नकली किसानों और आढ़तियों पर अब तक की सबसे बड़ी स्ट्राइक: पैसा अब सीधा किसानों के खाते में

और कर लो विरोध प्रदर्शन, अब एक फूटी कौड़ी नहीं मिलेगी!

fci

भारत सरकार ने किसानों के भले के लिए और बिचौलियों की कमर तोड़ने के लिए एक और बड़ा फैसला लिया है। Food Corporation of India यानि FCI ने अब कहा है कि वह इस वर्ष से मंडी में MSP पर खरीदी जाने वाली फसलों के लिए सीधे किसानों के खाते में ही पैसे ट्रांसफर करेगी। अब तक FCI आढ़तियों के जरिये ही फसलों की खरीद कर रही थी और फसल के लिए इन्हीं आढ़तियों को पैसे दे रही थी, जिसके बाद ये आढ़ती किसानों को पैसा दिया करते थे। इस पूरी प्रक्रिया के लिए ये आढ़ती सरकार से हर साल कमीशन के रूप में 1400 करोड़ रुपये भी खाते थे। अब सरकार ने अपने एक फैसले से इन आढ़तियों की लूट पर रोक लगा दी है।

अब सरकार इन बिचौलियों के खिलाफ और असली किसानों के हित में कोई कदम उठाए, और पंजाब में उसका विरोध ना हो, यह भला कैसे हो सकता है। जी हाँ, FCI के इस कदम के बाद अब पंजाब के आढ़तियों ने 1 अप्रैल से राज्य की सभी मंडियों को बंद रखने का ऐलान किया है। पंजाब के आढ़तियों का कहना है कि सरकार यह सब इसलिए कर रही है ताकि कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए उन्हें दंडित किया जा सके। साथ ही आढ़तियों ने यह भी ऐलान किया है कि वो किसानों से जुड़े डेटा को अपडेट करने में सरकार और FCI के साथ सहयोग नहीं करेंगे।
यानि कुल मिलाकर अब जब सरकार ने इन बिचौलियों के वर्चस्व को खत्म करने की मंशा से इतना अहम कदम उठाया है, तो ये सारे आढ़ती किसानों के हितों को पीछे छोड़ अपना एजेंडा चलाने के लिए हाथ मिला चुके हैं। यह जानते हुए भी कि मंडी बंद करने से किसानों का ही सबसे अधिक नुकसान होगा, ये सभी आढ़ती केवल विरोध करने के नाम पर अपने ही साथी किसानों की फसलों को बर्बाद करने की योजना पर काम कर रहे हैं।

Food Corporation of India इस वर्ष 130 लाख मीट्रिक टन गेंहू खरीदने जा रही है, जिसके लिए उसे किसानों को 24 हज़ार करोड़ रुपयों का भुगतान करना है। अब FCI इन रुपयों को सीधे किसानों के खाते में भेजकर ही दम लेगी, जिसने इन आढ़तियों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। अगर कृषि क्षेत्र पर से आढ़तियों का वर्चस्व खत्म होता है तो यह अपने आप इस क्षेत्र की कई मुश्किलों को आसान कर देगा। देश में जारी किसान विरोध प्रदर्शन भी इन्हीं आढ़तियों और बिचौलियों द्वारा फैलाये झूठ और भ्रम का फल है। ये बिचौलिये ना सिर्फ इन किसान प्रदर्शनों का वित्त पोषण कर रहे हैं, बल्कि ये इस क्षेत्र में प्राइवेट कंपनियों के प्रवेश का भी बेवजह विरोध करते हैं।

देखा जाये तो यह सरकार की इन बिचौलियों पर आर्थिक स्ट्राइक है, जिसका असर हमें दिल्ली में जारी किसान प्रदर्शन पर भी देखने को मिल सकता है। इन बिचौलियों का ना सिर्फ कृषि क्षेत्र पर आर्थिक प्रभाव है बल्कि इन लोगों का राज्य की राजनीति में अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है। उदाहरण के लिए पंजाब की शिरोमणि अकाली दल पार्टी को पंजाब के आढ़ती भरपूर समर्थन करते हैं, जिसके कारण SAD को किसान बिलों पर अपना रुख बदल कर NDA से अपना रिश्ता तोड़ना पड़ा था। बिचौलियों को लगा था कि ऐसा करके वे केंद्र सरकार पर दबाव बना सकेंगे और कृषि क़ानूनों को रद्द करा सकेंगे, लेकिन अब सरकार ने FCI के माध्यम से इनपर शिकंजा कस दिया है। यह कदम किसानों के हित में हैं लेकिन इसके साथ ही बिचौलियों पर यह सबसे बड़ा प्रहार है।

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