वरिष्ठ अधिकारी द्वारा यौन शोषण और SC/ST एक्ट की धमकी के कारण वन अधिकारी ने की आत्महत्या

SC/ ST एक्ट और शोषण ने दीपाली चव्हाण मोहिते को किया बेबस

हाल में ही महाराष्ट्र के अमरावती क्षेत्र से एक हृदय विदारक घटना सामने आई है। एक महिला वन अधिकारी, जो पाँच माह की गर्भवती थी, अपने वरिष्ठ अधिकारी द्वारा निरंतर यौन शोषण और SC/ST एक्ट की धमकी के कारण आत्महत्या करने के लिए विवश हो गई।

मेलघाट टाइगर रिजर्व में तैनात 28 वर्षीय दीपाली चव्हाण मोहिते ने हाल में ही अपने घर पर अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। दीपाली वन माफियाओं के खिलाफ अपने सख्त रवैये के लिए काफी चर्चित थीं। इसी कारण उन्हें कई लोग ‘लेडी सिंघम’ भी बुलाते थे।

तो फिर ऐसा क्या हुई कि ऐसी धाकड़ महिला को किसी ने आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर दिया ? दरअसल मृतका के पास से बरामद सुसाइड नोट में कथित तौर पर बताया गया कि कैसे उप वनसंरक्षक विनोद शिवकुमार ने न केवल उनका यौन शोषण किया, बल्कि उन्हें झूठे मुकदमों में फँसाकर जेल भिजवाने की धमकी भी दी। फिलहाल विनोद शिवकुमार को नागपुर से हिरासत में ले लिया गया है। जल्द ही उसे पूछताछ के लिए न्यायालय में पेश किया जाएगा।

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लेकिन बात यहीं पर खत्म नहीं होती। दीपाली के सुसाइड नोट में ये भी सामने आया है कि विनोद शिवकुमार ने न केवल उनका यौन शोषण किया, बल्कि SC/ST एक्ट के तहत झूठे मुकदमे में फँसाकर जेल भिजवाने की धमकी भी दी। इसके अलावा गली गलौज से लेकर शिवकुमार ने दीपाली का एक महीने का वेतन भी रुकवा दिया। दीपाली ने टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक एम एस रेड्डी को इस बारे में शिकायत भी की, लेकिन उनके कानों पर जूँ तक नहीं रेंगी।

दीपाली चव्हाण की असामयिक मृत्यु से एक बार फिर SC/ST एक्ट के दुष्परिणाम सबके समक्ष आ चुके हैं। इस एक्ट के अंतर्गत किसी पिछड़े समुदाय के व्यक्ति ने यदि किसी उच्च वर्ग के व्यक्ति पर शोषण का आरोप लगाया, तो न तो इसके खिलाफ तुरंत अपील हो सकती है और न ही किसी को बेल यानि जमानत मिल सकती है। इसके चलते पिछले दो से तीन वर्षों में ऐसे न जाने कितने मामले सामने आ चुके हैं, जहां आपसी रंजिश के चलते निर्दोष लोगों को इस एक्ट के अंतर्गत फँसाया जा चुका है।

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यह एक्ट समाज के लिए कितना नुकसानदेह है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि विष्णु नामक एक व्यक्ति को दुष्कर्म के झूठे आरोप में 20 साल जेल में बिताने पड़े और जब तक वह निर्दोष सिद्ध हुआ, उनका सब कुछ उनसे छिन चुका था। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि दीपाली चव्हाण जैसी अफसर की असामयिक मृत्यु इस बात का संकेत देती है कि यदि हम अब भी नहीं चेते, तो SC/ST एक्ट की आड़ में धारा 498 की भांति कई परिवार उजाड़ दिए जाएंगे।

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