#Men’s Too: Zomato शायद खड़ा होगा हितेशा के साथ, पूरा देश डिलीवरी बॉय कामराज के साथ खड़ा है

Women's Rights के बाद, Women's Wrong की भी बातें करने लगा है समाज

एक महिला द्वारा एक ज़ोमैटो डिलीवरी बॉय पर उसके साथ मारपीट करने के आरोप के बाद यह मामला लगातार इंटरनेट और सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। उस लडकी ने एक वीडियो भी पोस्ट किया जिसमें उसकी नाक से खून बह रहा था
हालाँकि लडकी ने स्पष्ट रूप से विक्टिम कार्ड खेला था जिसके कारण कई महिलाएं भी ज़ोमैटो डिलेवरी बॉय के पक्ष में बयान दे रही हैं। यही नहीं ट्विटर पर #MENTOO ट्रेंड कर रहा है।

यह हैरानी वाली बात है कि अक्सर समानता की बात करने वाला यह समाज ऐसे मामले में तुरंत पूर्वाग्रह से ग्रसित हो कर किसी लड़के के पक्ष में खड़ा हो जाता है। लड़की ने इन्स्टाग्राम पर खून बहती नाक के साथ विडिओ क्या डाला, सभी लड़की की बातों को पत्थर की लकीर मानने लगे और उस डिलीवरी बॉय पर आरोप लगा। इसके बाद ज़ोमैटो ने अपने डिलीवरी एक्जीक्यूटिव को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है।

हालाँकि जैसे ही डिलीवरी बॉय का बयान आया जो कि ब्यूटी इंफ्लुएंसर हितेशा चंद्रानी से ठीक उल्टा था तब लोगों को इस मामले पर शक होना शुरू हुआ। कामराज के अनुसार,“जब मैं महिला के घर डिलीवरी लेकर पहुंचा, तो मैं पेमेंट के इंतज़ार में खड़ा हुआ। जाम में फँसने के कारण डिलीवरी लेट हो गई, जिसके लिए मैंने माफी भी मांगी। लेकिन वो लगातार मुझसे लेट होने को लेकर झगड़ा करती रही। जब उसने मुझे पैसे देने से इनकार किया, तो कंपनी ने खाना वापिस लाने को कहा। लेकिन लड़की ने खाना वापिस नहीं दिया। फिर वह मुझे चप्पलों से मारने लगी। मैं किसी तरह अपने आप को बचा रहा था, तो उसका हाथ खुद ही उसके मुंह पर लगा, जिसके कारण नाक पे उसे चोट लगी”

अब ऐसे मामलों पे जल्दबाजी में निर्णय लेना बहुत घातक हो सकता है, जैसे सरवजीत सिंह मामले में, या फिर अभी हाल में जेल से छूटे विष्णु के मामले में देखने को मिला, जो एक झूठे आरोप के चलते 20 साल तक जेल में सड़ता रहा।
अब दोनों पक्षों को सुनने के बाद, लोगों ने पूछना शुरू किया है कि पुरुषों के लिए न्याय कहां है? सिर्फ आम लोग ही नहीं बल्कि कुछ सेलिब्रेटी भी इस मामले पर आवाज उठाना शुरू चुके हैं।

अब बॉलिवुड ऐक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा खुलकर जोमैटो डिलिवरी बॉय के सपोर्ट में आ गई हैं। परिणीति ने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर लिखा, ‘जोमैटो इंडिया प्लीज सच्चाई का पता लगाएं और सच को सार्वजनिक रूप से रखे। अगर वह जैंटलमैन निर्दोष है (जैसा कि मुझे लगता है), उस महिला को सजा दिलाने में प्लीज हमारी मदद करें। यह अमानवीय, शर्मानक और दिल तोड़ देने वाला है…प्लीज मुझे बताएं कि मैं किस तरह से मदद कर सकती हूं।’

रोहित रॉय ने कथित हमले के मामले में भी टिप्पणी की और कामराज के लिए न्याय की मांग की। उन्होंने ट्वीट किया, “मुझे यकीन नहीं है कि जोमाटो बॉय और महिला के बीच क्या हुआ, लेकिन अगर वह एक शानदार अभिनेता नहीं है, तो वह झूठ नहीं बोल रहा है … मुझे उम्मीद है कि उसे जल्दी ही न्याय मिलेगा।”

यही नहीं लोग ट्विटर पर पूरी तरह से अब कामराज और #MENTOO मूवमेंट के लिए खड़े दिखाई दे रहे हैं।

https://twitter.com/Jena69Jena/status/1371141607320211458?s=20

Men’s Day Out नामक ट्विटर हैंडल ने लिखा, “एक आदमी एक महिला के इंस्टाग्राम वीडियो पर अपनी नौकरी खो देता है। यह कहाँ का न्याय है? यह छवि भारतीयों की मृत अंतरात्मा को हिला देगी, या #MENTOO हैशटैग इस मामले तक ही सीमित रहेगा।

यह वास्तविकता भी है, आखिर कहाँ है न्याय? क्या किसी लड़की के एक बयान के बाद उस डिलीवरी बॉय को दोषी मान लेना सही था? आखिर यह पूर्वाग्रह कब समाप्त होगा, कब लड़कों को तुरंत दोषी नहीं माना जायेगा? पिछले कुछ दिनों में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जहाँ किसी पुरुष या लड़के को लड़की के एक बयान से दोषी मान लिया गया लेकिन उस लड़के का जीवन तबाह हो गया। चाहे वो विष्णु तिवारी हो या सर्वजीत सिंह हो। अब लोगों को आत्मनिरीक्षण करने की आवश्यकता है क्या यही समानता है?

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