साल 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में गैंगस्टर और अपराधियों का बोल बोला हुआ करता था, लेकिन मार्च 2017 में उत्तर प्रदेश की जनता ने राज्य की कमान योगी आदित्यनाथ के हाथों में सौंप दी। योगी के आते ही उत्तर प्रदेश में नई ऊर्जा का प्रवाहन हुआ। यूपी के गैंगस्टर और अपराधियों के लिए यह बहुत बुरी खबर थी। कई गुंडों ने तो खुद ही सरेंडर कर दिया और कई गुंडे उत्तर प्रदेश छोड़कर दूसरे राज्यों में भाग गये। ऐसा ही एक गैंगस्टर है, मुख्तार अंसारी, यह भी योगी राज के डर से पंजाब के जेल में खुद को सुरक्षित महसूस कर रहा था, लेकिन योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जा कर उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को 14 दिन के अंदर मुख्तार को उत्तर प्रदेश सरकार के हवाले करने का आदेश दिया है।
आपको बता दें कि, मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश के मऊ जिले से बसपा का विधायक है। मुख्तार के ऊपर गैंगस्टर का चार्ज लगा है। साल 2005 में मुख्तार को भाजपा नेता कृष्णानंद राय की हत्या का जिम्मेदार माना गया था। कृष्णानंद राय की हत्या के अलावा मुख्तार के खिलाफ और भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। साल 2019 से योगी के डर से पंजाब की रोपड़ जेल में बंद था और पंजाब सरकार ने भी मुख्तार को बचाने के लिए पूरी कोशिश की।
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शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पंजाब सरकार मुख्तार को उत्तर प्रदेश के हवाले न करने के पीछे तुच्छ कारण बता रही है। कोर्ट ने कहा कि पंजाब सरकार दो हफ्ते के अंदर मुख्तार को उत्तर प्रदेश प्रशासन के हवाले कर दे। कोर्ट की इस बात से साफ संकेत मिलता है कि पंजाब सरकार मुख्तार का संरक्षण कर रही थी। कोर्ट ने यह भी कहा, “अभी तक 26 बार तुच्छ कारणों का हवाला देकर मुख्तार को उत्तर प्रदेश प्रशासन के हाथों में नहीं सौपा गया। इसके साथ ही मुख्तार ने वर्ष 2019 से अब तक एक बार भी मोहाली कोर्ट में बेल के लिए अर्जी नहीं दी, इससे शक और भी बढ़ता है”
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से कोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने 3 मार्च को सुनवाई के दौरान बताया था कि अंसारी ‘पंजाब की रोपड़ जेल से अपना कारोबार संचालित कर रहा है।’ उत्तर प्रदेश सरकार और सुप्रीम कोर्ट की बातों का अर्थ निकाला जाए तो यह सामने आता है कि, मुख्तार को पंजाब सरकार न केवल संरक्षण दे रही थी, बल्कि उसके लिए जेल के अंदर सारे इंतजाम भी किए गए थे, जिससे वह अपना आपराधिक कारोबार भी जारी रख सके।
अब सवाल उठता है कि आखिर पंजाब में कांग्रेस की सरकार ऐसा क्यों कर रही थी ? तो इसका जवाब है मुख्तार और कांग्रेस का पुराना रिश्ता है और कांग्रेस का अंसारी के साथ एक नहीं बल्कि दो रिश्ते हैं। पहला मुख्तार अंसारी कांग्रेस नेता और देश के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का भतीजा है और दूसरा मुख्तार के दादा मुख्तार अहमद अंसारी साल 1927 में कांग्रेस के अध्यक्ष थे। देखा जाए तो मुख्तार और कांग्रेस का संबंध पुराना है, लेकिन कांग्रेस अभी भी मुख्तार अंसारी को संरक्षण देने से पीछे नहीं हट रही है।
यह बात तब और ज्यादा साफ हो जाती है, जब कृष्णानंद राय की पत्नी और बीजेपी विधायक अलका राय ने प्रियंका गांधी से गुहार लगाई थी, लेकिन प्रियंका ने अनसुना कर दिया। अलका ने कहा था “मैं प्रियंका गांधी से निवेदन कर रही हूं कि ऐसे खूंखार अपराधियों को बचाने की कोशिश न की जाए। उनको वहां से भेजा जाए, ताकि न्यायालय में लंबित मुकदमे में न्याय मिल सके। वह भी महिला हैं और मैं भी महिला हूं, मुझे आशा है कि वह हमारी भावनाओं को समझेंगीं।”
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उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद अपराधियों के अंदर डर का माहौल साफ नज़र आ रहा है, जो पहले नहीं हुआ करता था। अखिलेश यादव की पार्टी में तो असंख्य अपराधी पहले से ही भरे हुए थे जैसे- अतीक अहमद। उससे पहले मायावती की पार्टी से तो मुख्तार और उसका दूसरा गैंगस्टर भाई अफजल विधायक है। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने न केवल अपराधियों को अपने राज में बचाया है, बल्कि उनको अपनी पार्टी से टिकट देकर उनका राजनीतिक करियर भी चमकाया है।
हाल में ही मुख्तार अंसारी पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है। इसके साथ ही योगी सरकार के रडार पर 33 और अपराधी हैं। द प्रिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार यूपी सरकार अभी तक गैंगस्टर और अपराधियों की 1,000 करोड़ रुपए की संपति जब्त कर चुकी है और आगे भी बिना किसी हिचकिचाहट के अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करती रहेगी।