केरल विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बीजेपी को घेरने के लिए बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश में नन के साथ हुई प्रताड़नाओं का उल्लेख एक पत्र के माध्यम से किया। उन्होंने गृहमंत्री को पत्र लिखकर चिंता जताई और कार्रवाई की मांग की, लेकिन गृहमंत्री अमित शाह अच्छी तरह से जानते हैं कि विजयन का ये पत्र नन के प्रति उनकी कोई चिंता नहीं, बल्कि एक राजनीतिक कदम है, इसीलिए अब अमित शाह ने केरल की रैली में इस मुद्दे पर जवाब दिया है कि नन या किसी भी आम व्यक्ति की सुरक्षा के साथ किसी भी प्रकार का कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अमित शाह ने अपने संबोधन के जरिए न केवल विजयन के पत्र का जवाब दिया बल्कि केरल की प्रताड़ित ननों को भी संदेश दिया कि बीजेपी सरकार के आने पर उन्हें सुरक्षा के मुद्दे पर जरा सी भी परेशानी नहीं होगी।
विधानसभा चुनावों को लेकर केरल में राजनीतिक रण सज चुका है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में 4 ननों के साथ हुई एक घटना को मुद्दा बनाते हुए मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने गृहमंत्री अमित शाह को लिखे अपने पत्र में कहा, “झांसी में बजरंग दल और स्थानीय पुलिस ने चार नन का उस समय उत्पीड़न किया, जब वे ट्रेन से यात्रा कर दिल्ली से ओडिशा के राउरकेला जा रही थीं। नन के साथ दो दीक्षार्थी भी थे और जो कि दीक्षा ग्रहण करने के बाद पहली बार अपने घर वापस जा रहे थे। बजरंग दल के लगभग 150 कार्यकर्ताओं ने उन्हें धमकाया और उनका उत्पीड़न किया है।”
Kerala Chief Minister Pinarayi Vijayan writes to Home Minister Amit Shah on alleged harassment of nuns in Uttar Pradesh pic.twitter.com/JU4UXujqHV
— ANI (@ANI) March 24, 2021
इस मुद्दे पर विजयन ने कहा कि उत्तर प्रदेश और रेलवे के प्रशासन ने भी उन ननों के साथ दुर्व्यवहार किया है। ये मामले आए दिन सामने आते हैं, जिसके चलते देश की छवि खराब होती है। उन्होंने कहा, “मैं गृह मंत्री अमित शाह से अनुरोध करता हूं कि वे इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करें। जवाबदेह अधिकारियों को इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए जाएं, ताकि इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके।” साफ है कि इस मुद्दे पर पिनराई विजयन ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर सांकेतिक तौर पर हमला बोला है। ऐसे में गृहमंत्री अमित शाह जो कि एक कुशल राजनेता हैं, वो इस बात को अच्छी तरह से समझ गए।
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अमित शाह ने चुनावी मौसम में विजयन द्वारा लगाए गए आरोप को लेकर बड़े ही सटीक अंदाज में जवाब दिया है और विजयन को बैकफुट पर धकेल दिया है। उन्होंने केरल की एक चुनावी रैली के दौरान कहा, “मैं केरल के लोगों को यह आश्वासन देना चाहूंगा कि इस मामले के दोषियों को यथाशीघ्र न्याय के शिकंजे में लाया जाएगा” अमित शाह का केरल की ही रैली में नन का मुद्दा उठाकर वहां की जनता को सुरक्षा का आश्वासन देना, इस बात का संकेत है कि वो उत्तर प्रदेश की प्रताड़ित ननों को तो सुरक्षा का भरोसा दे ही रहे हैं, साथ ही वो इस मुद्दे पर केरल में रहने वाली ननों को भी सुरक्षा का भरोसा दिला रहे हैं।
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केरल में ननों की बात करें तो मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वहां हाल के दिनों में ननों से प्रताड़ना के कई मुद्दे सामने आए हैं, जहां चर्च के पादरी ही इनका शोषण करते पाए गए हैं। दिलचस्प बात ये है कि अपराधियों के खिलाफ इस मुद्दे पर कोई खास कार्रवाई नहीं हुईं। इन सभी स्थितियों को देखते हुए अमित शाह ने ननों के एक बड़े वोट बैंक को आकर्षित करते हुए साफ कहा है कि बीजेपी के सत्ता में आने पर सुरक्षा के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
इस पूरे प्रकरण का सिलसिले वार तरीके से विश्लेषण करने पर कहा जा सकता है कि पिनराई विजयन ने बीजेपी के खिलाफ ननों के मुद्दे पर एक ऐसी प्लानिंग की थी, जिसमें अब वो खुद ही घिर गए हैं और इसे अमित शाह की राजनीतिक कुशलता ही कहा जाएगा, क्योंकि उन्होंने इस मुद्दे पर बयान देकर विजयन को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है।