निर्यात करना अब सस्ता होगा, भारत Container उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने जा रहा है

चीन पर से निर्भरता 100 प्रतिशत खत्म!

Containers

भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोरोना की मार के बाद अब भारत दोबारा आर्थिक विकास की पटरी पर लौट चुका है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के तीसरे Quarter में भारतीय GDP ने 0.4 प्रतिशत की दर से विकास किया, जिसके कारण आधिकारिक रूप से भारत मंदी के दौर से बाहर भी आ गया। कोरोना से रिकवरी के दौरान भारत के एक्स्पोर्ट्स में भी तेजी देखने को मिली है। Exports की बात करें तो मौजूदा वित्तीय वर्ष में जुलाई से लेकर अक्टूबर महीने तक में पिछले वर्ष के मुक़ाबले 24 प्रतिशत का इजाफ़ा देखने को मिला था। बढ़ते एक्स्पोर्ट्स के बीच भारत के सामने एक भयंकर संकट आन खड़ा हुआ था और वह संकट था Containers की कमी का! हालांकि, अब इस समस्या से निपटने के लिए Container Corporation of India ने Containers के मामले में आत्मनिर्भर होने का फैसला लिया है।

पिछले वर्ष के आखिर में भारत के व्यापारियों को export करने में कठिनाई का सामना करना पड़ा था क्योंकि exports करने के लिए Containers कम पड़ने लगे थे। इसके कारण निर्यात करने का खर्चा भी कई गुना बढ़ गया था। Economic Times की रिपोर्ट के मुताबिक, आम दिनों के मुक़ाबले पिछले वर्ष आखिरी में निर्यात करने के खर्चे में दोगुने से लेकर तिगुना इजाफ़ा देखने को मिला था। समस्या की बात यह है कि भारत अपने Containers के लिए केवल चीन पर ही निर्भर है और भारत में कोई भी कंपनी बिना चीनी सामान के Containers का उत्पादन कर ही नहीं सकती है। Container Corporation of India (ConCor) अब इस स्थिति को बदलने जा रहा है।

ConCor के चेयरमैन वी कल्याण रामा ने शुक्रवार को एक प्रैस वार्ता में कहा “हम अभी सभी Containers को बाहर से ही मंगाते हैं क्योंकि भारत में उत्पादन के लिए कोई कंपनी है ही नहीं है। हमें अगले पाँच वर्षों तक हर साल 8 हज़ार नए containers की ज़रूरत होगी। ऐसे में अब भारत में इनके निर्माण के विचार को बल दे सकते हैं।” ConCor पहले ही हज़ार-हज़ार Containers के लिए Bharat Heavy Electricals और Braithwaite & Co को ठेका दे चुका है और बाकी 6 हज़ार containers के लिए भी जल्द ही Tenders निकाले जाएँगे जिनमें सिर्फ भारतीय कंपनियों को हिस्सा लेने की अनुमति होगी। ConCor हर साल Containers खरीदने के लिए करीब 200 करोड़ रुपये खर्च करता है और अब यह सारा रुपया भारतीय निर्माताओं की जेब में ही जाएगा, जो कि Containers क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक साबित होगा।

यह बात सच है कि भारतीय Containers विदेशी Containers के मुक़ाबले 20 से 25 प्रतिशत महंगे साबित होंगे, लेकिन ये भी सच है कि अगर भारतीय सरकार देश में बने Containers को प्राथमिकता देगी तो इससे भारत के Containers निर्माताओं को एक बड़ा बूस्ट मिलेगा। अगर भारत के पास पर्याप्त संख्या में Containers हो जाते हैं तो यह निर्यातकों के खर्चे को कम करने में सहायक साबित होगा और इससे भारत एक निर्यातक केंद्र के रूप में उभरकर सामने आएगा।

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