खान मार्किट के अर्थशास्त्रियों की अब खैर नहीं, फेक नैरेटिव फ़ैलाने वालों के खिलाफ मोदी सरकार ला रही बड़ी योजना

मोदी

PC: thehindu

आज के वक्त में मोदी सरकार के विरोध में एक बड़ा एजेंडा चलता है जो कि बिना तथ्यों के ही सरकार की नीतियों पर बेवजह हमला करने वाले वामपंथियों और देश विपक्षियों द्वारा चलाया जाता है जिससे कि कई बार अराजकता की स्थितियां भी आ जाती हैं। ऐसे में अब मोदी सरकार के मंत्रियों ने इस सरकार विरोधी एजेंडे के खिलाफ कार्रवाई करने की नीति बना ली है, इसके तहत सरकार के मंत्रियों का एक बड़ा समूह सरकार विरोधी फेक न्यूज फैलाने वालों के एजेंडों ध्वस्त करने की तैयारी कर चुका है।

इसमें कोई शक नहीं है कि मोदी सरकार के खिलाफ एक बड़े दुष्प्रचार का एजेंडा वामपंथियों और विरोधियों द्वारा चलाया जाता है। ऐसे में अक्सर तथ्यों के साथ भी खिलवाड़ किया जाता है जिससे निपटने के लिए अब मोदी सरकार भी और सजग हो गई है। मोदी सरकार इस बात को अच्छे से जानती है कि देश में मीडिया संस्थानों में भी काफी हद तक खास विचारधारा वाले विदेशियों का प्रभाव है। ऐसे में इन सबी के खिलाफ एक्शन लेना जरूरी भी हो गया था।

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मोदी सरकार के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों ने इस मुद्दे पर कई सुझाव दिए हैं। इस सूची में रविशंकर प्रसाद, स्मृति ईरानी, प्रकाश जावड़ेकर, मुख्तार अब्बास नकवी, एस जयशंकर, किरण रिजूजू समेत अनुराग ठाकुर शामिल हैं। इन लोगों ने अपने-अपने सुझावों के आधार पर एक खाका तैयार किया है। इसके तहत ये तय किया गया कि मोदी सरकार अब 50 विरोधी और 50 समर्थक लोगों की एक सूची तैयार करेगी, जो कि इसमें विरोधी लोगो के बेतुके तर्कों की काट के लिए समर्थक वर्ग के लोगों आगे किया जाएगा।

रविशंकर प्रसाद और स्मृति ईरानी के ये सुझाव काफी सार्थक लग रहे हैं। वहीं इस मुद्दे पर केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि सभी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वाकपटुता और भाषण देने की शैली से कुछ सीखना चाहिए। उनका कहना है कि देश के कुछ 20-40 लोगों द्वारा ही इस तरह के एजेंडे चलाए जा रहे हैं जिसकी काट करना आसान है। इस पूरे प्रकरण से एक बात पूर्णतः तय हो चुकी है कि देश में अब मोदी सरकार वामपंथियों के एजेंडों को एक्सपोज करने के लिए अपने मंत्रियों के साथ फुल प्रूफ प्लानिंग कर चुकी है।

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मंत्रियों द्वारा अब उन सभी लोगों की सूची तैयारी की जाएगी जो कि बिना किसी तथ्यों के देश की सरकार की कार्यशैली और नीतियों पर सवाल खड़े कर देतें हैं। इस नीति के लागू होने के बाद सबसे ज्यादा दिक्कत उन खान मार्केट गैंग के लोगों को होगी जो कि आए दिन सोशल मीडिया पर ऊल-जलूल बातें लिखा करते हैं और ये देश में लोगों को काफ भारी पड़ता है क्योंकि की बार इन्हीं वामपंथियों के फेक न्यूज फैलाने के कारण दंगे तक हो जाते हैं सीएए विरोध इसका एक बड़ा उदाहरण है।

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