देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस में बागी नेताओं का एक ऐसा धड़ा बन गया है जो लगातार पार्टी की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए पार्टी आलाकमान की तीखी आलोचना कर रहा है। ऐसे में कांग्रेस का अपना कुनबा बचाकर रखना ज़रूरी है लेकिन केरल में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी के दिग्गज नेता पीसी चाको ने पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी को इस्तीफा सौंपते हुए ये कह दिया है कि पार्टी अब पूर्ण रूप से नेतृत्व विहीन हो चुकी है। इसलिए केरल चुनाव में कांग्रेस को चाको का इस्तीफा काफी भारी पड़ने वाला है।
कांग्रेस के लिए उसके अपने ही नेता लगातार मुसीबत बन रहे हैं क्योंकि वो पार्टी की कार्यशैली पर सवाल उठाकर पर आलाकमान में नेतृत्व परिवर्तन की मांग कर रहे हैं। ऐसे में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के चल रहे चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी में प्रतिदिन कोई न कोई बुजुर्ग नेता बगावत के सुर छोड़ रहा है, जिसमें अब एक नया नाम पीसी चाको का जुड़ गया है। उन्होंने केरल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी को अलविदा कह दिया है, और पार्टी में नेतृत्व पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
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पीसी चाको ने अपना इस्तीफा देने के साथ ही पार्टी की फजीहत कर दी है। उन्होंने पार्टी के केरल में काम करने के रवैए पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा, “मैं केरल से आता हूं जहां कांग्रेस जैसी कोई पार्टी नहीं है। वहां दो पार्टियां हैं, कांग्रेस (I) और कांग्रेस (A)। दो पार्टियों की कोऑर्डिनेशन कमेटी हैं, जो KPCC की तरह काम कर रही है। केरल एक अहम चुनाव के मुहाने पर है। लोग कांग्रेस की वापसी चाहते हैं, लेकिन शीर्ष नेता गुटबाजी में लगे हैं। मैं हाईकमान से कह चुका हूं कि यह सब खत्म होना चाहिए, लेकिन हाईकमान दोनों समूहों के प्रस्तावों से भी सहमति जता रहा है।”
कांग्रेस पार्टी की इस समय सबसे बड़ी किरकिरी उसके अध्यक्ष पद को लेकर हो रही है। बगावती 23 नेताओं ने भी कांग्रेस के अध्यक्ष पद को लेकर ही सबसे गंभीर सवाल खड़े किए हैं, ये सभी चाहते हैं कि कांग्रेस का अध्यक्ष एक गैर गांधी हो। नेतृत्व से जुड़े इस मुद्दे पर चाको ने कहा, “एक ईमानदार कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए सरवाइव करना बहुत मुश्किल हो गया है। मेरिट कोई चिंता की बात नहीं है। कांग्रेस बिना पतवार की नाव है और एक साल से अधिक समय हो चुका है लेकिन अब तक पार्टी को नया अध्यक्ष नहीं मिल पाया है।”
साफ है कि कांग्रेस के बुजुर्ग और दिग्गज नेताओं की सबसे बड़ी मुश्किल इस वक्त में पार्टी का आलाकमान है। पार्टी आलाकमान के बिखरने के कारण पूरी पार्टी टूटने की कगार पर जा चुकी है। ऐसे में पीसी चाको का इस्तीफा कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है। वहीं पीसी चाको के इस्तीफे के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी सवाल खड़े हो गए हैं, क्योंकि वो लगातार केरल में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल गांधी केरल के ही वायनाड से सांसद हैं, और वो इन विधानसभा चुनाव को लेकर काफी धुआंधार प्रचार कर रहे हैं। अब राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठना लाजिमी हो जाता है कि जब राज्य में वो इतना ताबड़तोड़ प्रचार कर रहे हैं, तो इसके बावजूद उनके ही खेमें के नेता पार्टी नेतृत्व से नाराज होकर पार्टी क्यों छोड़ रहे हैं।
राहुल के लिए पीसी चाको का पार्टी छोड़ना एक ऐसा सवाल बन गया है, जिसका जवाब ढूंढ़ना काफी मुश्किल है। इतना ही नहीं केरल के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले पार्टी से चाको जैसे अनुभवी और दिग्गज नेता का बाहर जाना पार्टी को भी काफी नुकसानदायक होने वाला है।