कांग्रेस का असम बचाओ अभियान ‘ताइवान बचाओ अभियान’ में बदल गया है

असम

दिखावे की संवेदनशीलता हमेशा खतरनाक होती है, क्योंकि जब जनता के सामने पोल खुलती है, तो नेताओं के पास बोलने को कुछ भी नहीं होता है। असम में कांग्रेस के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है, जहां कांग्रेस अपने सबसे नए राजनीतिक चेहरे प्रियंका गांधी को चुनाव प्रचार के लिए उतार चुकी है। प्रियंका चाय की खेती से लेकर वहां के किसानों को भड़काने की कोशिश में चाय के मुद्दे पर ‘असम बचाओ’ अभियान चला रही है, लेकिन उसका अभियान अब असम बचाओ नहीं बल्कि ‘ताइवान बचाओ’ हो गया है।

चाय की खेती और वहां के किसानों को लेकर असम विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपनी राजनीतिक संभावनाएं तलाश रही है। ऐसे में कांग्रेस ने प्रियंका के नेतृत्व में एक बड़ा चुनावी प्रचार असम में किसानों को भड़काने के लिए आयोजित किया, लेकिन ये मुद्दा कांग्रेस के लिए ही आलोचनात्मक हो गया है। इस मुद्दे पर अब बीजेपी भी कांग्रेस का मज़ाक बना रही है क्योंकि कांग्रेस असम के चुनाव अभियान में ताइवान की तस्वीरों का प्रयोग कर रही है और ये तस्वीरें उसकी पूरे देश भद्द पिटा रही है।

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दरअसल, कांग्रेस असम विधानसभा चुनाव को लेकर एक ‘असम बचाओ’ कंपेन चला रही हैं, इसके अंतर्गत कांग्रेस ने अपने फेसबुक पर जो तस्वीर लगाई है वो विवाद की जड़ बन गई है। इस मुद्दे पर सत्ताधारी बीजेपी ने आरोप लगाया है कि  कांग्रेस द्वारा लगाई तस्वीरें असल में मूल रूप  से ताईवान की हैं और यहां से कांग्रेस की भद्द पिटने का सिलसिला शुरु हो जाता है। इस मुद्दे पर सबसे तीखी आलोचना असम कै स्वास्थ्य मंत्री और बीजेपी के कद्दावर नेता हेमंता बिस्वा सरमा ने की है।

कांग्रेस के असम बचाओ पर चुटकी लेते हुए कांग्रेस के ट्वीट क़ ही री-ट्वीट करते हुए हेमंता ने लिखा, “कांग्रेस पार्टी असम बचाओ अभियान चलाकर ताइवान के चाय बगानों की तस्वीर का उपयोग कर रही है। क्या कांग्रेस के नेता भी असम को नहीं पहचानते? असम राज्य के साथ ही चाय बगान के मजदूरों का भी अपमान है।” इसमें कोई शक नहीं है कि ये कांग्रेस के लिए एक नई मुसीबत का सबब है।

कांग्रेस की इस नई मुसीबत के बाद सवाल कांग्रेस के ही आईटी सेल के लोगों पर उठने लगे हैं कि वर्क फ्रॉम होम के दौर में कांग्रेस के तथाकथित 5 लाख आईटी सेल के कार्यकर्ता और राहुल के कहे अनुसार उनकी सेना इतनी ढुलमुल हो चुकी है कि वो तस्वीरों को लगाने के पहले उसे वेरिफाई तक नहीं करती है। ऐसा लगता है कि इसे री-चैक करने वाला कोई नहीं है क्योंकि कांग्रेस को मुसीबत में आजकल उनके आईटी सेल वाले सबसे ज्यादा डाल रहे हैं।

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कांग्रेस के लिए ये एक सबसे बड़ी मुसीबत का सबब है कि वो अगर अपने स्टार प्रचारकों के साथ कोई अभियान शुरु करती है तो उसे बर्बाद करने में बीजेपी से पहले सक्रिय होती है, उसके अपने ही लोग उस अभियान की फजीहत कर डालते हैं, कुछ ऐसा ही एक बार फिर हो गया है।

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