको पहले भी बता चुका है कि वो ऐसे शख्स हैं जो केवल देश में अस्थिरता फैलाना वाले मुद्दों पर ही एक्टिव रहते हैं। ये अपनी सहूलियत के अनुसार, राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, वैश्विक, कृषि समेत अनेक मुद्दों के मौसमी विश्लेषक बन जाते हैं क्योंकि इनका मुख्य एजेंडा केवल प्रधनामंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी सरकार के विरोध में ज़ुबान चलाने का ही हैं। इससे इतर BBC के पत्रकार ने तथाकथित किसान आंदोलन को लेकर सीधे-सटीक सवाल पूछकर योगेंद्र यादव को फंसा दिया, और एक बार फिर आंदोलनजीवी योगेंद्र यादव की बदनीयती का पर्दाफाश हो गया, लेकिन खास बात ये है कि भारत की अंतरराष्ट्रीय बेइज्जती की मंशा रखने वाले योगेंद्र यादव की ही इस बार अंतरराष्ट्रीय बेइज्जती हुई है।