प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वाकपटुता की प्रशंसा उनके विरोधी तक करते हैं क्योंकि वो इसके जरिए जनता के हृदय में विशेष स्थान बना लेते हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों को लेकर चुनाव प्रचार में भी PM मोदी ने ममता द्वारा लात मारने की फोटो को लेकर एक भावनात्मक बात कही है, जो कि जनता के मन में उनकी छवि को सकारात्मक विस्तार देती है, लेकिन यही बात टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी समेत उनके लिए चुनावी रणनीति बनाने वाले प्रशांत किशोर के लिए नए झटके की तरह है। इसकी बड़ी वजह ये है कि पीएम ने पीके के बनाए ‘खेला होबे’ कैंपेन की कड़ी आलोचना कर दी है, और जनता के बीच ही अपने अपमान का मुद्दा उठा दिया है।
विधानसभा चुनावों को लेकर पश्चिम बंगाल में धुआंधार प्रचार कर रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक बार फिर ममता और उनके चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के लिए मुसीबत बन गए हैं। PM ने ममता के प्लास्टर लगे पैर के नीचे अपने सिर वाले ‘खेला होबे’ के एक पोस्टर का उल्लेख करते हुए कहा, “ममता बनर्जी अगर आप चाहती हैं तो आप अपना पैर मेरे सिर पर रख सकती हैं, मुझे लात मार सकती हैं, लेकिन कान खोलकर सुन लीजिए। मैं आपको अब बंगाल के विकास को लात मारने नहीं दूँगा। मैं आपको बंगाल के सपनों को लात नहीं मारने दूंगा।”
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पीएम मोदी ने बांकुरा की एक रैली के दौरान बंगाल में ममता के प्लास्टर लगे पोस्टर का उल्लेख किया है, जिसमें उनकी तस्वीर ममता के पैर के नीचे है। उन्होंने कहा, “बंगाल में दीदी (ममता बनर्जी) के लोग दीवार पर तस्वीरें बना रहे हैं, तस्वीरों में दीदी मेरे सिर पर अपना पैर मार रही हैं। मेरे सिर के साथ फुटबॉल खेल रही आप बंगाल के संस्कार और यहां की महान परंपरा का अपमान क्यों कर रही हो दीदी? ये बंगाल तो देश को दिशा देने वाला है।”
अब दिलचस्प बात ये है कि TMC के लिए चुनाव की रणनीति मोदी विरोध का एजेंडा चलाने वाले प्रशांत किशोर बना रहे हैं। साफ है कि इन पोस्टरों को बनाने में भी उनकी भूमिका काफी अहम होगी। इन पोस्टरों के जरिए पीके ये दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि बंगाल के विधानसभा चुनावों में प्लास्टर लगे पैर के साथ भी ममता बनर्जी PM मोदी पर भारी पड़ेंगी, लेकिन पीएम मोदी से तुलना करने के चक्कर में पीके ने इन पोस्टरों के जरिए बंगाल की सड़कों में PM का अपमान किया है।
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अपने इस अपमान को भी एक सकारात्मक रुख देते हुए प्रधानमंत्री ने ममता की लात के मसले को बंगाल के विकास के मुद्दे से जोड़ दिया है। PM ने अपनी रैली के मंच से बेहद ही सकारात्मक तौर से अपने अपमान की तरफ जनता का ध्यान आकर्षित किया है जो कि जनता को काफी आहत कर गया है। उन्होंने इस संबोधन के जरिए प्रशांत किशोर के इस मोदी विरोधी अभियान की धज्जियां तो उड़ाई ही हैं, साथ ही अपने अपमान का उल्लेख करके लोगों के मन में ममता और TMC विरोध एजेंडा सेट कर दिया है जो कि विधानसभा चुनावों में ममता को भारी पड़ेगा।
हम सभी ने देखा है कि चुनावों के दौरान मनीष तिवारी से लेकर मणिशंकर अय्यर और राहुल गांधी तक जिस भी नेता ने पीएम मोदी पर निजी टिप्पणी की है, उसकी पार्टी को नकार कर जनता ने उन नेताओं को तगड़ा सबक सिखाया है और ममता के चुनावी रणनीतिकार पीके ने एक बार फिर चुनाव के ठीक पहले पीएम का अपमान कर एक भावनात्मक मुद्दा उठा दिया है, जो कि अब विधानसभा चुनावों में ममता को भारी पड़ने वाला है।