कुछ दिन पहले देश के सबसे अमीर बिजनेसमैन मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर खड़ी विस्फोटक भरी कार मिली थी। इसके कुछ दिनों बाद ही कार मालिक मनसुख हिरेन की मौत हो गई थी। इन दोनों केसों में आरोपी मुंबई क्राइम ब्रांच के पूर्व पुलिस अफसर सचिन वाझे को लेकर एनआईए अपनी जांच में बड़े खुलासे कर रही है।
हाल की रिपोर्ट्स में सामने आया है कि वाझे बड़ी मात्रा में कैश लेकर होटलों में रुकता था और फेक आईडी के जरिए होटल में चेक इन करता था। वाझे होटलों में अपना नाम बदल कर रहता है। प्रतिदिन हो रहे नए खुलासे वाझे समेत महाविकास अघाड़ी की मुसीबत बढ़ा रहे हैं। जब से केन्द्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने सचिन वाझे केस और मनसुख हिरेन की हत्या के केस को अपने हाथ में लिया है, तब से वाझे समेत पूरी महाराष्ट्र सरकार के लिए दिक्कतें शुरु हो गई हैं।
वहीं अब एनआईए ने अपनी जांच में बताया है कि सचिन वाझे एक शातिर खिलाड़ी था, जो फाइव स्टार होटलों में जाने के रिकॉर्ड्स को छिपाने के लिए फेक आईडी का इस्तेमाल करता था। होटलों से जुड़ी इसी मामले की जांच के लिए अब एनआईए ने नरीमन प्वाइंट के ट्राईडेंट होटल मे छापेमारी की है, जहां से कई बड़े अहम सबूत मिले हैं।
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छापेमारी के दौरान एनआईए ने होटल से कई जरूरी दस्तावेज जब्त किए हैं और वाझे के साथ ही उसके आकाओं को एक बड़ा झटका दिया है। एक अधिकारी ने बताया, “एक टीम ने नरीमन पॉइंट के ट्राइडेंट होटल के एक कमरे में तलाशी ली, जहां वाझे 16 फरवरी से 20 फरवरी तक ठहरे थे। वाझे के होटल में फर्जी आईडी से ठहरने की तारीखें उस समय के साथ मेल खाती हैं, जब वाझे एक ऐसी टीम का हिस्सा थे, जिसने लाइसेंस शर्तों का उल्लंघन के लिए रात में मुंबई में कई जगहों पर छापा मारा था। वाझे ने उन तारीखों के दौरान मुंबई क्राइम ब्रांच की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट में भी काम किया था।”
एनआईए के अधिकारियों ने बताया है कि जांच टीम ने कई जरूरी दस्तावेजों को जब्त किया है और सीसीटीवी फुटेज के रिकॉर्ड्स भी खंगाले हैं। छापेमारी में वाझे के कई अलग-अलग नाम के आधार कार्ड भी जब्त किए गए हैं। इनके जरिए वो होटलों में चेक इन करता था। इतना ही नहीं एनआईए ने अपनी जांच में ये भी बताया है कि सचिन वाझे अपने साथ हमेशा बड़ी मात्रा में नकदी रखता था और 16 से 20 फरवरी के बीच में इसी होटल में पहुंचा था।
वहीं इस केस में जांच करते हुए एटीएस अब दमनद्वीप पहुंच गई है। बता दें कि महाराष्ट्र एटीएस ने मंगलवार को दमन से एक वोल्वो कार भी जब्त की है। एटीएस ने सोमवार को एक शख्स को गिरफ्तार किया था, जिसने मनसुख हिरेन मामले में सिम मुहैया कराये थे।
ये बेहद अजीबो-गरीब बात है कि 2004 से निलंबित पुलिस अफसर अचानक 2020 में नियुक्त होता है और 2021 तक उसके पास लग्जरी गाड़ियों को खरीदने से लेकर फाइव स्टार होटलों में रहने का पैसा आ जाता है। ये सभी तथ्य इस बात का साफ संकेत देते हैं कि सचिन वाझे के पीछे किसी न किसी बड़े शख्स का हाथ है और उसी के संरक्षण में सचिन वाझे वसूली करता था।
सचिन वाझे के पास इतना संरक्षण होना कहीं न कहीं सचिन वाझे और गृहमंत्री अनिल देशमुख के बीच कनेक्शन और परमवीर सिंह के आरोपों को बल देता है, क्योंकि कोई भी साधारण पुलिस अधिकारी इतना रिहायशी लाइफ स्टाइल नहीं अपना सकता है। यही कारण है कि इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का इस्तीफा मांगा जा रहा है।