चिली की पूर्व राष्ट्रपति और UNHRC आयुक्त ने मानवाधिकारों के मुद्दे पर भारत को घेरा, बदले में चीन से मुफ्त वैक्सीन पाई

इन्होंने वैक्सीन के लिए ज़मीर ही बेच दिया है !

चीन

कुछ लोग मेहनत से अपनी रोटी कमाते हैं, तो कुछ लोग भिक्षा माँग के। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो दूसरों को गालियां देके पैसे कमाते हैं, और ऐसा ही कुछ हमें एक UN मानवाधिकार परिषद की उच्चाधिकारी के साथ देखने को मिला, जिसे भारत को अपशब्द कहने के लिए न केवल चीन की CCP, बल्कि खालिस्तानी संगठन Sikhs for Justice द्वारा पुरस्कृत भी किया गया।

चिली की पूर्व राष्ट्रपति और UN मानवाधिकार परिषद की उच्चाधिकारी मिशेल बैशले ने भारत को ‘किसान आंदोलन’ पर ‘बर्बर कार्रवाई’ के लिए आड़े हाथों लेने का प्रयास किया। उसके अनुसार भारत द्वारा किसानों पर हो रही ‘बर्बर कार्रवाई’ के विरुद्ध UN को कुछ आवश्यक कदम उठाने चाहिए। इसके ठीक दो दिन बाद चिली को चीन से Sinovac वैक्सीन की एक बड़ी खेप पहुंची है। अब यह महज संयोग तो नहीं हो सकता न।

लेकिन बात यहीं पर नहीं खत्म होती। एक रिपोर्ट के अनुसार इस बयान के पश्चात मिशेल को आतंकी संगठन Sikhs for Justice ने 10000 अमेरिकी डॉलर का पुरस्कार देने की घोषणा भी की है, जिसके लिए मिशेल ने कथित तौर पर आभार भी प्रकट किया है।

हालांकि यह पहला ऐसा अवसर नहीं था जब इस चिली नेता ने भारत के विरुद्ध जहर उगला हो। पिछले कई वर्षों से मिशेल ने कश्मीर में अलगाववादियों के समर्थन में भारत सरकार के विरुद्ध जहर उगलने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि चीन UN मानवाधिकार परिषद में ऐसे लोगों की भरमार चाहता है, जो उसके एक इशारे पर उसके प्रतिद्वंदीयों को बेइज्जत करने में कोई कसर न छोड़े।

लेकिन मिशेल की बातों का कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा। UN मानवाधिकार परिषद में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले इंद्रमणि पांडे ने स्पष्ट टिप्पणी की, “किसी भी लोकतंत्र में मानवाधिकार को मापने के लिए सम्पूर्ण निष्पक्षता और तटस्थता की बहुत आवश्यकता है। दुर्भाग्यवश इस हाई कमीशनर [मिशेल बैशले] में ये दोनों ही गुण उपलब्ध नहीं है।

चीन को लगता है वुहान वायरस की महामारी फैलाकर कोई संतुष्टि नहीं मिली, जिसके कारण अब वह अपने दोयम दर्जे की वैक्सीन बेचने के लिए किसी भी हद तक गिरने को तैयार है। वो कहते हैं न, वक्त आने पर गधे को भी बाप बनाना पड़ता है, तो इस समय चीन भारत विरोधी तत्वों को बढ़ावा देकर और अपने बदले में अपनी दोयम दर्जे की वैक्सीन देकर इसी कहावत को चरितार्थ कर रहा है।

 

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