MBS अपने परिवार के चुनिंदा आधुनिक नेताओं में से एक हैं, बाइडन उन्हें पद से हटाकर पश्चिम एशिया को बर्बाद करना चाहते हैं

बाइडन की कोशिश- MBS हटाओ, MBN लाओ!

MBS

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन पश्चिमी एशिया में एक बार फिर से अव्यवस्था फ़ैलाने का प्रबंध कर चुके हैं और अब ऐसा लगता है कि डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कई खाड़ी के देशों के बीच कराए गए Abraham Accord को भी भंग करना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने अब सऊदी में अप्रत्यक्ष रूप से सत्ता की बागडोर संभालने वाले प्रिंस मोहम्मद भी सलमान को अप्रासंगिक बनाना चाहते हैं जिससे वो Abraham Accord पर हमला कर सके और खाड़ी देशों के बीच एक बार फिर से युद्ध की स्थिति बने।

दरअसल, रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी नागरिक और सऊदी अरब के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या मामले में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का भी नाम जुड़ रहा है। Office of the Director of National Intelligence की रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी अरब से भेजी गई जिस टीम ने कथित तौर पर खशोगी की हत्या की थी, उन्होंने दो विमानों का इस्तेमाल किया था। ये विमान उसी कंपनी के थे, जिन्हें एमबीएस ने जब्त करवाया था। अब इस रिपोर्ट के सहारे टीम बाइडन MBS पर प्रतिबन्ध लगाना चाहती है। यही नहीं यह भी रिपोर्ट सामने आ रही है कि MBS के अन्य विकल्प को भी देखा जा सकता है यानि अमेरिका किसी अन्य प्रिंस को अपने फयदे के लिए उठाना चाहता है। परन्तु जो भी दावेदार हैं वे या तो मार दिए जा चुके हैं या प्रिंस MBS द्वारा कैद में हैं। सबसे ऊपर नाम मोहम्मद बिन नायेफ़ का उठ रहा है जिसे “अमेरिका का पसंदीदा सऊदी” कहा जाता है। The Times की रिपोर्ट के अनुसार ‘अमेरिका के पसंदीदा सऊदी’ की मदद करने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति पर दबाव है जो MBS द्वारा कैद हैं।

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बता दें कि वर्ष 2019 में ही बाइडन ने एक भाषण में कहा था कि वो अगर राष्ट्रपति बनते हैं तो जमाल खशोगी की हत्या में शामिल सभी लोगों को अवश्य की सजा दी जाएगी। जब से बाइडन राष्ट्रपति बने हैं तब से वह सऊदी अरब के पीछे बड़े हुए हैं। बाइडन ने 76 सउदी लोगों को कार्यकर्ताओं और पत्रकारों पर प्रतिबन्ध लगाने  करने के लिए मंजूरी दे दी है, और सऊदी अरब के साथ अपने संबंधों फिर से शुरू करने की योजना बना रहे हैं।

कुछ दिनों पहले ही अमेरिका के प्रेस सचिव Jen Psaki ने संवाददाताओं से कहा था, “हम सऊदी अरब के साथ अपने संबंधों को फिर से व्यवस्थित करने जा रहे हैं। इसका एक हिस्सा समकक्ष के साथ समकक्ष है और राष्ट्रपति के समकक्ष राजा सलमान हैं।” यानि अमेरिका एक बार फिर से de facto नेता प्रिंस MBS से न बात कर किंग सलमान से सीधे बातचीत होगी।

यही नहीं बाइडन यमन युद्ध में अमेरिका की उपस्थिति को समाप्त कर रहा है और साथ ही सऊदी अरब के साथ किये जा रहे एक बड़े हथियारों की बिक्री पर रोक लगा दी है।

वह सऊदी अरब के क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी ईरान से भी बात करने को तैयार है और जमाल की हत्या से जुडी रिपोर्ट जारी करने के साथ ही वह प्रिंस MBS को भी निशाने पर ले लिया है।अमेरिका में उन पर प्रतिबन्ध लगाये जाने और कड़े कदम उठाने की मांग बढ़ रही है। कुछ एक्सपर्ट्स का यह मानना है कि अगर सऊदी के सबसे ताकतवर साथी यानि अमेरिका के तरफ से दबाव बढ़ता है तो प्रिंस MBS को किंग बनने से रोका जा सकता है।

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अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या अमेरिका MBS को हटाने के लिए आगे बढ़ेगा और उनकी जगह अपने समय के शक्तिशाली राजकुमार रहे मोहम्मद बिन नायेफ को लायेगा?

इजरायल में पर्यवेक्षकों जिनके अब MBS के साथ अच्छे और अनौपचारिक संबंध हैं, उन्होंने अनुमान लगाया है कि राष्ट्रपति बाइडन सऊदी के राजकुमार MBS से छुटकारा पाने की प्रक्रिया में हैं। MBS एक अस्थिर देश में एक आधुनिक राजनीतिज्ञ है। अगर प्रिंस MBS को हटाया जा ता है तो इसका सबसे बड़ा प्रभाव सऊदी की आतंरिक शांति के साथ Abraham Accord पर भी पड़ने वाला है। सऊदी अरब के अन्दर कई सुधार लाने वाले प्रिंस MBS ने एक इस देश को मजबूत बनाने के साथ सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था को तेल से दूर लेकर जाना और सऊदी अरब को एक बिजनेस हब के तौर पर विकसित करने की कोशिश की है। वहीं,खाड़ी देशों के बीच शांति के लिए अमेरिका के ट्रंप प्रशासन के साथ मिल कर उन्होंने Abraham Accord का प्रस्ताव को समर्थन किया जिससे कई देशों को इजरायल के साथ संबंध फिर से शुरू करने को राजी हुए। हालांकि, अगर ऐसे में प्रिंस MBS को किसी भी तरह से हटाया जाता है तो Abraham Accord का बचना मुश्किल हो जायेगा क्योंकि सऊदी रॉयल परिवार के सभी सदस्य शायद ही इजरायल के साथ संबंधों के समर्थक हो। मोहम्मद बिन नायेफ को पहले से ही अमेरिका के समर्थक के रूप में जाना जता है और वह वही करेंगे जो अमेरिका कहेगा। जो बाइडन तो यही चाहते ही है कि पश्चिमी एशिया एक संघर्ष का क्षेत्र बना रहे जिससे हथियारों की बिक्री होती रहे। अब यह देखना है कि अमेरिका द्वारा जारी किये गए रिपोर्ट पर प्रिंस MBS की क्या प्रतिक्रिया आती है।

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