उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,भारतीय जनता पार्टी के ऐसे स्टार प्रचारक हैं जो अगर प्रचार पर निकलते हैं तो बीजेपी की झोली में वोटों की बारिश होना तय हो जाता है। यही कारण है कि योगी राज्यों के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल होते हैं, और कुछ इसी तरह अब उन्होंने पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार की शुरुआत कर दी है। उनकी टाइमिंग को देखकर ये कहा जा सकता है कि अब बीजेपी बंगाल में अपने चुनाव प्रचार को धार देने में जुट गई है और TMC प्रमुख मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए योगी का प्रचार करना किसी आक्रामक बल्लेबाज के सामने गेंदबाजी करने जैसा है, क्योंकि वो प्रत्येक गेंद को दर्शक दीघा में ही फेंक देते हैं।
पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने अपने लिए चुनाव से पहले एक सकारात्मक माहौल तैयार कर लिया है, जिसके चलते मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अब बैकफुट पर जा चुकीं हैं। भ्रष्टाचार से लेकर तुष्टीकरण का उनका इतिहास उनके चुनावी वादों पर बोझ बनता दिख रहा है। ऐसे में बीजेपी अब अपने ट्रंप कार्ड यानी योगी आदित्यनाथ को सामने लेकर आई है, और वो पार्टी के लिए बंगाल में धुआंधार प्रचार की शुरुआत कर चुके हैं। पहले ही दिन उन्होंने ममता पर इतने कटु वार किए हैं जिसकी काट ममता के खेमें में किसी के भी पास नहीं है।
योगी के हिंदू हृदय सम्राट की छवि बीजेपी को लाभ पहुंचाने वाली है क्योंकि वो बंगाल में जय श्रीराम के जयघोष के साथ ममता के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। इसकी झलक योगी आदित्यनाथ के जाने के पहले उनके ट्वीट में ही दिख गई, जब उन्होंने जय श्री राम लिख दिया। योगी ने मालदा में रैली कर अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण से लेकर CAA और NRC के मुद्दों को जोरों से उठाया। इतना ही नहीं उन्होंने बंगाल के हिंसक माहौल पर भी काफी चुटीली टिप्पणियां की हैं।
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योगी ने मालदा में रैली के दौरान कहा, “बंगाल में जय श्री राम के नारे लगाने से रोका जाता है। अयोध्या में भी एक सरकार ने रामभक्तों पर गोली चलाई थी, उसका हश्र सभी ने देखा है, जो भी राम का द्रोही है, उनका बंगाल में कोई काम नहीं है।” इतना ही नहीं उन्होंने बंगाल की बदहाल स्थिति का जिक्र करते हुए कहा, “कभी भारत को नेतृत्व देने वाला बंगाल आज बदहाल है। पश्चिम बंगाल में सत्ता प्रायोजित अपराध और आतंकवाद देश की सुरक्षा को कड़ी चुनौती दे रहा है। बंगाल में शक्ति की पूजा होती है, लेकिन यहां पर दुर्गा पूजा पर पाबंदी लगाई जाती है। ईद पर जबरदस्ती गोहत्याएं करवाई जाती हैं, गोतस्करी से भावनाओं को नुकसान पहुंचाया जाता है।”
योगी आदित्यनाथ ने अपनी पहली ही रैली में वो सारे मुद्दे छुए हैं जो उन्हें सूट करते हैं। उन्होंने सीएए को लेकर कहा, “CAA जब लागू हुआ तो पश्चिम बंगाल में हिंसा क्यों होती है, ये सत्ता की प्रायोजित हिंसा है। बंगाल में आयुष्मान भारत योजना को लागू नहीं किया गया, केंद्र की किसी भी योजना का लाभ यहां के लोगों को नहीं मिल रहा है। लव जिहाद को अंजाम दिया जा रहा है, यहां की सरकार इसे रोक नहीं पा रही है।” दिलचस्प बात ये है कि अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ कानून लागू हो चुका है।
इसके अलावा योगी ने दावा किया कि जैसे ही बीजेपी की सरकार बनेगी राज्य में बांग्लादेश तक होने वाली गो-तस्करी पर लगाम लगा दी जाएगी। उन्होंने मोदी सरकार और बीजेपी शासित राज्यों के फायदे गिनाते हुए ममता को लताड़ दिया है। सभी को अच्छे से याद है कि योगी आदित्यनाथ ने बिहार में किस तरह से एक बड़े तबके का वोट आसानी से बीजेपी के पाले में ला दिया था। इसी तरह हैदराबाद के निकाय चुनाव से लेकर मध्यप्रदेश , महाराष्ट्र के सभी राज्यों में उन्होंने ताबड़तोड़ रैलियां की थीं जिसका फायदा बीजेपी को ही मिला है। बीजेपी योगी के चुनाव प्रचार के ग्राफ का अच्छी तरह विश्लेषण करती है, और उन्हीं का नतीज़ा है कि योगी अब पश्चिम बंगाल के चुनावी रण में उतर आए हैं।
ऐसे में जब योगी ममता दीदी के खिलाफ इतने आक्रामक अंदाज में प्रचार करने को उतर आए हैं, तो कहा जा सकता है बीजेपी ने अब योगी को ममता के सामने फ्रंटफुट पर खेलने की छूट दे दी है। उनकी लोकप्रिय छवि और हिंदुत्व का एजेंडा बीजेपी के लिए बेहद ही फायदेमंद साबित होने वाला है, और योगी का पश्चिम बंगाल आना ममता के लिए अब सबसे बड़ी मुसीबत है।