आज से ठीक एक हफ्ते बाद पश्चिम बंगाल में पहले चरण का चुनाव होने वाला है, और हर दिन बीतने के साथ ही तृणमूल कांग्रेस की सरकार गड्ढे में गिरती हुए नज़र आ रही है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की हालिया रिपोर्ट में चौंकाने वाला सच सामने आया है, जिसमें तृणमूल कांग्रेस (TMC) की विधायक और उम्मीदवार ज्योत्सना मंडी की संपत्ति में पिछले पांच सालों के दौरान ‘1985’ प्रतिशत का इजाफ़ा हुआ है। ज्योत्सना मंडी अभी बंगाल के रानीबांध क्षेत्र से विधायक है और होने वाले चुनावों में TMC की उम्मीदवार भी है।
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ज्योत्सना मंडी ने चुनाव आयोग को दिये हलफनामे में अपने बढ़ी हुई संपत्ति का ज़िक्र किया, जिसमें उन्होंने लिखा है कि वर्ष 2016 में उनकी संपत्ति 1 लाख 96 हज़ार रुपये थी, जो 2021 में बढ़कर 41 लाख रुपये हो गई। इन पांच सालों में उनकी संपत्ति में करीब 39 लाख रुपये की बढ़ोतरी हुई है।
हालांकि, इस तरह का यह इकलौता मामला नहीं है। TMC के ऐसे और उम्मीदवार भी हैं जिनकी संपत्ति में बड़े पैमाने पर इजाफ़ा देखने को मिला है। उदाहरण के लिए पश्चिम मेदिनीपुर जिले के केशियारी (एसटी) निर्वाचन क्षेत्र के TMC के मौजूदा विधायक परेश मुर्मू की संपत्ति भी 246.34% बढ़ी। वर्ष 2016 में, उनकी संपत्ति 11 लाख 57 हज़ार रुपये थी और अब उनकी संपत्ति की कीमत 40 लाख 10 हज़ार रुपये हो गयी है।
TMC के उम्मीदवारों की बढ़ती संपत्ति हैरान करने वाली बात नहीं है, क्योंकि इससे पहले वर्ष 2016 में हुए राज्य चुनाव में भी समान ट्रेंड देखने को मिला था।
वर्ष 2016 राज्य चुनाव में तो यह सामने आया था कि TMC की मुखिया ममता बनर्जी की संपत्ति में ज़ोरदार बढ़ोतरी देखने को मिली थी। वर्ष 2016 के अपने चुनावी हलफनामे में ममता ने 30 लाख 45 हज़ार रुपये की संपत्ति घोषित की थी। हालांकि, पाँच वर्षों पहले ममता ने अपने हलफनामे में अपनी संपत्ति को केवल 16 लाख ही दिखाया था।
जब मुख्यमंत्री जी की ही संपत्ति दोगुनी हो गयी थी तो उनकी छत्र छाया में रह रहे विधायकों की संपत्ति में कैसे बढ़ोतरी नहीं होती। जावेद अहमद खान, जो कि मौजूदा TMC सरकार में मंत्री हैं, वर्ष 2016 में दिये हुए हलफनामे के अनुसार उनकी संपत्ति करीबन 600 प्रतिशत बढ़ी थी। वर्ष 2011 के हलफनामे के मुताबिक उनके पास 2.16 करोड़ की संपत्ति थी और वर्ष 2016 मे वो बढ़ाकर 18 करोड़ के करीब जा पहुंची।
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वर्ष 2016 के हलफनामे के मुताबिक TMC की नेत्री असीमा पात्रा तो अपनी संपत्ति में इजाफ़े के मामले में मंडी से भी आगे हैं। असीमा की संपत्ति में वर्ष 2011 से लेकर वर्ष 2016 के दौरान ‘3,185’ प्रतिशत का इजाफ़ा हुआ था।
अपनी निजी संपत्ति में बढ़ोतरी के अलावा तृणमूल कांग्रेस के नेता और नेत्री आपराधिक मुकदमों के मामले में भी किसी से पीछे नहीं है। रिपोर्ट्स की माने तो 291 में से 114 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके ऊपर क्रिमिनल मुकदमें दर्ज हैं।
TMC सरकार की नाक के नीचे शारदा चिट फ़ंड घोटाला हुआ था जिसमें ममता बनर्जी के परिवार सहित टीएमसी के बड़े नेताओं के नाम भी शामिल हैं। पश्चिम बंगाल में एक हफ्ते बाद चुनाव की शुरुआत हो रही है और टीएमसी पहले से ही नाजुक स्थिति में है। उसके बाद उनके विधायकों की संपत्ति मे चौंकाने वाला इजाफ़ा किसी भी तरह से उनकी मदद नहीं करने वाला है। जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, टीएमसी आए दिन कमजोर पड़ती जा रही है।