ममता बनर्जी बंगाल के लोगों को BJP के विरुद्ध नहीं, प्रभु श्री राम के विरुद्ध करना चाह रही हैं

बंगाल में श्री राम बनाम माँ दुर्गा?

एक बार फिर से ममता बनर्जी अपने चुनावी रैली में भगवान राम को नीचा दिखाने की पुरजोर कोशिश की है। इस बार ममता बनर्जी ने माता दुर्गा का कद भगवान राम से ऊपर बताया है। ममता बनर्जी ने कहा कि ‘भगवान राम भी माता दुर्गा की पूजा करते थे क्योंकि राम माता दुर्गा को खुद से बड़ा मनाते थे।’

दरअसल, ममता बनर्जी ने आदिवासी बहुमूलय क्षेत्र झारग्राम जिले में अपने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि ‘बीजेपी अगर चुनाव जीतती है तो झारग्राम के जनता को मारंग बुरु के नारे नहीं लगाने देगी।’ यही नहीं ममता बनर्जी जय श्री राम और जय सिया राम के बीच में भी भेद-भाव की राजनीति करने से भी पीछे नहीं हटी।

ममता बनर्जी झारग्राम जिले में बीजेपी की आलोचना करते करते चुनावी राजनीति से आगे निकाल कर धर्म की राजनीति पर आ गई। जिसमे उन्होने कहा की भगवान राम भी दुर्गा माता की पूजा अर्चना करते थे क्योंकि दुर्गा माता का कद भगवान राम से ऊपर का है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हमेशा से खुद को कथित सबसे बड़ी दुर्गा भक्त बताती है। जिस वजह से वो भगवान राम और माता दुर्गा के बीच तुलना कर रही थी। ममता बनर्जी का यह बयान निंदा योग्य है क्योंकि राजनीति से हट कर ममता बनर्जी अपने बयान से अब संपूरण सनातन धर्म के हमला कर रही है।

सनातन धर्म के एक भगवान को दूसरे देवी से तुलना करके अथवा नीचा दिखाकर ममता बनर्जी ने मर्यादा की सारे हदे पार कर दी है। ऐसा कभी नही हुआ है की एक भगवान को दूसरे के विरुद्ध चुनावी रैली में उतारकर जनता को भड़का गया हो। अभी तक अगर कोई पार्टी अपने चुनावी रैली में भगवान का नाम लेती रही है तो वो आशीर्वाद के रूप में लिया है, मगर खुद को कथित रूप से महान हिन्दू बताने वाली ममता बनर्जी ने वोट के लालच में आकर पूरे सनातन धर्म का ही अपमान कर डाला।

तृणमूल काँग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी ने अपने बयान से हिन्दू धर्म को अपमानित करने के बाद, प्रभु श्री राम और माता सीता की बीच भी राजनीति करने से भी खुद को नही रोका। झारग्राम जिले में उन्होने कहा कि बीजेपी बंगाल के लोगो को जय सिया राम नही बोलने देगी जिसका तात्पर्य यह निकलता है कि बीजेपी जय श्री राम के नारे को बढ़वा देती है और जब उनकी सरकार पश्चिम बंगाल में बनती है तो BJP वहाँ की जनता को अपने पूजा में ‘सिया’ का प्रयोग करने पर रोक लगाने की पूरी कोशिश करेगी।

ममता बनर्जी जो कि पिछले 10 साल से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री है पर उनके पास अपने द्वारा किए गए विकास के मुददे नहीं है जिससे वो जनता को वोट के लिए लुभा सके। लेकिन विकास के गंभीर मुद्दो से हट के वो भोली- भाली जनता को अपने ही सनातन धर्म के देवी देवताओ की बारे मे भेद-भाव की बीज़ बो रही है जिसका परिणाम चुनावों के नतीजे आने पर दिखेगा।

Exit mobile version