BJP ने ममता बनर्जी को चेकमेट करने के लिए महिलाओं और OBC पर ध्यान केन्द्रित किया है और यह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा कोलकाता में जारी किए गए घोषणापत्र से स्पष्ट हो जाता है। ममता बनर्जी ने BJP को बाहरी लोगों की महिला विरोधी पार्टी के रूप में पेश करने की कोशिश की है लेकिन जिस तरह से PM मोदी और अमित शाह ने सोनार बंगला की रणनीति बनाई है उससे अब TMC चारो खाने चित होने जा रही है। इस साल बंगाल के चुनाव में अनुमानित 49 फीसदी मतदाता महिलाएं हैं वहीँ OBC के प्रभाव को देखा जाये तो यह पश्चिम बंगाल के 50 से अधिक विधान सभा क्षेत्रों की जीत में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।
भारतीय जनता पार्टी ने लड़कियों को आर्थिक सहायता देने का वादा किया है, विशेषकर उन्हें जो समाज के कमजोर वर्ग से हैं। साथ ही राज्य सरकार की नौकरियों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा भी की है। महिलाओं के लिए घोषित अन्य पहलों में “KG से PG(स्नातकोत्तर)” तक मुफ्त शिक्षा, मुफ्त सार्वजनिक परिवहन और मुफ्त स्वास्थ्य सेवा शामिल हैं।
BJP द्वारा अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) OBC तथा अन्य कमजोर वर्गों के परिवारों की लड़कियों के लिए घोषित योजनाओं को देखा जाये तो यह प्रति लाभार्थी 3.72 लाख रुपये की नकद सहायता तक पहुंचेगी।
अपने घोषणा पत्र में भाजपा ने एक बालिका को स्कूली शिक्षा के दौरान अलग-अलग उम्र के पड़ावों पर चार किश्तों में 22,000 रुपये देने का वादा किया है। जब वह 18 साल की हो जाएगी, जिन्होंने अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा (कक्षा 12) पूरी की है उन अविवाहित लड़कियों के लिए भाजपा ने 2 लाख रुपये के अनुदान की घोषणा की है। यह नकद सहायता ‘बालिका अयोग’ नामक योजना के तहत दी जाएगी।
एक अन्य योजना ‘Gharer Lokkhi Yojana’ के तहत BJP ने विवाह के समय अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अन्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की वयस्क महिलाओं को 1 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपोजिट का वादा किया है।
वहीं प्रस्तावित “बालिका आलो योजना” के तहत एससी, एसटी, OBC और अन्य कमजोर वर्गों से प्रत्येक परिवार में लड़की के जन्म पर 50,000 रुपये का बांड जारी करने का वादा किया है। इसके साथ ही विधवा महिलाओं को मिलने वाली पेंशन की रकम 3000 रुपये तक करने का वादा किया है।
जिस तरह से PM मोदी ने केंद्र में रहते हुए महिलाओं के विकास पर जोर दिया है और कई योजनाओं का सफलतापूर्वक संचालन किया है उससे देशभर की महिलाओं में BJP के प्रति एक विश्वास जगा है।
वहीँ एक और बड़े फैक्टर की बात की जाये तो वो OBC हैं। अब अगर पिछले चुनावों को देखा जाये तो कभी TMC के वोट बैंक रहे SC, ST और OBC 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की तरफ आ चुके हैं, जिससे BJP ने TMC के कुछ गढ़ों में सेंध लगायी थी। SC / ST वोटों के दम पर ही BJP ने जंगलमहल, उत्तर 24 परगना और नादिया जिलों में TMC को हराने में सफलता पाई थी। दूसरी ओर, ओबीसी वोटों ने भाजपा को पूर्वी मिदनापुर, पश्चिम मिदनापुर, हावड़ा और हुगली जैसे जिलों में कुछ महत्वपूर्ण सीटें जीतने में मदद की थी। अब BJP ने महिष्य समाज को OBC स्टेटस की वर्षों पुराने मांग को मेनिफेस्टो में शामिल किया है।
पश्चिम बंगाल के मिदनापुर, हावड़ा और हुगली जैसे दक्षिणी बंगाल के तीन जिलों में महिष्य समुदाय का अधिक वर्चस्व है। वहीं नादिया और 24 परगना में भी इनकी पर्याप्त उपस्थिति है।
महिष्य, तोमर, तेली और साह जैसे जातियां दक्षिणी बंगाल के कम से कम 50 से अधिक विधान सभा क्षेत्रों में निर्णायक भूमिका निभाने वाले हैं जिससे BJP को एक महत्वपूर्ण बढ़त मिल सकती है। राज्य में करीब 62 OBC ग्रुप्स हैं। उत्तर बंगाल के राजबोंगशी अपनी अलग पहचान के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। राजबोंगशी समुदाय के सबसे अहम नेताओं में से एक अनंत राज महाराज अब BJP के साथ हैं।
यानी अब देखा जाये तो ममता बनर्जी का सत्ता से पत्ता काटना तय है चाहे वो कितनी भी घोषणा कर ले या कितनी भी महिलाओं को उम्मीदवार बना ले उन्हें कोई नहीं बचा सकता है। बता दें कि TMC ने कुल 291 उम्मीदवारों में से 50 महिलाओं को टिकट दिया है। पर इस बार उनका सामना PM मोदी से है जिन्होंने महिला सशक्तिकरण के लिए कई अहम फैसले लिए है अथवा उनके केंद्रित कई योजनाओं का आरंभ किया है।
प्रधानमंत्री और भारत सरकार का महिलाओं के प्रति यह विश्वास, देश की महिलाओं ने भी नकारा नहीं, जिसका नतीजा हाल ही में हुए बिहार चुनाव में साफ नज़र आया। प्रधानमंत्री मोदी ने उनको अपना ‘Silent Voter’ का दर्जा दिया। प्रधानमंत्री ने कहा “BJP के पास silent voters बड़ी संख्या में है जो की BJP को हमेशा से वोट करते आ रही है, वो हमारे देश के महिलाएं है।” अब पश्चिम बंगाल में भी यही होने जा रहा है और महिलाओं के साथ OBC BJP को एक प्रचंड जीत दिलाने जा रहे हैं।