लॉकडाउन बस अपनी नाकामी को छुपाने का तरीका है, महाराष्ट्र उद्धव के नेतृत्व में खतरे में है

महाराष्ट्र

अपने आप को विश्व के सबसे सर्वश्रेष्ठ सीएम मानने वाले उद्धव ठाकरे के महाराष्ट्र में एक बार फिर से कोरोना उफान मारने लगा है। हालात इतने खराब हो चुके हैं की महाराष्ट्र में कोरोना के नए मामले ब्रिटेन और जर्मनी में मिलने वाले नए मामलों के आंकड़ों से भी अधिक होने लगा। उद्धव न तो कोरोना को नियंत्रित कर पा रहे है और न ही उसके लिए कोई उपाय कर रहे हैं। अब रिपोर्ट के अनुसार उद्धव अपनी अक्षमता को छुपाने के लिए एक बार फिर से लॉकडाउन लगा रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नागपुर में 7 दिन के लिए पूर्ण लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया गया है। नागपुर में कोविड-19 के बढ़ते मामलों की वजह से 15 मार्च से 21 मार्च तक जिले में लॉकडाउन लगाया जाएगा। इस दौरान जिले के सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान बंद रहेंगे। इस दौरान शादियों के लिए इस्तेमाल होने वाले बारात घर भी बंद रहेंगे तथा किसी राजनीतिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अनुमति नहीं होगी।

नागपुर के जिला संरक्षक मंत्री नितिन राउत ने बताया, “नागपुर शहर में 15 से 21 मार्च तक पूर्ण रूप से लॉकडाउन लागू रहेगा। लॉक डाउन नागपुर शहर के पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र में रहेगा। इस दौरान आवश्यक सेवाएं जारी रहेंगी।”

14,317 वुहान वायरस के मामलों के साथ, महाराष्ट्र में गुरुवार को 2021 में सबसे अधिक मामले दर्ज किये गये हैं जिससे राज्य के सक्रिय मामलों की कुल संख्या 1,06,070 हो गई।

बता दें कि पहले ही इस बात की हिदायत दी गई थी कि अगर केस बढ़ेंगे तो महाराष्ट्र में लॉकडाउन लगाया जा सकता है। हालांकि, कुछ दिन पहले कोरोना मामलों में आई कमी के कारण लॉकडाउन हटा लिया गया था, लेकिन एक बार फिर सिर उठाते कोरोना के नए मामलों को देखते हुए सरकार ने यहां पूर्ण रूप से लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया है।

वहीं, शहर में शिक्षक संघों ने स्कूलों के अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि वे शिक्षकों के बीच Covid -19 के पॉजिटिव मामलों को छुपा रहे हैं। इसका एक मात्र कारण स्कूल को सील होने से बचाना था।

स्कूल छात्रों के लिए स्कूल बंद होने के बावजूद अधिकारियों ने शिक्षकों को स्कूल परिसर में आने के लिए मजबूर कर दिया है। इससे कई स्कूली शिक्षकों में संक्रमण की चपेट में आ गए हैं। सीबीएसई स्कूल स्टाफ वेलफेयर एसोसिएशन (CSSWA) की अध्यक्ष दीपाली डबली ने TOI को बताया कि अधिकांश शिक्षक अपने सहयोगियों के कोरोना पॉजिटिव के मामले को रिपोर्ट  रिपोर्ट करने से डरते थे।

महाराष्ट्र में इन्हीं सब कारणों से अब कोरोना एक बार फिर से भयंकर स्तर से बढ़ रहा है। वर्ल्डोमीटर के आंकड़ों के अनुसार, जर्मनी में 10 मार्च को 12246 नए मरीज कोरोना के मिले, वहीं ब्रिटेन में करीब 6000 मामले सामने आए थे, लेकिन अकेले महाराष्ट्र में 10 मार्च को कोरोना के 13,659  नए मामले सामने आए थे। यानी महाराष्ट्र अब कोरोना में इन देशों को भी पीछे छोड़ चुका है।

154 दिन बाद महाराष्ट्र में कोरोना के सबसे अधिक केस महाराष्ट्र में पिछले साल 7 अक्टूबर को कोरोना के 14,578 नए मामले सामने आए थे।

इसके ठीक 154 दिन बाद यानी 10 मार्च को महाराष्ट्र में 13,659 नए मामले सामने आए हैं। अब तक महाराष्ट्र में कोरोना के 22,52,057 केस सामने आ चुके हैं, जिसमें 52,610 लोगों की मौत हो चुकी है।

राज्य में उपचाराधीन रोगियों की संख्या 99,008 है।

महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे की 2020 की शुरुआत में खूब तारीफ हो रही थी। मार्च तक वहां के वामपंथी लोग कैंपेन चलाने लगे थे कि उद्धव एक बेस्ट सीएम हैं लेकिन उसके बाद कोरोनावायरस की स्थितियां महाराष्ट्र में जो बिगड़ीं, वो बिगड़ती ही चली गईं। उनको और उनकी पार्टी को बॉलीवुड के मुद्दों में दिलचस्पी रखने में ज्यादा मजा आता है, लेकिन कोरोना कंट्रोल के मुद्दे पर ये पूरी तरह से विफल रहे हैं। अब अपनी नाकामी छुपाने के लिए लॉकडाउन लगा रहे हैं।

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