ओटीटी प्लेटफार्म्स पर प्रसारित होने वाली वेब सीरीज और फिल्में आए दिन किसी न किसी विवाद का विषय बन जाती हैं। कभी इनमे दिखाए गए दृश्यों और डायलॉग्स से लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं तो कभी सामाजिक मूल्यों से इतर इनके जरिए कुछ आपत्तिजनक चीजें सामने आती हैं, जो बड़े विवाद का विषय बन जाती हैं। ताजा मामला नेटफ्लिक्स से जुड़ा हुआ है, जिसकी वेब सीरीज बॉम्बे बेगम में एक 13 वर्षीय बच्ची को ड्रग्स लेते दिखाया गया है और इसके चलते अब बाल आयोग ने नेटफ्लिक्स के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया है।
ओटीटी प्लेटफ़ार्म्स और इंटरनेट का कंटेंट अब केंद्र सरकार और अलग-अलग आयोगों के निशानें पर हैं। पिछले कुछ महीनों में इन प्लेटफॉर्म पर कुछ ऐसी विवादित फिल्में और वेब सीरीज प्रसारित हुई है जो कि लोगों को बेहद ही आपत्तिजनक लगी हैं। ऐसे में नेटफ्लिक्स पर आई नई वेब सीरीज बॉम्बे बेगम को लेकर भी एक नया हंगामा हुआ है। इसमें स्कूली बच्चों की छवि को बेहद ही गलत तरीके से पेश किया गया है। जिसके बाद लोगों ने बाल आयोग से इस मुद्दे पर शिकायत की है, और अब बाल आयोग ने इस मुद्दे पर एक्शन ले लिया है।
ओटीटी प्लेटफार्म्स के पिछले इतिहास को देखते हुए अब इस मुद्दे पर बाल आयोग ने नेटफ्लिक्स के खिलाफ नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में कहा गया है कि तुरंत ही इस बॉम्बे बेगम वेब सीरीज के प्रसारण पर रोक लगाई जाए, और केवल इतना ही नहीं, इस मामले में 24 घंटे में जवाब भी दिया जाए। बाल आयोग का भी इस मुद्दे पर साफ कहना है कि नेटफ्लिक्स का कंटेंट आपत्तिजनक ही है जिसे नजरंदाज नहीं किया जा सकता।
अगर इस मुद्दे पर किसी भी प्रकार का एक्शन होता है, तो उस कार्रवाई की जद में इस वेब सीरीज की स्टार कास्ट भी आएगी और ये उनके लिए एक मुश्किलें खड़ी कर सकता है। स्टार कास्ट की बात करें तो ये सीरीज अलंकृता श्रीवास्तव द्वारा निर्देशित है। बॉम्बे बेगम असल में पांच महिलाओं की कहानी है। इस फिल्म के मुख्य किरदारों में पूजा भट्ट, सहाना गोस्वामी, अमृता सुभाष, प्लाबिता बोर-ठाकुर, आध्या आनंद शामिल हैं।
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नेटफ्लिक्स की सबसे बड़ी समस्या ये भी हो सकती है कि पिछले दिनों अमेजन प्राइम की वेब सीरीज तांडव को लेकर अमेज़न प्राइम को काफी मुश्किलें आईं थीं। इतना ही नहीं अमेजन प्राइम को जनता के गुस्से के अलावा कानूनी मार भी पड़ी थी और कंपनी की भारतीय हेड को जेल तक जाना पड़ा था। अमेजन प्राइम के साथ हुई उस सख्त कार्रवाई के आधार पर कहा जा सकता है कि ओटीटी प्लेटफार्म्स के विवादित कंटेंट को लेकर अब देश की सरकारें और सामाजिक संगठन कड़ाई से निगरानी कर रहे हैं।
सरकार और सामाजिक संगठनों की यही कड़ाई अब नेटफ्लिक्स पर भारी पड़ सकती है क्योंकि बाल आयोग द्वारा भेजा गया नोटिस और 24 घंटों में मांगा गया जवाब इस बात का पर्याय है कि आयोग इस मुद्दे को हल्के में लेने वाला नहीं है।