मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चीन ने अपनी सोशल मीडिया पर चीनी अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। दरअसल, चीनी सोशल मीडिया platform “Weibo” पर “Stock Market” के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले चीनी शब्द को सेंसर कर दिया गया है और वह शब्द Search करने पर Weibo पर कोई रिज़ल्ट show नहीं हो रहा है। हालांकि, अंग्रेज़ी में “Stock Market” शब्द को सेंसर नहीं किया गया है और इस keyword के साथ पोस्ट की जा सकती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चीनी सरकार ने अखबारों को भी निर्देश दिये हैं कि वे फ्रंट पेज पर चीनी अर्थव्यवस्था से जुड़ी किसी भी खबर को ना छापें!
बता दें कि मार्च महीने की शुरुआत में चीनी Stock Market में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली थी। दिसंबर के बाद चीनी Stock Market अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुके हैं। महीने की शुरुआत में चीन का CSI Index धड़ाम से नीचे गिरा था, जिससे स्पष्ट है कि शंघाई और शेनज़ेन की बड़ी कंपनियाँ अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही हैं।
पिछले दिनों TFI ने आपको बताया था कि कैसे चीनी सरकार के Stimulus Package के कारण वर्ष 2020 में करीब 23 लाख चीनी कंपनियाँ डूब गयी थीं। इसके साथ ही कोरोना के दौरान bad debt बढ़ने की वजह से चीन के क्षेत्रीय बैंक बर्बाद होने की कगार पर पहुंच चुके हैं। कोरोनावायरस प्रोत्साहन पैकेज के हिस्से के रूप में चीनी सरकार ने बैंकों से छोटे उद्यमों को दिए गए ऋणों पर मूलधन और ब्याज भुगतान को स्थगित करने के लिए कहा था। दिसंबर के अंत तक यह एक्सटेंशन 6.6 ट्रिलियन युआन यानी 1 ट्रिलियन डॉलर पर लागू किया गया था। हालांकि, चीनी सरकार के इस कदम के बावजूद चीनी कंपनियों की आर्थिक हालत नहीं सुधरी, जिसके कारण बैंकों द्वारा दिये गए कर्ज़ bad debt में तब्दील हो रहे हैं।
प्रोत्साहन पैकेज के जारी करने के बाद अब इस बात की चिंता है कि 31 मार्च की समयसीमा गुजरने के बाद अभी तक जो bad loan दबे हुए थे वे सभी सामने आ जायेंगे जिससे कम्पनियाँ तो डूबेंगी ही साथ में कई बैंकों के भी डूबने की सम्भावना होगी। चीन के सिक्योरिटीज़ के एक अनुमान के अनुसार, यदि debt payment relief समाप्त हो जाती है, तो इस वर्ष additional bad loans 700 बिलियन युआन तक बढ़ सकते हैं।
यही कारण है कि चीनी सरकार ने अब अपनी मीडिया और सोशल मीडिया पर इन खबरों के प्रचार को रोकने के लिए कदम उठाना शुरू कर दिया है। चीन में भारी सेंसरशिप के बावजूद चीनी मीडिया चीनी अर्थव्यवस्था से जुड़ी नकारात्मक खबरें नहीं छिपाती हैं। हालांकि, अब चीनी सरकार पर दबाव इतना ज़्यादा है कि चीनी सरकार को आर्थिक मामलों पर भी सेंसरशिप का सहारा लेना पड़ रहा है।
चीनी आर्थिक वातावरण में अभी तनाव का माहौल है। चीनी सरकार जिस प्रकार Anti-Trust और Anti-Monopoly कानूनों के तहत अपने यहाँ बड़े उद्योगपतियों पर लगाम लगा रही है, उसने चीनी निवेशकों को भय की स्थिति में डाल दिया है। इसके साथ ही इस साल चीन के प्रिमियर Li Keqiang ने वर्ष 2021 में विकास दर 6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जिसके कारण डर बढ़ गया है कि चीनी सरकार आगे चलकर राहत पैकेज में कटौती कर सकती है, ताकि चीनी अर्थव्यवस्था को संभाला जा सके। इन्हीं कारणों की वजह से चीन के स्टॉक मार्केट्स के ऊपर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं, लेकिन चीनी सरकार इस खबर को चीनी लोगों तक नहीं पहुंचाना देने चाहती।