हिन्दू देवी देवताओं का अपमान करने के लिए, अमर चित्र कथा ने अपने इंटर्न को किया बर्खास्त

इस प्रकार के कार्य को स्वीकार नहीं किया जाएगा

भारतीय इतिहास और भारतीय संस्कृति को सहेजने में कुछ संगठनों का योगदान हम कभी नहीं भूल सकते। इनमें अमर चित्र कथा का कॉमिक संकलन भी प्रमुख है, जिन्होंने कभी भी अपने देश की संस्कृति के साथ समझौता नहीं किया। इसी की एक मिसाल अभी हाल ही में देखने को मिली, जब अमर चित्र कथा ने अपने एक इंटर्न को इसलिए बर्खास्त किया, क्योंकि उसके भड़काऊ, हिन्दू विरोधी पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे।

अभी हाल ही में इंस्टाग्राम पर अबू अमान नामक व्यक्ति का अकाउंट विवादों के घेरे में आया है। दरअसल उसके अकाउंट पर कुछ पोस्ट और कमेन्ट ऐसे हैं, जो न केवल सनातन संस्कृति के प्रति अपमान जनक हैं, बल्कि अबू की सनातन संस्कृति के प्रति घृणा को भी साफ दिखाता है।

https://twitter.com/atulahuja_/status/1374666262983319553

तो अबू अमान का  इस संस्था से क्या कनेक्शन है? दरअसल अबू अमान अमर चित्र कथा में इंटर्न था, जिसके पीछे आक्रोशित सोशल मीडिया यूजर्स और अन्य लोगों ने उसे हटाने की मांग की। इसके पश्चात अमर चित्र कथा ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए लिखा,

“वर्तमान घटना को संज्ञान में लेते हुए और किसी भी प्रकार की अफवाह को बढ़ावा देने के लिए हम सूचित करना चाहते हैं कि हमने एक चित्रकार को 30 दिनों के लिए बतौर इंटर्न नियुक्त किया था। लेकिन उसने संवेदनशील जानकारी को सबके समक्ष उजागर कर दिया, जिसके कारण हमें तत्काल प्रभाव से उसकी इंटर्नशिप शुरू होने से पहले ही रद्द कर दी है। हमारी संस्था एक बेहद प्रोफेशनल संस्था है, जहां इस प्रकार के कार्य को स्वीकार नहीं किया जाएगा”

ACK ने कई सदियों की संस्कृति और भारतीय इतिहास के अनछुए पहलुओं को सहेजने में काफी सहायता की है। बप्पा रावल से लेकर राणा हम्मीर, छत्रपति शिवाजी महाराज से लेके वीर सावरकर तक कई महानायकों और वीरांगनाओं की शौर्य गाथाओं को जिस प्रकार से अमर चित्र कथा में संकलित किया गया है, वो अपने आप में प्रशंसनीय है। ACK के इस महत्व को अभिनेता अजय देवगन ने भी सराहा और अपनी सफल फिल्म ‘तान्हाजी’ के प्रमुख प्रचारकों में भी शामिल किया।

ऐसे में जब इस संगठन ने अपने मूलभूत आदर्शों से समझौता न करते हुए एक हिन्दू विरोधी इंटर्न को बर्खास्त किया, तो उन्होंने स्पष्ट संदेश दिया – हमारी संस्कृति से कोई समझौता नहीं। अमर चित्र कथा का निर्णय न केवल सराहनीय है, बल्कि आवश्यक भी।

Exit mobile version