चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों के खिलाफ फिलीपींस को जापान का साथ मिला, अब चीन के हाथ पांव फूलने लगे

फिलीपींस

दक्षिण चीन सागर और जापान के सेनकाकु द्वीपों पर अपना प्रभुत्व बढ़ाने के लिए इस वर्ष जनवरी में चीन ने अपने कोस्ट गार्ड को “दुश्मन के किसी भी समुद्री जहाज़” पर गोली दागने की खुली छूट दे दी थी। हालांकि, अब एक के बाद करके चीन के पड़ोसी देश चीन के इस कानून के खिलाफ सख़्त रुख अपना रहे हैं। अब फिलीपींस ने कहा है कि वह दक्षिण चीन सागर में “अपनी संप्रभुता” की रक्षा हेतु नेवी के कुछ जहाज़ तैनात करेगा।

बता दें कि पिछले कुछ दिनों से चीन की करीब 200 से ज़्यादा fishing vessels फिलीपींस के विशेष आर्थिक क्षेत्र (Exclusive Economic Zone) में पड़ने वाले Whitsun Reef इलाके के आसपास तैनात हैं, जिसके कारण फिलीपींस और चीन के बीच तनाव बढ़ गया है। फिलीपींस के रक्षा सचिव Delfin Lorenzana ने चीन की इन fishing vessels को “Militia boats” का नाम देकर इन्हें जल्द से जल्द Whitsun Reef इलाका छोड़ने को कहा है।

फिलीपींस सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल Edgard Arevalo ने एक बयान में कहा “क्षेत्र में नेवी के जहाजों की तैनाती को बढ़ाकर हम अपने लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि फिलीपींस की सेना अपने देश की जलसीमाओं की सुरक्षा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।” इसके साथ ही रक्षा सचिव Delfin Lorenzana ने चीन की इस हरकत को “उकसावे भरा” और “क्षेत्र का सैन्यकरण करने की कोशिश” करार दिया है।

हालांकि, फिलीपींस पहला ऐसा देश नहीं है जिसने चीन के इस कानून के विरोध में अपनी आवाज़ उठाई है। पिछले दिनों जापान ने कोस्ट गार्ड की शक्तियों से संबन्धित एक कानून की व्याख्या को बदलकर अपने कोस्ट गार्ड को भी “आक्रामक विदेशी जहाजों” पर गोली चलाने की छूट दे दी थी। पहले की व्याख्या के मुताबिक जापानी कोस्ट गार्ड्स self defense और आपातकालीन स्थिति में ही गोली चला सकते थे, लेकिन अब नयी व्याख्या में स्पष्ट कर दिया गया है कि “अगर कोई भी विदेशी जहाज़ सेनकाकु द्वीपों पर कब्ज़ा जमाने हेतु आगे बढ़ता है तो जापानी कोस्ट गार्ड को उसपर गोली चलाने की अनुमति होगी।”

जापान एक बड़ी आर्थिक शक्ति होने के साथ-साथ ही एक बड़ी सैन्य शक्ति भी है। इसके साथ ही जापान चीन-विरोधी Quad समूह का सदस्य देश है। जापान अमेरिका के साथ मिलकर किसी भी चीनी हमले की सूरत में ताइवान के बचाव के लिए अपनी Self Defense Forces को तैनात करने पर भी विचार कर रहा है। जापान का चीन विरोधी आक्रामक रवैया ही एक बड़ा कारण हो सकता है कि अब फिलीपींस भी चीन के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद कर रहा है।

चीन को भी इस बात का भय है कि अगर जापान क्षेत्र में चीन-विरोधी सुरों को और बल देता है तो इससे क्षेत्र के अन्य देश, और खासकर वियतनाम और फिलीपींस भी उसके खिलाफ अपनी आवाज़ और बुलंद कर सकते हैं। हाल ही में फिलीपींस में मौजूद चीनी दूतावास की ओर से “क्षेत्र में असंतुलन को बढ़ावा देने के लिए” जापान पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला बोला गया। फिलीपींस के Exclusive Economic Zone में 200 से ज़्यादा चीनी vessels मौजूद होने की खबर पर चीनी दूतावास ने एक बयान जारी कर कहा “कुछ बाहरी ताक़तें क्षेत्र में विवाद भड़काने का काम कर रही हैं।”

आगे चीनी दूतावास ने जापान की ओर इशारा करते हुए कहा “यह शर्म की बात है कि अमेरिका के इशारे पर कुछ ऐसे एशियाई देश, जिसके चीन के साथ विवाद हैं, अपने स्वार्थ के तहत चीन के उदय को रोकने के लिए क्षेत्र में विवाद पैदा कर रहे हैं।” स्पष्ट है कि चीन फिलीपींस-चीन विवाद के बीच में जापान को विलेन की भूमिका में दिखाकर अपनी छवि को बेहतर करने का प्रयास कर रहा है। हालांकि, फिलीपींस चीन के बहकावे में आने की भूल नहीं करने वाला। जिस प्रकार अब जापान के बाद फिलीपींस ने चीन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने के संकेत दिये हैं, उससे चीन पूरी तरह बौखला गया है।

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