Jack Ma के Ant ग्रुप को बर्बाद करने के बाद अब CCP की नजर जैक मा के मीडिया साम्राज्य पर है

Jack Ma पर सीसीपी का एक और बड़ा प्रहार!

जैक मा

चीनी सरकार उद्योगपति जैक मा पर एक के बाद एक प्रहार कर रही है। अब नए फैसले में चीनी सरकार ने जैक मा से अपने मीडिया अंपायर से जुड़े Assets बेचने को कहा है। चीनी सरकार के इस फैसले से यह स्पष्ट हो चुका है कि उसे जैक मा की चीनी जनता के मत को प्रभावित करने की शक्ति से ही सबसे ज़्यादा भय है, और इसीलिए जैक मा द्वारा कम्युनिस्ट विरोधी एजेंडा आगे बढ़ाए जाने के डर के कारण ही चीनी सरकार उनके खिलाफ एक के बाद एक एक्शन ले रही है।

बता दें कि Jack Ma Hong-Kong में स्थापित South China Morning Post के मालिक हैं। इसके साथ ही उनकी कंपनी के सरकारी न्यूज़ चैनल CGTN और कुछ लोकल मीडिया संगठनों के साथ भी संबंध हैं। इतना ही नहीं, जैक मा की हिस्सेदारी चीन का ट्विटर कहे जाने वाले Weibo में भी है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि जैक मा की जनता के मत को प्रभावित करने की क्षमता को खत्म करने के लिए ही चीनी सरकार जैक मा को बर्बाद करने में लगी है।

चीनी सरकार जैक मा के कम्युनिस्ट विरोधी रुख से चिंतित थी, जिसके बाद ही CCP मा के खिलाफ बड़े कदम उठाने पर मजबूर हुई। पिछले वर्ष अक्टूबर महीने में जैक मा ने चीनी सरकार के regulators और केंद्रीय बैंक पर ज़रूरत से ज़्यादा ध्यान देने का आरोप लगाकर उनकी वित्तीय नीतियों की आलोचना की थी, जिसने कम्युनिस्ट पार्टी में उनके खिलाफ आवाज़ों को और बुलंद कर दिया। उसके बाद CCP को जैक मा की शक्ति का अहसास हुआ। मा के पास बड़ी आर्थिक शक्ति के साथ-साथ उनका मीडिया अंपायर पर भी बड़ा प्रभाव था, जिसके कारण जिनपिंग सरकार को उनसे परेशानी होना शुरू हुई।

यही कारण है कि अब खुद जिनपिंग जैक मा को ठिकाने लगाने की कोशिशों में जुटे हैं। Nikkei की एक रिपोर्ट के मुताबिक 11 दिसंबर को जिनपिंग ने अपने करीबी अधिकारियों के साथ बैठक कर इस बात पर ज़ोर दिया कि उन्हें अपने देश में “राष्ट्रीय सुरक्षा” और “राजनीतिक स्थिरता” बनाए रखने के लिए कई कठोर कदम उठाने होंगे। इसके साथ ही जिनपिंग ने कहा कि उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि चीन में कोई भी व्यक्ति अपनी पूंजी को बेतहाशा बढ़ाता ना चला जाये। उनका निशाना जैक मा की ओर ही था।

उसके बाद ना सिर्फ नवंबर महीने में चीनी सरकार ने Ant Group को दुनिया में सबसे बड़े कीमत के IPOs जारी करने से रोका, बल्कि Ant Group के राष्ट्रीयकरण करने का फैसला भी ले डाला। शी जिनपिंग और CCP स्पष्ट रूप से चाहते हैं कि अलीबाबा का राष्ट्रीयकरण अन्य निजी कंपनियों के लिए एक उदाहरण बने जिसे देखते हुए वे कभी भी चीन के भीतर सरकार या किसी CCP नेता पर उंगली न उठा सके। जिनपिंग सरकार ने इसी महीने कुछ नए Bankruptcy कानून भी जारी किए हैं, जिनके बाद Ant group जैसी कंपनियों का वजूद ही खतरे में आ जाएगा।

कुल मिलाकर जिनपिंग धीरे-धीरे जैक मा की दो बड़ी शक्तियों पर करारा प्रहार कर रहे हैं। एक उनकी आर्थिक शक्ति और दूसरा उनका मीडिया एम्पायर! जिनपिंग उनकी ये दो बाजुएं काटकर जैक मा के खतरे को हमेशा-हमेशा के लिए खत्म करना चाहते हैं और वे अपनी इस कोशिश में सफल होते दिखाई दे रहे हैं।

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