“मॉल में अस्पताल?”, ड्रीम्स मॉल में आग में जलकर 10 लोग मरे, उद्धव का एक और घोटाला आया सामने’

महाराष्ट्र की MVA के और कितने कारनामे आएंगे सामने?

PC : (IndiaTv)

मुंबई के भांडुप में ड्रीम्स मॉल में बने सनराइज हॉस्पिटल में लगी आग की घटना पर BMC एक बार फिर से सवालों के घेरे में है। एक रिपोर्ट के अनुसार इस हॉस्पिटल के पास  Occupational Certificate नहीं था। इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि भांडुप में बने ड्रीम्स मॉल बनने के दौरान कई मानकों के उल्लंघनों की अनदेखी होने के बावजूद BMC ने सनराइज अस्पताल को एक अस्थायी व्यावसायिक प्रमाणपत्र (OC) जारी किया था। गौरलतब है कि सनराइज अस्पताल में आग लगने से 10 कोरोना मरीजों की मौत हो गई।

अस्पताल के लिए अस्थायी OC देने से संबंधित मई 2020 के प्रस्ताव के अनुसार विभाग ने इस मॉल को “डीलिंक” करने का फैसला किया था, जिस पर विचार नहीं किया। मॉल के नौ उल्लंघनों के कारण अस्पताल को संचालित करने के लिए OC नहीं मिल रहा था।

दस्तावेज के अनुसार, ‘Revive Sunrise Hospital’ के तहत बीएमसी ने कई मामलों को नजर अंदाज किया जैसे ड्रीम्स मॉल ने पार्किंग स्थल नहीं सौंपा था, संपत्ति कर बकाया के भुगतान में चूक हुई थी और योजना के अनुसार सड़क के लिए जमीन भी BMC को नहीं मिली थी। मॉल को बिल्डिंग प्लान की एक हार्ड कॉपी पर प्रोविजनल OC ऑफलाइन दिया गया था, जबकि बिल्डिंग प्लान को ऑनलाइन अपलोड करना अनिवार्य होता है। यही नहीं अस्पताल को संचालित करने की अनुमति ने FSI का उल्लंघन भी किया था।

इंडिया टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, उसके हाथ बीएमसी, दमकल विभाग और स्वास्थ्य विभाग का पत्र लगा है, जिसमें अस्पताल में हुए अवैध निर्माण और मूल स्ट्रक्चर में किए बदलाव को लेकर 5 अक्टूबर 2020 को ही शिकायत की बात सामने आई है। वहीं बीएमसी ने इस शिकायत की जांच कर कार्रवाई नहीं की। उल्टा बीएमसी ने शिकायकर्ता पूर्व सांसद संजय दिना पाटील को 21/10/2020 को लिखित जवाब दिया कि अस्पताल को नियमों के तहत ही इजाजत दी गई है और कोई गडबड़ी नहीं है।

बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने मुंबई महानगर पालिका को सवालों के घेरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि, “ड्रीम्स मॉल मतलब घोटालों का महल है। जिस अस्पताल में आग लगी उस अस्पताल के पास OC प्रमाण पत्र था ही नहीं है। इस अस्पताल के पास कोई आग बुझाने की कोई साधन नहीं थे, लेकिन BMC अधिकारियों ने इधर ध्यान नहीं दिया।”

उन्होंने ट्वीट कर बताया कि 2018 में खुद BMC ने अस्पताल को अवैध घोषित किया था, लेकिन अप्रैल 2020 में बीएमसी ने विशेष अनुमति दी। यह अस्पताल राकेश वाधवान कि एचडीआईएल फैमिली द्वारा संचालित होता है, जिसके एनसीपी लीडर के साथ विशेष संबंध हैं। उन्होंने आगे बताया कि 2014 में PMC बैंक के रुपये से बने इस अस्पताल को NPA घोषित कर दिया गया था।

पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने BMC पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा, “जो अवैध अस्पताल और बिल्डिंग हैं, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। बीएमसी का प्रशासन भ्रष्टाचार से इतना सड़ चुका है कि वहां से कार्रवाई होगी, ऐसा नहीं लगता है। मुझे लगता है कि हाईकोर्ट को खुद इसका संज्ञान लेना चाहिए।”

सबसे हैरानी की बात तो यह है कि ड्रीम्स मॉल में अस्पताल चलाने की अनुमति दी गयी। एक तरफ महाराष्ट्र में कोरोना अन्य राज्यों की तुलना में कई गुना तेजी से फ़ैल रहा है। वहीं मनसुख हिरेन हत्या मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। अब आग की घटना ने उद्धव ठाकरे सरकार की अक्षमता को स्पष्ट कर दिया है, जिसके कारण महाराष्ट्र की जनता को परेशान होना पड़ रहा है। अब केंद्र सरकार को तुरंत संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करनी चाहिए और राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए।

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