उद्धव को भी हफ्ता वसूली की जानकारी थी, देशमुख के साथ उद्धव को भी इस्तीफा दे देना चाहिए

उद्धव

PC: Zee News

इस समय महाराष्ट्र में काफी खलबली मची हुई है। एक ओर प्रशासनिक बेरुखी के कारण वुहान वायरस के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे हैं, तो वहीं एंटीलिया केस की जांच में पूरे महा विकास अघाड़ी का कच्चा चिट्ठा खुल चुका है। अब लोग गृह मंत्री अनिल देशमुख से इस्तीफा देने की माँग कर रहे हैं, लेकिन मामले को देखते हुए केवल अनिल को ही नहीं, बल्कि उद्धव को भी इस्तीफा देना चाहिए।

मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख परमवीर सिंह ने आरोप लगाया है कि अनिल देशमुख सचिन वाझे जैसे अफसरों का इस्तेमाल कर विभिन्न क्लबों, रेस्टोरेंट इत्यादि से 100 करोड़ रुपये प्रतिमाह की वसूली कराना चाहते थे।

सीएम उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र के अनुसार परमवीर लिखते हैं, “महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख सचिन वाझे से 100 करोड़ रुपये हर महीने वसूली करने को कहते थे। अनिल देशमुख ने फरवरी मध्य में एक दिन क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के एपीआइ सचिन वाझे को अपने सरकारी आवास ज्ञानेश्वरी पर बुलाया। कक्ष में उनके निजी सचिव पलांडे सहित स्टाफ के एक-दो लोग और मौजूद थे। उनके सामने देशमुख ने वाझे से कहा कि आपको एक महीने में 100 करोड़ रुपये इकट्ठे करने होंगे”।

उद्धव को लिखे पत्र में परमवीर सिंह ने उद्धव को लेकर आगे जो खुलासा किया है उससे स्पष्ट हो गया है कि उद्धव को भी इस मामले की जानकारी थी कि अनिल देशमुख और सचिन वाझे क्या कर रहे हैं। अपने पत्र में परमवीर सिंह ने खुलासा किया है कि जब इस विषय में उन्होंने मुख्यमंत्री सहित महा विकास अघाड़ी के आला अफसरों को अवगत कराने का प्रयास किया, तो आश्चर्यजनक रूप से कई लोग इन बातों से बहुत पहले परिचित थे, स्वयं मुख्यमंत्री ठाकरे भी। परमवीर सिंह ने कहा है कि उन्होंने इस मामले पर उद्धव से बात की थी पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। अर्थात उद्धव और शरद पवार तक ने न कोई एक्शन लिया न ही मामले की गंभीरता को समझा उल्टा जो चल रहा था उसे चलने दिया।

यदि एक राज्य में गृह मंत्री किसी अहम कार्यक्रम में हिस्सा लेता है, तो उसकी अधिकतर जानकारी मुख्यमंत्री को अवश्य होती है। किसी भी देश या प्रांत में गृह मंत्री मुख्यमंत्री का दाहिना हाथ माना जाता है। ऐसे में परमवीर सिंह की बातों में सच्चाई नजर आती है।

अब एक तरह से इस चिट्ठी के उजागर होने से पूरे महा विकास अघाड़ी में हड़कंप मच चुका है। जहां प्रशासन इस समय बगलें झाँकती फिर रही है, वहीं भाजपा के नेतृत्व में विपक्ष के पास यह खुलासा किसी सुनहरे अवसर से कम नहीं है। भाजपा के प्रमुख नेताओं में से एक किरीट सोमैया ने कहा कि सचिन वाझे की वसूली गैंग महाराष्‍ट्र के गृहमंत्री के लिए हर महीने 100 करोड़ की वसूली करती थी। उद्धव सरकार को पंद्रह महीने हो गए इसलिए सरकार को पंद्रह सौ करोड़ के भ्रष्‍टाचार का हिसाब देना होगा। वहीं, भाजपा के राजकीय प्रवक्ता राम कदम ने महाराष्ट्र के सीएम और गृहमंत्री का नार्को टेस्ट कराते हुए तुरंत इस्तीफे की मांग की।

ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि इस पूरे प्रकरण में अनिल देशमुख की जितनी जवाबदेही बनती है, उतनी ही जवाबदेही उद्धव की भी बनती है। एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने फिलहाल तो कहा है कि अनिल देशमुख कहीं नहीं जाने वाले, लेकिन सच्चाई तो कुछ और ही बयां कर रही है, और अब आने वाले दिन उद्धव ठाकरे की सरकार के लिए बेहद कष्टकारी सिद्ध होने वाले हैं।

 

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